चार चरणों में जो भारी संख्या में मतदान हुआ है, वह ‘असोल पोरिबोर्तन’ के लिए है: नरेन्द्र मोदी

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के बर्धमान, कल्याणी और बारासात में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से प्रदेश के विकास एवं बंगाल की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए कटिबद्ध भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की अपील की।

श्री मोदी ने कहा कि चार चरणों में जो भारी संख्या में मतदान हुआ है, वहअसोल पोरिबोर्तनके लिए है। असोल पोरिबोर्तन अर्थात् बंगाल का विकास तथा दीदी के कुशासन, सिंडिकेट और तोलाबाजों से मुक्ति। अपने राजनीतिक हितों के लिए बंगाल के लोगों की हत्या, अपने तोलाबाजों को फायदा पहुंचाने के लिए बंगाल के लोगों से लूट-पाट, अपने सिंडिकेट को ताकतवर बनाने के लिए बंगाल के लोगों से विश्वासघात, दीदी के 10 साल के काम का रिपोर्ट कार्ड यही है।

आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी को अहंकार हो गया है कि हर खेल उन्हीं से शुरु होता है और हर वही खत्म भी करती हैं। तभी तो वह कहती हैं कि खेला होबे लेकिन दीदी, ये मत भूलिए कि ये लोकतंत्र है। यहां जनता जनार्दन ही भगवान है। यहां खेल भी जनता ही शुरु करती है और खेला शेष भी जनता ही करती है। उन्होंने कहा कि हार की बौखलाहट में दीदी और उनकी पार्टी के लोग अब हर सीमा तोड़ रहे हैं। दीदी के नेता खुलेआम बंगाल के एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को अपशब्द कहने लगे हैं। आखिर क्यों? सिर्फ इसलिए क्योंकि वे भाजपा को सपोर्ट करते हैं। अपनी हार सामने देख अब दीदी ने एक नई रणनीति अपनाई है। दीदी की साजिश है कि एससी, एसटी और ओबीसी, किसी को भी वोट ही नहीं डालने दिया जाए। दीदी की साजिश है – इन वर्गों के लोगों को वोट डालने से रोकना और अपने गुंडों से छप्पा भोट (वोट) डलवाना। खुलेआम कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग केंद्रीय वाहिनी का घेराव करेंगे और दीदी के बाकी समर्थक छप्पा भोट डालेंगे। चर्चा है कि कूच बिहार में जो हुआ, वह दीदी के इसी छप्पा भोट मास्टर प्लान का हिस्सा था। दीदी, ओ दीदी! कान खोलकर सुन लीजिए, आपको किसी मतदाता का अधिकार छीनने नहीं दिया जाएगा।

श्री मोदी ने कहा कि आज पूरा बंगाल समझ चुका है कि आर्थिक उन्नयन, निवेश और शिल्प, दीदी और उनके दल की प्राथमिकता कभी रही ही नहीं। तृणमूल के लिए उन्नयन का मतलब है- अपने कैडर का उन्नयन, अपराधियों का उन्नयन। तृणमूल के लिए शिल्प है – माफिया, मानव तस्करी, बम बनाना, अवैध कब्ज़ा। यहां तक कि सती माता पीठ जैसे पवित्र स्थान की ज़मीन तक को इन्होंने नहीं छोड़ा। यही दीदी का रिपोर्ट कार्ड है।

माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी की कड़वाहट, उनका क्रोध, उनकी बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है। जानते हैं क्यों? मैं बताता हूं। क्योंकि बंगाल में हुए आधे चुनावों में आपने टीएमसी को पूरा साफ कर दिया है। यानी आधे चुनाव में ही टीएमसी पूरी साफ।

  • एक तो नंदीग्राम में बंगाल के लोगों ने दीदी को क्लीन बोल्ड कर दिया। अर्थात् बंगाल में दीदी की पारी समाप्त हो चुकी है।
  • दूसरा, बंगाल के लोगों ने दीदी का बहुत बड़ा प्लान फेल कर दिया। बंगाल की जो जनता है, वो काफी दूरदृष्टा है। दीदी तैयारी करके बैठी थीं कि पार्टी की कप्तानी भाइपो को सौंपेंगी, लेकिन दीदी का ये खेला भी जनता ने समय रहते समझ लिया। इसलिए दीदी का सारा खेला धरा का धरा रह गया।
  • और तीसरा, दीदी की पूरी टीम को ही बंगाल के लोगों ने मैदान से बाहर जाने को कह दिया है। अब दीदी बंगाल के लोगों से गुस्सा तो होगी ही।

