देश में लोकतंत्र का महोत्सव शुरू हो चुका है। लोकसभा चुनाव 2019 के दो चरणों के मतदान के बाद पुन: यह बात कही जा सकती है कि देश में लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं। जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान में भाग लिया है वह वास्तव में देश के लिये अति उत्साहजनक संदेश है। भारतीय लोकतंत्र न केवल परिपक्व हुआ है, बल्कि जन–जन की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन गया है। देश में युवा, महिला, किसान, मजदूर, अनु.जाित, अनु.जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब- हर वर्ग के लोग अपने मतदान के माध्यम से अपने सपनों को साकार करने में योगदान दे रहे हैं। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में जन–जन के मन में यह विश्वास दृढ़ हुआ है कि उनके सपने साकार होना संभव है। देश में हो रहे उच्च मतदान से यह स्पष्ट है कि लोग श्री नरेन्द्र मोदी में देश का भविष्य देख रहे हैं और फिर से एक बार उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिये बड़ी संख्या में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
लोकसभा 2019 का चुनाव अपने–आप में अनूठा है। चुनावी पंडितों के लिये यह अचंभे की बात है कि पिछले पांच वर्षों की ‘एंटी–इंकम्बेंसी’ की जगह गांव–गांव एवं घर–घर में ‘प्रो–इंकम्बेंसी’ का बोलबाला है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पिछले पांच वर्षों की दिन–रात की कड़ी मेहनत से देश की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। घपले–घोटाले, भ्रष्टाचार एवं कुशासन के कांग्रेसी दौर से देश उबर चुका है और लोगों ने केन्द्र में एक भ्रष्टाचारमुक्त एवं निर्णायक सरकार को काम करते हुए देखा है। मोदी सरकार की पिछले पांच वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने पूरे देश को निराशा एवं असमंजस की स्थिति से निकालकर आशा एवं विश्वास के युग में प्रवेश करा दिया है। चाहे विश्व का कोई मंच हो या सुदूर गांव की कोई चौपाल, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दृढ़निश्चयी नेतृत्व, दूरदर्शिता एवं कड़ी मेहनत से अपनी छाप छोड़ी है। अनेक अभिनव योजनाओं एवं राजनैतिक संकल्प के फलस्वरूप पूरा देश एक व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और पूरे विश्व में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है।
पिछले पांच वर्षों में पूरे विपक्ष की यह विफलता रही कि आधारहीन आरोपों एवं झूठ की बुनियाद पर अपनी राजनीति को रखने के कारण जन–जन से वह पूरी तरह कट गई। रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाकर कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दलों को अपनी खोई हुई विश्वसनीयता को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए था, पर वे ऐसा करने से चूक गये। नकारात्मक राजनीति कर न केवल कांग्रेस एवं इसके सहयोगियों ने विकास की गति में अड़ंगे डालने का प्रयास किया, बल्कि राष्ट्रीय विषयों पर भी पूरे देश के साथ कदम से कदम नहीं मिला पाए। आतंकवाद पर पाकिस्तान की भाषा बोलकर एवं ‘टुकड़े–टुकड़े गैंग’ के समर्थन में खड़े होने से कांग्रेस नेतृत्व पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। इन चुनावों में जनता इन्हें सबक सिखाने के लिए बेताबी से इंतजार कर रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में देश की राजनीति एक नये युग में प्रवेश कर गयी है। वंशवाद, भाई-भतीजावाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं संप्रदाय की विभाजक राजनीति से ऊपर उठकर ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ की राजनीति से देश का जन-जन प्रेरित हो रहा है। यही कारण है क हाल के वर्षों में देश में हुए विभिन्न चुनावों में देश की जनता से कमल के फूल पर अपना अटूट विश्वास व्यक्त किया है, देश के जन-जन को अब यह स्पष्ट है कि देश में विभाजक राजनीति जो कुछ स्वार्थी एवं स्व-केंद्रित नेताओं के इर्द-गिर्द बुनी गई है, उससे देश पिछड़ता ही चला गया है। अब देश को भविष्योन्मुखी नीतियों के साथ ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण के लिये ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर पूरे देश को चलना होगा। अब तक के दो चरणों के मतदान से यह स्पष्ट है कि देश ने मन बना लिया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही देश आने वाले पांच वर्ष की यात्रा विकास एवं सुशासन के मार्ग पर चलकर तय करेगा। जिस प्रकार से पिछले पांच वर्षों में देश ने प्रगति के पथ पर कदम बढ़ाया है तथा पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है, उस गति को बनाये रखने के लिये पूरा देश आज श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को आवश्यक मानता है। एक नये भारत के स्वप्न को साकार करने के लिये आज पूरा देश बड़ी संख्या में अपने मतदान के माध्यम से भागीदारी कर रहा है।
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