बिहार के लोग ठान चुके हैं एनडीए को फिर जिताना जरूरी है: नरेन्द्र मोदी

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                                                      राष्ट्रीय  जनतांत्रिक गठबंधन

         विशाल जनसभा-भागलपुर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के डेहरी (सासाराम), गांधी मैदान, गया और हवाई अड्डा मैदान, भागलपुर में 23 अक्टूबर 2020 को आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और कहा कि बिहार ने चुनाव से काफी पहले ही एनडीए सरकार बनाने का निर्णय ले लिया है। सासाराम में मंच पर श्री मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष श्री मुकेश सहनी और सासाराम से सांसद श्री छेदी पासवान भी उपस्थित थे। सासाराम की रैली से भाजपा के 12, जदयू के 12 और वीआईपी के 1 उम्मीदवार एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र से श्री मोदी की रैली से वर्चुअली जुड़े। गया में श्री मोदी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, बिहार सरकार में मंत्री श्री प्रेम कुमार सहित कई एनडीए के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। भागलपुर की रैली में मंच पर श्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सहित एनडीए के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

श्री मोदी ने सर्वप्रथम केंद्र सरकार में मंत्री एवं गरीबों-दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले श्री राम विलास पासवान और गरीबों के उत्थान के लिए काम करने वाले श्री रघुवंश प्रसाद सिंह को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कोरोना जैसी बड़ी आपदा का डटकर मुकाबला करने और लोकतंत्र का पर्व मनाने के लिए बिहार की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एनडीए का संकल्प है- बिहार को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना। बिहार के लोग ये ठान चुके हैं कि एनडीए को फिर जिताना जरूरी है। अगर बिहार में विरोध और अवरोध को ज़रा भी मौका मिला तो बिहार की गति और प्रगति दोनों धीमी पड़ जाएगी। इसलिए, नीतीश जी की अगुवाई में भाजपा, जेडीयू, हम और वीआईपी के गठबंधन यानी एनडीए को एक-एक वोट पड़ना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि बिहार के लोग उन दिनों को भूल नहीं सकते जब सूरज ढलने का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना। आज बिजली है, सड़कें हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है, जी सकता है। आज के बिहार में लालटेन की जरूरत खत्म हो गई है। आज बिहार के हर गरीब के घर में बिजली का कनेक्शन है, उजाला है। ये वो दौर था जब लोग कोई गाड़ी नहीं खरीदते थे, ताकि एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनकी कमाई का पता न चल जाए। ये वो दौर था जब एक शहर से दूसरे शहर में जाते वक्त ये पक्का नहीं रहता था कि उसी शहर पहुंचेंगे या बीच में किडनैप हो जाएंगे। आज आप एक नए बिहार को बनते देख रहे हैं।

बिहार में नई व्यवस्थाओं को बनते देख रहे हैं। आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो, लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे। जिन लोगों ने एक-एक सरकारी नौकरी को हमेशा लाखों-करोड़ों रुपए कमाने का जरिया माना, जिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाई, वो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं। वो दिन जब सरकार चलाने वालों की निगरानी में दिन-दहाड़े डकैती होती थी, हत्याएं होती थीं, रंगदारी वसूली जाती थी, वो दिन जब घर की बिटिया, घर से निकलती थी, तो जब तक वापस न आ जाए माता-पिता की सांस अटकी रहती थी। आज बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थान खोले जा रहे हैं। यहां बोधगया में भी तो आईआईएम खुला है जिस पर करीब-करीब एक हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वरना बिहार ने वो समय भी देखा है, जब यहां के बच्चे छोटे-छोटे स्कूलों के लिए तरस जाते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गया जी का ये पूरा क्षेत्र भारत के ज्ञान, आस्था और अध्यात्म का केंद्र रहा है। ये कितनी बड़ी बिडंबना है कि जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, उस धरती को नक्सली हिंसा और जघन्य हत्याकांडों में झोंक दिया गया। बीते वर्षों में बिहार के इस हिस्से को नक्सलियों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि कोरोना के इस समय में भी गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनडीए सरकार ने काम किया है। जहां कभी गरीब का राशन, राशन की दुकान में ही लुट जाता था, वहां कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन मिला है। शहरों में जो रेहड़ी, ठेला, चलाने वाले साथी हैं, उनके लिए भी बैंकों से आसान ऋण सुनिश्चित कराया जा रहा है ताकि वो अपना काम फिर शुरु कर सकें। गरीब भूखा ना सोए, त्योहार ठीक से मना सके, दीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके, इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई, मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई।

उन्होंने कहा कि देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं। देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं। जब देश की रक्षा के लिए राफेल विमानों को खरीदा गया, तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे। मंडी और एमएसपी का तो बहाना है, असल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है। याद कीजिए, लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसे भ्रम फैलाया था। ये एनडीए की ही सरकार है जिसने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने की सिफारिश लागू की थी। ये एनडीए की ही सरकार है जिसने सरकारी खरीद केंद्र बनाने और सरकारी खरीद, दोनों पर बहुत जोर दिया है।

