हमारे कुल यूनिकॉर्न में से 44 पिछले साल बने : नरेन्द्र मोदी

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मन की बात

आज भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है,
छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी सामने आ रहे हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 मई को ‘मन की बात’ की 89वीं कड़ी में देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 पंहुचने पर खुशी व्यक्त की और साथ ही तीर्थ क्षेत्रों की गरिमा बनाए रखने के लिए लोगों से अपील भी की। श्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले देश ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो हम सभी को प्रेरणा देती है। भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया विश्वास जगाती है।

उन्होंने कहा कि इस महीने 5 तारीख को देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच गई है और आपको तो पता ही है कि एक यूनिकॉर्न यानी, कम-से-कम साढ़े सात हज़ार करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप। इन यूनिकॉर्न्स का कुल मूल्य 330 अरब डॉलर यानी, 25 लाख करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है। निश्चित रूप से ये बात हर भारतीय के लिए गर्व करने वाली बात है।

श्री मोदी ने कहा कि हमारे कुल यूनिकॉर्न में से 44 पिछले साल बने थे। इतना ही नहीं, इस वर्ष के 3-4 महीने में ही 14 और नए यूनिकॉर्न बन गए। इसका मतलब यह हुआ कि वैश्विक महामारी के इस दौर में भी हमारे Start-Ups, wealth और value, create करते रहे हैं।

पर्यावरण को लेकर हमें अपने आस-पास के सकारात्मक अभियान चलाने चाहिए और ये निरंतर करने वाला काम है। आप इस बार सबको साथ जोड़कर स्वच्छता और वृक्षारोपण के लिए कुछ प्रयास ज़रूर करें। आप खुद भी पेड़ लगाइये और दूसरों को भी प्रेरित करिए

उन्होंने कहा कि इंडियन यूनिकॉर्न्स की औसत वार्षिक वृद्धि दर यूएसए, यूके और अन्य कई देशों से भी ज्यादा है। विश्लेषकों का तो ये भी कहना है कि आने वाले वर्षों में इस संख्या में तेज उछाल देखने को मिलेगी। एक अच्छी बात ये भी है कि हमारे यूनिकॉर्न्स विभिन्न क्षेत्रों के हैं। ये ई-कॉमर्स, फिन-टेक, Ed-Tech, बायो-टेक जैसे कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि आज भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की इस सफलता के पीछे देश की युवा-शक्ति, देश की प्रतिभा और सरकार सभी मिलकर के प्रयास कर रहे हैं, हर किसी का योगदान है, लेकिन इसमें एक और बात महत्वपूर्ण है, वो है स्टार्ट-अप वर्ल्ड में सही मार्गदर्शन। एक अच्छा मार्गदर्शक स्टार्ट-अप को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

जहां कही भी जाएं, तीर्थ क्षेत्रों की गरिमा बनी रहे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस समय हमारे देश में उत्तराखण्ड के ‘चार-धाम’ की पवित्र यात्रा चल रही है। ‘चार-धाम’ और खासकर केदारनाथ में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंच रहे हैं। लोग अपनी ‘चार-धाम यात्रा’ के सुखद अनुभव साझा कर रहे हैं, लेकिन मैंने ये भी देखा कि श्रद्धालु केदारनाथ में कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गन्दगी की वजह से बहुत दु:खी भी हैं।

श्री मोदी ने कहा कि हम पवित्र यात्रा में जायें और वहां गन्दगी का ढ़ेर हो, ये ठीक नहीं। लेकिन इन शिकायतों के बीच कई अच्छी तस्वीरें भी देखने को मिल रही हैं। जहां श्रद्धा है, वहां सृजन और सकारात्मकता भी है। कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो बाबा केदार के धाम में दर्शन-पूजन के साथ-साथ स्वच्छता की साधना भी कर रहे हैं। कोई अपने ठहरने के स्थान के पास सफाई कर रहा है, तो कोई यात्रा मार्ग से कूड़ा-कचरा साफ कर रहा है। स्वच्छ भारत की अभियान टीम के साथ मिलकर कई संस्थाएं और स्वयंसेवी संगठन भी वहां काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम जहां कही भी जाएं, इन तीर्थ क्षेत्रों की गरिमा बनी रहे। शुचिता, साफ़-सफाई, एक पवित्र वातावरण हमें इसे कभी नहीं भूलना है, उसे ज़रूर बनाए रखें और इसीलिए ज़रूरी है कि हम स्वच्छता के संकल्प को याद रखें।

श्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन बाद ही 5 जून को विश्व ‘पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाता है। पर्यावरण को लेकर हमें अपने आस-पास के सकारात्मक अभियान चलाने चाहिए और ये निरंतर करने वाला काम है। आप इस बार सबको साथ जोड़कर स्वच्छता और वृक्षारोपण के लिए कुछ प्रयास ज़रूर करें। आप खुद भी पेड़ लगाइये और दूसरों को भी प्रेरित करिए।