कारगिल में विपरीत परिस्थितियों में हमारे बहादुर जवानों ने शौर्य की अमर गाथा लिखी: जगत प्रकाश नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज सोमवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में भारतीय सेना के साहस,शौर्य, पराक्रम व राष्ट्र के प्रति समर्पण के प्रतीक कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इस अवसर उपस्थित गणमान्य अतिथियों को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर देश की रक्षा में शहीद हुए वीर जवानों की धर्मपत्नियों और देश के रिटायर्ड वीर जवानों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में कई सेना के अधिकारी (रिटायर्ड), वीर चक्र और गैलेंट्री अवार्ड विजेता जवान (रिटायर्ड) एवं उनके परिजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मेजर जनरल (रिटायर्ड) श्री एम. श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद श्री अरुण सिंह भी उपस्थित थे। 

श्री नड्डा ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए गर्व का विषय है। यह देश के वीर जवानों के शौर्य, त्याग और बलिदान का दिवस है। आज के दिन हम अपने आप को समर्पित करते हैं उन वीर जवानों के सम्मान के प्रति,  जिन्होंने अपना सर्वस्व देश की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। कारगिल विजय दिवस को हम बहादुरी दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल में विपरीत परिस्थितियों में हमारे बहादुर जवानों ने शौर्य की अमर गाथा लिखी। मैं नम आंखों से सभी शहीद अमर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं। वे लड़ते-लड़ते देश के लिए शहीद हो गए लेकिन दुश्मनों को अपनी सरजमीं पर पाँव नहीं जमाने दिया, इसलिए आज हम ये विजय दिवस मना रहे हैं।

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम सब जानते हैं कि किस तरह पाकिस्तान ने धोखे से सीमा पर कायराना हरकत की थी और किस तरह हमारे जवानों ने उनके नापाक साजिश को नेस्तोनाबूद करते हुए कारगिल में तिरंगा फहराया था और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। यह विजय दिवस संभव नहीं होता यदि हमारे जवानों ने भारत माँ की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति न दी होती। वे पूरे देश के थे। आज भी वे अकेले नहीं थे, वे सभी अमर सेनानी देश के 135 करोड़ जनता के दिलों में बसते हैं।

श्री नड्डा ने कहा कि यह सही है कि डिफेंस का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन, हमें यह भी समझना चाहिए कि कौन से ऐसे नेता हैं और कौन सी ऐसी पार्टी है जो देश की सुरक्षा को सबसे अधिक अहमियत देती है, उसे हमेशा प्राथमिकता देती है। हमें यह भी समझना चाहिए कि किसके आने से फर्क पड़ता है और किसके जाने से फर्क पड़ता है। मेरा पूरा परिवार आर्मी बैकग्राउंड का है। मेरे अंकल द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ चुके हैं, उन्होंने इंडियन आर्मी में भी सेवायें दी। मेरे कई रिश्तेदार आर्मी में हैं। मुझे पता है कि पहले बॉर्डर पर दुश्मनों के हमले के बावजूद एक गोली चलाने हेतु परमिशन के लिए भी कई-कई दिन इंतजार करना पड़ता था। जब दिल्ली तक बात पहुँचती भी थी तो केंद्र सरकार की ओर से बताया जाता था कि हम बताते हैं कि आपको क्या करना है। आज जब केंद्र में माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब सेना को खुली छूट है स्थिति का आकलन कर निर्णय लेने के लिए। यह होता है नेतृत्व के बदलने का असर। उस वक्त बॉर्डर पर देश की सीमा पर खड़े जवानों की क्या मनोदशा होती होगी जब उन्हें कुछ न करने के लिए बोला जाता होगा।

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमने वो दिन भी देखा है जब एक टेररिस्ट यहाँ आकर आराम से उत्पात मचाता था और गायब हो जाता था, हम आतंकियों का कुछ कर नहीं पाते थे लेकिन आज हालात अलग हैं। अब हिंदुस्तान में किसी भी टेररिस्ट की उम्र एक-डेढ़ सप्ताह से अधिक की नहीं होती। वहीं जवान हैं, वही शौर्य है लेकिन यह नेतृत्व का प्रभाव है कि अब जवान दुश्मनों पर ऐसा सधा हुआ वार करते हैं कि उनकी खड़े होने की भी हिम्मत नहीं पड़ती।

