आजादी के 70 सालों तक भाजपा को छोड़ किसी ने भी आदिवासी बंधुओं की चिंता नहीं की : जगत प्रकाश नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने आज, रविवार को रांची, झारखंड के मोरहाबादी मैदान में आयोजित “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा विश्वास रैली” को संबोधित किया और देश के स्वाधीनता संग्राम से लेकर देश के विकास में जनजातीय बंधुओं के योगदान की भूरि-भूरि सराहना की। इससे पहले बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची पहुँचने पर मानननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का भव्य स्वागत किया गया। इसके पश्चात् उन्होंने बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल मोरहाबादी मैदान तक आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का काफिला एक तरह से रोड शो में तब्दील हो गया क्योंकि सड़क पर कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता की भारी भीड़ उमड़ी थी। एयरपोर्ट पर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का स्वागत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री दीपक प्रकाश, पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास और केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने किया।

मोरहाबादी मैदान पहुँचने पर आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का झारखंड के विभिन्न जिलों से पहुंचे पार्टी के कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं ने स्थानीय परंपरा के अनुसार भव्य स्वागत किया। आदिवासी पुरुषों और महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर नाच-गान, ढोल, मंजीरे की संगीत के साथ उनका झारखंड की धरती पर हार्दिक अभिनंदन किया। विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित इस रैली में झारखंड के गाँव-गाँव से जनजातीय समुदाय के लगभग 50,000 आदिवासी बंधु उपस्थित थे। रैली स्थल के बाहर भी झारखंड की संस्कृति की झलक देखने को मिली।

भव्य “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा विश्वास रैली” को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि मुझे आज धरती आबा भगवान् बिरसा मुंडा की पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। मैं धरती आबा भगवान् बिरसा मुंडा को नमन करता हूँ। आदिवासी बंधु बोलते बहुत कम हैं लेकिन देशप्रेम के लिए वे हमेशा आगे रहे हैं। जब भारत में आजादी का आंदोलन शुरू भी नहीं हुआ था, उस समय अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अगर किसी ने आवाज उठाई थी तो हमारे आदिवासी भाईयों ने उठाई थी। 1780 यानी 18वीं शताब्दी से 1857 तक ये लड़ाई सबसे पहले हमारे आदिवासी भाइयों ने लड़ी। तिलका मांझी जी, सिद्धो-कान्हो, बुद्धू भगत सहित कई वीर आदिवासी बंधुओं ने अंग्रेजों से लोहा लिया और देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। 1915 में गांधी जी के भारत लौटने से वर्षों पहले आदिवासियों ने अंग्रेजों से लड़ाई शुरू कर दी थी। यह हमसब के लिए बहुत ही गर्व की बात है। मैं आजादी के आंदोलन में शहीद हुए सभी वीर शहीदों को नमन करता हूँ।

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद सही मायनों में आदिवासी समाज की चिंता यदि किसी पार्टी ने की है तो वह है भारतीय जनता पार्टी। पहले श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार आदिवासी बंधुओं के कल्याण के लिए समर्पित है। जनसंघ की स्‍थापना से ही आदिवासी समाज के कल्याण के लिए हम अहर्निश कार्य कर रहे हैं। इसके लिए पार्टी में एक अलग “अनुसूचित जनजाति मोर्चा” भी निरंतर काम कर रहा है। आदरणीय करिया मुंडा जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। वे आज मंच पर मौजूद हैं। मैं उनका भी स्वागत करता हूँ।

श्री नड्डा ने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के नेता ही कह सकते हैं कि हमने आदिवासियों के लिए ये-ये काम किए हैं क्योंकि हमने काम करके दिखाया है लेकिन आदिवासी बंधुओं के नाम पर राजनीति करने वाले कुछ राजनीतिक दल कुछ नहीं बोल सकते। वे बोलेंगे तो केवल यही बोलेंगे कि उन्होंने आदिवासियों को कैसे लूटा,  कैसे उन्होंने आदिवासियों के साथ विश्वासघात किया। आज श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में आठ आदिवासी बंधु मंत्री हैं, 26 सांसद हैं, राज्य सभा में भी 8 सांसद हैं, भाजपा के 190 आदिवासी विधायक हैं, दो राज्यपाल हैं, एक डिप्टी सीएम हैं। क्या कभी किसी केंद्र सरकार में आज से पहले आदिवासी बंधुओं को इतना सम्मान मिला था? उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 2014 से देश भर में जिस तरह से विकास की यात्रा शुरू हुई है, यह आदिवासी बंधुओं के आत्मगौरव व आत्मसम्मान का कालखंड है।

आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने उनकी जयंती 15 नवंबर को हर साल “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह दिन हमारे वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ देश के प्रति उनके बलिदानों के बारे में जान सकें। आजादी के 70 साल तक क्यों किसी ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने के बारे में नहीं सोंचा? ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें आदिवासी बंधुओं के विकास की नहीं बल्कि अपने विकास की चिंता थी। आजादी की लड़ाई के दौरान भारतीय आदिवासियों द्वारा किए गए बलिदानों के बारे में बात करने वाले कई स्थान नहीं हैं। इसलिए भारत सरकार ने देश में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय खोलकर ऐसी साहसी आत्माओं को सम्मानित करने का फैसला किया है। देश के 10 राज्यों में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है है। भारतीय जनता पार्टी कई स्थानों पर भगवान् बिरसा मुंडा यात्रा निकलेगी और 28 राज्यों में गौरव अभियान भी आयोजित किये जायेंगे।

श्री नड्डा ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ के तहत आदिवासी बहुल 36,428 गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। जब झारखंड में भाजपा की श्री रघुबर दास सरकार थी, तब आदिवासी खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एस्ट्रो टर्फ बनाया गया। भगवान् बिरसा मुंडा स्टेडियम का भी निर्माण शुरू हुआ। जल-जीवन मिशन के तहत लगभग 9 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है। इसमें से लगभग 1.30 करोड़ आदिवासी भाइयों के घर में भी नल से जल पहुंचा है। लगभग 90 लाख आदिवासी भाइयों को भी आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत देशभर में लगभग  39 लाख मकान आदिवासी भाइयों के लिए स्वीकृत हुए हैं जिनमें से 29 लाख बनकर तैयार हो चुके हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में जहां देश के लगभग 11 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है, वहीं लगभग 12 लाख आदिवासी किसानों को भी इसका लाभ मिल रहा है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने पहली बार वन उत्पादों पर एमएसपी का लाभ दिया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों तक श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने मुफ्त आवश्यक राशन पहुंचाया है।

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व एवं गरीब कल्याण नीतियों का ही परिणाम है कि विगत 8 वर्षों में देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले की संख्या में लगभग 12% की कमी आई है। इतना ही नहीं, देश में अत्यधिक गरीबी की दर भी महज 0.8% है। ये आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बदलते भारत की तस्वीर है। एकलव्य मॉडल स्कूल के माध्यम से आदिवासी छात्रों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लगभग 10 लाख आदिवासी बंधुओं स्टैंड-अप इंडिया के तहत एक करोड़ रुपये तक का लोन दिया गया है। जब झारखंड में भाजपा की रघुबर दास सरकार के समय ग्राम पदाधिकारियों को आर्थिक सहायता भी देने की शुरुआत हुई थी।

झारखंड में हेमंत सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए श्री नड्डा ने कहा कि हम सेवा करते हैं, वे मेवा खाते हैं। हम गरीबों के सशक्तिकरण में लगे हुए हैं, वे कमीशन खाने में लगे हुए हैं, गरीबों का हक़ मारने में लगे हुए हैं। भ्रष्टाचार और हेमंत सोरेन एक दूसरे के पर्यायवाची बन गए हैं। हेमंत सोरेन खुद सीएम हैं और उन्होंने खुद के नाम पर तथा अपने करीबियों के नाम पर खदान की लीज ली। हेमंत सरकार में नक्सलवादियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। झारखंड में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। बहनें सुरक्षित नहीं हैं। आदिवासी बंधुओं के खिलाफ हमले हो रहे हैं। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। अंधेर नगरी चौपट राजा – टका सेर भाजी टका सेर खाजा वाली स्थिति झारखंड की हो गई है हेमंत सोरेन सरकार में। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अवैध खनन मामले में भी हेमंत सोरेन सरकार जांच के दायरे में है। कई मामलों के तार मुख्यमंत्री ऑफिस से भी जुड़े हुए हैं। एक निलंबित अधिकारी के ऊपर ईडी की कार्यवाही होती है और परेशानी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को होती है। घोटाले में गिरफ्त में कोई और आती है, दर्द किसी और को होता है। ऐसे में झारखंड में बदलाव की जरूरत है।