श्री मोदी ने कहा कि दीदी ने मोदी के साथ-साथ बंगाल के एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के मेरे भाइयों और बहनों के विरुद्ध खुली लड़ाई छेड़ दी है। दीदी ने बंगाल के सामान्य वोटर, आप सभी को बदनाम करने का अभियान शुरू कर दिया है। दीदी के लोग, बंगाल के एससी, एसटी के हमारे भाई-बहनों को भिखारी कहने लगे हैं। बाबा साहेब की आत्मा को दीदी के लोगों के ये कड़वे बोल सुनकर, कितना कष्ट हुआ होगा। दीदी तो खुद को रॉयल बंगाल टाइगर बोलती हैं ना। अनुसूचित भाइयों के मेरे भाइयों और बहनों के खिलाफ ऐसा घृणित बयान बिना दीदी की मर्जी के कोई नहीं दे सकता। दीदी, ये भी जान लीजिए, गरीब बिकाऊ नहीं होता, स्वाभिमानी होता है। गरीब आपके तोलाबाज़ कार्यकर्ताओं की तरह दूसरों की कमाई पर नहीं जीता। दीदी, आपने ये अच्छा नहीं किया। दीदी के करीबी अब कहने लगे हैं कि भाजपा को वोट देने वालों को उठाकर बाहर फेंक देंगे। हालत तो ये हो गई है कि दीदी अब सुरक्षाबलों के खिलाफ अपने कार्यकर्ताओं को भड़का रही हैं। दीदी, ओ दीदी, आपको गुस्सा करना है तो मोदी पर करिए। आपको अपशब्द देना है तो मोदी को दीजिए, खूब दीजिए। टोकरा भर-भर के दीजिए लेकिन बंगाल की गरिमा, बंगाल की गौरवमयी पहचान का अपमान मत करिए। आपके तोलाबाजों, आपके सिंडिकेट, आपके कट-मनी सिस्टम को अब बंगाल बर्दाश्त नहीं करेगा। और इसलिए बंगाल आज ‘सोनार बांग्ला’ के संकल्प के साथ है।

आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से चुनाव शुरू हुए हैं, क्या एक बार भी दीदी ने रैलियों में कहा कि ज्यादा से ज्यादा मतदान होना चाहिए? क्या दीदी ने एक बार भी कहा कि सभी मत-संप्रदाय, सभी वर्ग के लोग लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। क्या दीदी ने एक बार भी अपील की, कि शांतिपूर्ण मतदान हो। क्या एक बार भी उन्होंने ये कहा कि जो लोग हिंसा फैलाएंगे, मतदान में बाधा डालने का प्रयास करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी? बंगाल की जनता समझ सकती है कि दीदी के इरादे क्या हैं? दीदी जानती हैं कि इतना ज्यादा मतदान भाजपा के पक्ष में हो रहा है, इसलिए वह ज्यादा मतदान के खिलाफ हैं। दीदी जानती हैं कि चुनाव में उनके गुंडे ही हिंसा कर रहे हैं, इसलिए वो हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात नहीं कर रहीं। जैसे-जैसे 2 मई नजदीक आ रही है, दीदी की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। वह किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने अब अपने समर्थकों को भड़काना शुरू कर दिया है। वह यहां हिंसा फैलाना चाहती हैं, अशांति पैदा करना चाहती हैं। पंचायत चुनाव के समय दीदी की पार्टी ने जिस तरह लोकतंत्र को लूटा था, अब वही कोशिश, वही साजिश वो दोबारा कर रही हैं लेकिन मैं दीदी को साफ-साफ कहना चाहता हूं। दीदी, आपकी हर साजिश को बंगाल की जनता ही नाकाम करेगी। आपकी हर साजिश का जवाब, बंगाल की जनता खुद दे रही है।