श्री नड्डा ने कहा कि ओआरओपी (OROP) का मुद्दा तो वर्षों से लंबित था। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं, जिन्होंने OROP को इम्प्लीमेंट किया। 2012-14 में सेना का बजट 1,47,000 करोड़ रुपये का था जबकि आज यह बढ़ कर 4,78,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें से भी लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये इक्विपमेंट और आधुनिकीकरण पर खर्च हो रहे हैं। मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ हमारी सरकार ने नागा शांति समझौता, बोडो शांति समझौता जैसे कई कार्य किये हैं जिससे इंटरनल पीस प्रोसेस को गति मिली है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं कुछ दिन पहले अटल टनल देखने गया था। लोग वाकिफ हैं कि पहले तो यह स्थिति होती थी कि अक्टूबर से मई तक सब कुछ बंद होता था बर्फ़बारी के कारण। लाहौल बंद, लेह बंद, कोई रास्ता नहीं, एक घंटे का रास्ता 5 घंटे में तय होता था। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अटल टनल की आधारशिला रखी थी। यूपीए सरकार आने के बाद अटल टनल का निर्माण कार्य काफी धीमा हो गया था। एक बार जब श्रद्धेय अटल जी मनाली आये थे तो उन्होंने मुझसे पूछा था कि अटल टनल का निर्माण कार्य कैसा चल रहा है। मैंने कहा कि काम तो काफी धीमा है। तब श्रद्धेय अटल जी ने कहा था कि वह पत्थर मेरे दिल पर गड़ा है। अटल टनल का काम तब पूरा हुआ जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार आई। 

श्री नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की सीमा सुरक्षा को मजबूत किया है और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में काफी काम हुआ है। मोदी सरकार में अब तक हजारों मीटर के कई ऑल वेदर डबल लेन ब्रिज बन चुके हैं। पिछले छः वर्षों में बॉर्डर पर लगभग 4,764 किमी ऑल वेदर रोड बन चुका है। डोकलाम और लद्दाख में फेस-ऑफ़ होने पर हम इतनी जल्दी सीमा पर पहुँच पाए तो उसका एक मुख्य कारण बॉर्डर पर हमारे इन्फ्रास्ट्रक्चर का मजबूत होना भी है। इतना ही नहीं, भारत-चीन सीमा पर 73 रोड प्लान किये जा रहे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में 44 स्ट्रेटजिक ब्रिज बनाए जा रहे हैं। दौलत बेग ओल्डी रोड का निर्माण भी हमारी सरकार में पूरा हुआ। यह 19 साल में बन कर तैयार हुई। इसमें भी इसका 70% काम मोदी सरकार के छः सालों में पूरा हुआ। पश्चिम बंगाल और सिक्किम को जोड़ने वाली 45 किमी लाइन पर भी काम चल रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज चेनाब पर बन रहा है।

कांग्रेस पर बरसते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की फिलॉसोफी रही है कि “No decision is the best decision” और जब देश के हित में किसी भी डील की बात आती है तो कांग्रेस की फिलॉसोफी होती है “No Mission but Commission”. यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री ने क्या-क्या कहा था, सब ऑन रिकॉर्ड है। आज हमारे पास राफेल का बेड़ा है, मारक अपाचे है, चिनूक है, सर्फेस टू एयर मिसाइल है, होवित्जर है, वज्र आर्टिलरी गन है और बुलेट प्रूफ जैकेट्स का तो हम अब निर्यात करने लगे हैं। मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम का निर्माण हो रहा है। यूपीए काल में सेना का आधुनिकीकरण बिलकुल ठप्प पड़ गया था। आज हम सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में काफी आगे बढ़े हैं। इस क्षेत्र में एफडीआई 74% कर दिया गया है।

श्री नड्डा ने कहा कि Leadership makes a difference. कारगिल लड़ाई के समय जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ युद्ध विराम की भीख मांगने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के पास गए थे तब हमारे प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अमेरिका जाने से मना कर दिया था। तब उन्होंने कहा था कि हमारे जवान मोर्चे पर लड़ रहे हैं। जब तक हमारी सीमा दुश्मनों के चंगुल से मुक्त नहीं हो जाती, मैं देश छोड़ कर नहीं जा सकता। यह होती है नेतृत्व क्षमता की विशेषता। जब केंद्र में आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पुनः भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो आतंकी गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाते हुए हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा – घर में घुस कर करारा जवाब दिया जाएगा। हमने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके दिखा दिया कि India means Business, Business & Business. हम न आँख दिखा कर बात करेंगे, न आँख झुका कर बात करेंगे लेकिन आँख में आँख डाल कर बात करेंगे।

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि Nationalism is synonyms to Bharatiya Janata Party. इसे संजो कर रखना हमारी जिम्मेवारी है। हम बहुत खुशनसीब हैं कि हमारे देश के पास ऐसे वीर जवान हैं जो अपना सर्वस्व अर्पण कर भी देश की रक्षा कर रहे हैं। ऐसे बलिदानी और त्यागी अमर जवानों को शत-शत नमन!