आज देश की जनता, देश के किसान, देश के नौजवान देख रहे हैं कि इन लोगों के लिए देशहित नहीं, दलालों का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए जब-जब, बिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती है, तब-तब ये तिलमिला जाते हैं, बौखला जाते हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं। ये फैसला एनडीए की सरकार ने लिया, लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं। ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे। इनका दुस्साहस देखिए! इतना कहने के बाद भी ये लोग बिहार के लोगों से वोट मांगने की हिम्मत दिखा रहे हैं। जो बिहार अपने बेटे-बेटियों को सीमा पर देश की रखवाली के लिए भेजता है, क्या ये उसकी भावना का अपमान नहीं है? भारत की जांबाज सेना आतंकियों पर कोई कार्रवाई करे, सरहद पर तिरंगे की शान बढ़ाए, ये लोग विरोध में हैं। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को कहे, ये लोग विरोध में हैं। राष्ट्रहित में कोई भी, कुछ भी फैसला ले, ये लोग विरोध में हैं। एनडीए के विरोध में आज जो लोग खड़े हैं, वो देशहित के हर फैसले का विरोध कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने का फैसला हो, ये लोग विरोध में हैं। तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को नए अधिकार देना हो, ये लोग विरोध में हैं।

श्री माेदी ने कहा कि बीते वर्षों में बिहार के गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, अति पिछड़े, आदिवासी तक वो सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास किया गया है, जिन्हें पाना बहुत मुश्किल था। सुविधा के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। देश की शिक्षा व्यवस्था में तो बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुए अब कोशिश होगी िक मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकी कोर्सेस को भी मातृभाषा में पढ़ाया जाए। आज छोटे किसानों, मछुआरों, पशुपालकों, सभी को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। पीएम किसान योजना के तहत बिहार के 74 लाख किसान परिवारों के खाते में करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए सीधे जमा कराए गए हैं। बिहार में स्वरोज़गार के अवसरों के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आज मुद्रा योजना से गरीबों को, महिलाओं को, युवा उद्यमियों को, दुकानदारों को बिना गारंटी का ऋण मिल रहा है। गांवों में जो उद्यमी दीदियों के समूह हैं, उनको भी बैंकों से मिलने वाली सुविधा बढ़ाई गई है। कनेक्टिविटी, एनडीए की डबल इंजन की सरकार की प्राथमिकता रही है, पहचान रही है। आज बिहार के करीब-करीब हर गांव तक सड़क पहुंच रही है। नेशनल हाईवे चौड़े हो रहे हैं। बिहार की नदियों पर आज एक के बाद एक नए और आधुनिक पुल बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले राशन हो, गैस सब्सिडी हो, पेंशन हो, स्कॉलरशिप हो, हर जगह घोटाला-घपला चलता था। अब आधार, फोन और जनधन खाते से सब जुड़ चुका है। अब गरीब को उसका पूरा हक समय पर मिलना सुनिश्चित हुआ है। बिहार ने अब सुधार की राह में रफ्तार पकड़ ली है। इसे धीमा नहीं होने दिया जाएगा। अब हमारा फोकस इस पूरे क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने और तेज करने पर है। लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार की बहनों से मैंने कहा था कि आपको पीने के पानी की समस्या का समाधान देकर रहेंगे। इस दिशा में जल जीवन मिशन के तहत तेजी से काम चल रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि सामान्य जन की सुविधा के लिए बिहार के युवा के रोज़गार और स्वरोज़गार के लिए बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी था। इसी सोच के साथ बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री पैकेज घोषित किया गया था।

• बिहार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का हकदार है। इसे कौन सुनिश्चित करेगा? खुद भ्रष्टाचार में लिप्त लोग या भ्रष्टाचारियों से लड़ने वाले लोग?
• बिहार विकास का हकदार है। विकास कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया या वो जो लोगों की सेवा में अपना परिवार भी भूल गए?
• बिहार रोजगार और उद्यमिता का हकदार है। ये कौन सुनिश्चित कर सकता है? वो जो सरकारी नौकरी देने को रिश्वत कमाने का जरिया मानते हैं या वो जो लोग बिहार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने और स्किल मैपिंग का काम कर रहे हैं?
• बिहार निवेश का हकदार है! ये कौन सुनिश्चित कर सकता है? वो जिन्होंने बिहार को जंगल-राज बना दिया या जो लोग बिहार को सुशासन दे रहे हैं, बिहार के विकास में जी जान से जुटे हैं।
• बिहार बेहतर कानून व्यवस्था का हकदार है। ये कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने गुंडों को खिलाया-पिलाया पाला या वो जिन्होंने गुंडों पर डंडा चलाया।
• बिहार अच्छी शिक्षा के अवसरों का भी हकदार है। क्या ये उन लोगों द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता, जिन्हें शिक्षा का महत्व ही नहीं पता या वो लोग जो आईआईटी, आईआईएम और एम्स को राज्य में लाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।