प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और गरीबों का सशक्तीकरण किया : अमित शाह

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अनुसूचित समाज कांफ्रेंस, तिरुअनंतपुरम (केरल)

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने 3 सितंबर, 2022 को तिरुअनंतपुरम, केरल में आयोजित अनुसूचित समाज कांफ्रेंस को संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री के. सुरेन्द्रन, केरल के भाजपा प्रभारी श्री सीपी राधाकृष्णन, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री एपी अब्दुल्ला कुट्टी, श्री पीके कृष्णराज, श्री कुम्भनम राजशेखरन, सुश्री सीके जानू और पद्मश्री एमके कुंजोल सहित बड़ी संख्या में अनुसूचित समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

केरल में राजनीतिक भविष्य केवल भाजपा में

कांग्रेस और वामपंथियों पर पर जोरदार हमला बोलते हुए श्री शाह ने कहा कि पूरे देश के जनमानस से कांग्रेस धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है और पूरी दुनिया से वामपंथी विचारधारा भी लुप्त होने के कगार पर है। केरल में राजनीतिक भविष्य है तो केवल और केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में ही है।

उन्होंने कहा कि मैं आज कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि क्या कभी आपकी सरकार के मंत्रिपरिषद् में 12 मंत्री अनुसूचित समाज से रहे हैं? यह कार्य हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।

जनजाति समाज काे आगे बढ़ाए बगैर भारत का विकास असंभव

श्री शाह ने कहा कि जब पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार को देश का राष्ट्रपति चुनने का अवसर मिला, तो हमने दलित समाज के गरीब बेटे श्री रामनाथ कोविंदजी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर सुशोभित किया और दूसरी बार जब हमें यह अवसर मिला तो हमने आदिवासी समाज के अत्यंत गरीब घर में जन्म लेकर अपने पुरुषार्थ से समाज में एक नई लकीर खींचने वाली बेटी आदरणीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को राष्ट्रपति के पद पर प्रतिष्ठित किया, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का यह दृढ़ विश्वास है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भाइयों एवं बहनों को आगे बढ़ाए बगैर भारत का विकास असंभव है।

उन्होंने कहा कि देश में लगभग 60 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही। वामपंथी पार्टियां भी लगभग 8 सालों तक सत्ता में भागीदार रही, लेकिन इन्होंने दलित, आदिवासी और गरीबों के कल्याण के लिए कोई कदम नहीं उठाये। इन्होंने केवल उनके वोट हड़पे। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और गरीबों का सशक्तीकरण किया।

उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना में लगभग 10 करोड़ लोगों को ऋण देकर उनका सशक्तीकरण किया गया, उसमें से लगभग 50 प्रतिशत ऋण दलित समाज के लोगों को दिया गया। इसी तरह उज्ज्वला योजना के तहत श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 9 करोड़ परिवारों को गैस का कनेक्शन दिया, इसमें से लगभग 5 करोड़ गैस कनेक्शन दलित और आदिवासी समाज की महिलाओं को दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश भर में पिछले 8 वर्षों में लगभग 11 करोड़ शौचालय बनाए गए, इसमें से लगभग 5.50 करोड़ शौचालय एससी और एसटी समाज के लोगों के लिए बनाए गए। नल से जल योजना के तहत जिन 8 करोड़ घरों में पानी पहुंचाया गया है, उसमें से लगभग तीन करोड़ कनेक्शन गरीब, दलित और आदिवासियों घरों में दिए गए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी सबसे अधिक लाभान्वित दलित, आदिवासी और गरीब किसान ही हुए हैं। विगत दो वर्षों से देश के लगभग 80 करोड़ लोगों तक हर महीने जरूरी अनाज मुफ्त दिए जा रहे हैं। इससे भी सबसे अधिक लाभ अनुसूचित समाज के लोगों को हुआ है।

पंच तीर्थ के रूप में विकास

श्री शाह ने कहा कि जब तक देश में कांग्रेस का शासन रहा, बाबासाहब भीमराव अंबेडकर जी को भारत रत्न नहीं दिया गया। जब केंद्र से कांग्रेस सरकार की विदाई हुई, तब उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित करके सदा के लिए बाबासाहब को सम्मान देने का कार्य किया। इसी तरह, प्रधानमंत्रीजी ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ घोषित करके संविधान के निर्माण में बाबासाहब के योगदान को देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अलंकृत करने का कार्य किया है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबासाहब से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थलों जन्मभूमि मऊ, शिक्षा भूमि लंदन, दीक्षा भूमि नागपुर, चैत्य भूमि मुंबई और महापरिनिर्वाण स्थल, अलीपुर को पंच तीर्थ के रूप विकसित करने का कार्य किया है। नयी दिल्ली में बाबासाहब के सम्मान में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर तैयार किया जा रहा है। परिनिर्वाण स्थल, अलीपुर को स्टेट ऑफ द आर्ट म्यूजियम और बाबासाहब के मेमोरियल के रूप में कन्वर्ट किया गया है।