प्रधानमंत्री ने तुर्किए और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल एनडीआरएफ कर्मियों के साथ की बातचीत

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भूकंप प्रभावित तुर्किए और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत राहत व बचाव कार्य कर एनडीआरएफ की टीम भारत लौट आई। दरअसल, तुर्किए और सीरिया में छह फरवरी को आए भीषण भूकंप के चलते 46,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई तथा लाखों लोग घायल व बेघर हो गए। इस मुश्किल की घड़ी में भारत सरकार ने बिना देर किये ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत मदद भेजनी शुरू कर दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा कि 151 एनडीआरएफ कर्मियों और श्वान दस्तों की तीन टीम ने भूकंप प्रभावित तुर्किए की मदद की। उन्होंने कहा कि टीम ने नूरदागी और अंताक्या के 35 स्थलों पर जीवित लोगों का पता लगाने सहित खोज, बचाव और राहत अभियान चलाया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 फरवरी को भूकंप प्रभावित तुर्किए और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों से बातचीत की। कर्मियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भूकंप प्रभावित तुर्किए और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत किए गए शानदार कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की। श्री मोदी ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि तुर्किए और सीरिया में भारतीय दल ने हमारे लिए ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’, की भावना का प्रकटीकरण किया।

तुर्किए और सीरिया में भारतीय दल ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना का प्रकटीकरण किया

प्राकृतिक आपदा के समय जल्द प्रतिक्रिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने ‘गोल्डन ऑवर’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तुर्किए में एनडीआरएफ की टीम जितनी जल्दी वहां पहुंची, इसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। श्री मोदी ने कहा कि यह दल की तैयारी और प्रशिक्षण की कुशलता को दिखाता है।

प्रधानमंत्री ने एक मां की तस्वीर की चर्चा की, जो टीम के सदस्यों का माथा चूमकर आशीर्वाद दे रही थी। श्री मोदी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों से बचाव और राहत कार्यों की आने वाली तस्वीरों को देखने के बाद हर भारतीय ने गर्व का अनुभव किया। उन्होंने कहा कि बेजोड़ पेशेवर अंदाज के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं का जो समावेश किया गया, वह अतुलनीय है।

दूसरे देशों के नागरिकों के लिए भी ढाल बना ‘तिरंगा’

यूक्रेन में तिरंगा की भूमिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तिरंगा लेकर हम जहां भी पहुंचते हैं, वहां एक आश्वासन मिल जाता है कि अब भारत की टीमें आ चुकी हैं, हालात ठीक होना शुरू हो जाएंगे। श्री मोदी ने स्थानीय लोगों के बीच तिरंगे को मिले सम्मान का भी जिक्र किया। उन्होंने याद किया कि कैसे ऑपरेशन गंगा के दौरान यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के साथ-साथ दूसरे देशों के नागरिकों के लिए भी तिरंगा ढाल बना।

श्री मोदी ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के माध्यम से मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जब तुर्किए और सीरिया में भूकंप आया, तो भारत सबसे पहले मदद लेकर पहुंचने वालों में से एक था। उन्होंने नेपाल में भूकंप, मालदीव और श्रीलंका में संकट का उदाहरण दिया और कहा कि भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आया। श्री मोदी ने कहा कि अब तो भारत की सेनाओं के साथ-साथ एनडीआरएफ पर भी देश के अलावा दूसरे देशों का भरोसा बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि बीते वर्षों में एनडीआरएफ ने देश के लोगों में एक बहुत अच्छी साख बनाई है।

उन्होंने कहा कि देश के लोग एनडीआरएफ पर विश्वास करते हैं। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जैसे ही एनडीआरएफ की टीम पहुंचती है लोगों की उम्मीद और विश्वास लौट आता है, यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी बल में कुशलता के साथ संवेदनशीलता जुड़ जाती है तो उस बल की ताकत कई गुना बढ़ जाती है।

संबोधन के आखिर में श्री मोदी ने एनडीआरएफ दल के प्रयासों और अनुभवों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भले ही वे वहां बचाव अभियान चला रहे थे, लेकिन वह पिछले 10 दिनों से लगातार दिल और दिमाग से उनसे जुड़े हुए थे।