श्री मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले जब मैं बांग्लादेश गया था, तो ओराकान्दी की पवित्र धरती को चरण स्पर्श करने का अवसर मिला था। मुझे वहां मतुआ समुदाय के एक साथी मिले, जिन्होंने कहा कि मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं जो ओराकान्दी में श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी का आशीर्वाद लेने पहुंचा। दीदी को मेरा ओराकान्दी जाना भी पसंद नहीं आया। दीदी ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए। दीदी, 10 साल आपने बंगाल के दलितो-पीड़ितो-शोषितों-वंचितों से कैसे नफरत दिखाई है, ये देश अब देख रहा है। आपने न ही मतुआ समाज के मेरे भाइयों-बहनों के लिए कुछ किया और न ही नामशुद्र समाज के लिए। मैं यहां आज आप सभी को आश्वस्त करने आया हूं। यहां भारत मां में आस्था रखने वाले सभी शरणार्थी साथियों को हर सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। भाजपा के लिए तो सभी शरणार्थियों, मतुआ और नामशूद्र साथियों को न्याय दिलाना एक तरह से भावनात्मक कमिटमेंट भी है।

माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी ने 10 साल तक मां-माटी-मानुष के नाम पर बंगाल पर राज किया है। इन 10 वर्षों में बंगाल के लोगों की जो सबसे बड़ी पीड़ा रही है, उसकी उतनी चर्चा नहीं हुई जितनी होनी चाहिए। ये पीड़ा है बंगाल में दीदी का कुशासन। दीदी ने बंगाल में गवर्नेंस के नाम पर बहुत बड़ा गड़बड़झाला किया है। जन्मदिन मनाना है, तो टीएमसी से पूछो। घर बनाना है, तो टीएमसी को कट-मनी दो। राशन लेना है, तो टीएमसी को कटमनी दो। कहीं अपना सामान ले जाना है, अपना सामान लाना है, तो टीएमसी को कट-मनी दो। किसी को अपना सामान बेचना है, तो टीएमसी को कट मनी दो। 10 साल तक दीदी की गलत नीति रही है – विभक्त करो, राज करो! यानि बांटो और राज करो ! भाजपा युक्त करो, सेवा करो अर्थात् जोड़ोऔर सेवा करो की भावना से काम करेगी। भाजपा का मंत्र है, ‘सकलेर साथ, सकलेर विकास, सकलेर विश्वासयानि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। टीएमसी का मार्ग रहा है – मां को सताओ, माटी को लूटो, मानुष का रक्त बहाओ।

श्री मोदी ने कहा कि आपने देखा, पढ़ा होगा कि बिहार के पूर्णिया जिले के एक गांव में कल एक मां और एक बेटे की चिता साथ में जलाई गई। बहुत हृदय विदारक दृश्य था। मां की मृत्यु, अपने बेटे की हत्या के सदमे से हुई थी। कौन था वीर जवान? वह वीर जवान, दो दिन पहले अपने कर्तव्य का पालन करने बंगाल की धरती पर आया था लेकिन यहां बंगाल में पीट-पीट कर उस पुलिस अफसर की हत्या कर दी गई। मां ने जब अपने वीर जवान बेटे का शव देखा, तो उसने दम तोड़ दिया। क्या उस पुलिस अफसर की मां, आपके लिए मां नहीं थीं दीदी? आप इतनी कठोर हैं, इतनी निर्मम हैं, इसका अंदाजा बंगाल की किसी मां को नहीं था।

आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने भतीजे के भविष्य को बचाने के लिए, भाइपो के भविष्य को बचाने के लिए दीदी ने बंगाल के युवाओं के वर्तमान और भविष्य को दांव पर लगा दिया है। विगत 10 साल के शासन में दीदी ने अपने भतीजे को कहां से कहां पहुंचा दिया। बंगाल के युवाओं को दीदी ने क्या दिया? सिर्फ रोजगार का इंतजार, नौकरी में भ्रष्टाचार। क्या दीदी के लिए अपना भतीजा ही सब कुछ है, बंगाल के युवा कुछ नहीं।

श्री मोदी ने कहा कि बेटियों से जघन्य अपराध करने वालों को जल्द से जल्द सख्त सजा हो, इसके लिए देशभर में फास्ट ट्रैक कोर्ट खोली जा रही हैं लेकिन, दीदी की सरकार ने बंगाल में इस पर भी ब्रेक लगा दिया है। जहां माफिया, तस्कर, क्रिमिनल बेखौफ होकर चलते हों, वहां बेटियां कैसे सुरक्षित रह सकती हैं। 21वीं सदी का बंगाल, आकांक्षी बंगाल है। 2021 का बंगाल सुशासन चाहता है। 2021 का बंगालअसल परिवर्तनचाहता है। यहां का गरीब, यहां का मध्यम वर्ग शांति चाहता है, स्थिरता चाहता है।

माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि बारासात को, उत्तर 24 परगना को तो ‘चाल चोर’ गिरोह का साक्षात अनुभव है। केंद्र ने कोरोना राहत के लिए मुफ्त चावल और चना भेजा, दीदी के लोगों ने लूट लिया। अम्फान राहत के लिए चावल भेजा, पैसा भेजा, दीदी के लोगों ने लूट लिया। मां-माटी-मानुष की बात कहने वाली दीदी से संवेदनशीलता की उम्मीद थी। लेकिन दीदी ने क्या किया? अम्फान चक्रवात ने गरीब की बाड़ी, उसके सपने, उसका सब कुछ छीन लिया था, तबाह किया। जितना दर्द चक्रवात ने दिया, उससे ज्यादा दर्द आपको दीदी के विश्वासघात ने दिया है।

श्री मोदी ने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार, समंदर किनारे एक नई आर्थिक व्यवस्था, ब्लू रिवॉल्यूशन पर काम कर रही है। मछली पालन हो, दूसरे सी-फूड हों, इसे प्रमोट किया जा रहा है। हमारे मछुआरे भाई-बहनों के लिए आजादी के बाद पहली बार 20 हजार करोड़ रुपए की एक विशेष योजना बनाई गई है। दीदी की नीतियों ने कृषकों की कमर तोड़ दी है और शिल्प की समृद्ध परंपरा को बर्बाद कर दिया है। गांधी जी ने यहां खादी आश्रम खोला- टीएमसी के लोगों ने खादी को प्रोत्साहित करने के बजाय इस पर कब्ज़ा कर लिया। देशभर में जूट से बने बोरों, कैरी बैग, ऐसे अनेक सामान की डिमांड को केंद्र सरकार ने बहुत बढ़ाया है, लेकिन पश्चिम बंगाल का जूट उद्योग, जूट कृषक संकट में है। डबल इंजन की भाजपा सरकार इस स्थिति को भी बदलेगी।

आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि‘धान का कटोरा’ कहा जाने वाला हमारा बर्धमान, यहां के लोग, आज मूल सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। आजादी के शुरुआती वर्षों में जो नहरें बनीं, उसकी सही देख रेख तक यहां की सरकार नहीं कर पाई। नई नहरें बनाना कभी दीदी की प्राथमिकताओं में रहा ही नहीं। डबल इंजन की सरकार डबल स्पीड के साथ, डबल विकास करने वाली सरकार है। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण है। ये फ्रेट कॉरिडोर जब पूरा हो जाएगा तो इस पूरे क्षेत्र में शिल्प, रोजगार और व्यापार के अनेक अवसर तैयार होंगे।

श्री मोदी ने कहा कि दीदी ने कहा था कि कल्याणी को थीम सिटी बनाएंगे। लेकिन उन्होंने करप्शन, तोलाबाज़ी और सिंडिकेट की अपनी टीम यहां लगा दी। उन्होंने पंचायतों और नगर निगमों को टीएमसी का दफ्तर बना दिया। दीदी ने हार के डर से नगर निगमों के चुनाव नहीं कराए, तोलाबाजों के हाथों में सारा प्रशासन दे दिया। बिल्डिंग प्लान, वाटर कनेक्शन, हर चीज, हर क्लीयरेंस, हर NOC, हर परमिशन के लिए कट मनी। आपके घर में शुद्ध पानी नहीं आता, क्योंकि पानी माफिया का दबाव है। अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगती, क्योंकि सिंडिकेट का दबाव है। इतने दशकों बाद पश्चिम बंगाल को पहला एम्स मिला है, वह भी कल्याणी में बना है। दीदी को सिर्फ एम्स को कल्याणी स्टेशन से जोड़ना था, वो तक नहीं कर पाईं। दीदी की गलत नीतियों ने बंगाल के गरीब और मिडिल क्लास के स्वास्थ्य के साथ बहुत बड़ा खेला किया है। आयुष्मान भारत से यहां के गरीब को पूरे देश में कहीं भी पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलना था। दीदी ने यह भी होने नहीं दिया। बंगाल की भलाई के लिए दीदी की विदाई होनी ही चाहिए।