‘प्रधानमंत्रीजी ने जनजाति गौरव को सम्मान देकर उन्हें देश की मुख्यधारा के साथ जोड़ने का कार्य किया है’

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जनजाति जनसभा कार्यक्रम, त्रिपुरा

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा 28 एवं 29 अगस्त, 2022 को त्रिपुरा प्रवास पर रहे। यहां उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों, सांसदों-विधायकों, ट्राइबल विधायकों, एमडीसी सदस्यों, गठबंधन की सहयोगी आईपीएफटी और पार्टी की प्रदेश कोर कमिटी के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। श्री नड्डा ने खुमुलवांग, अगरतला में जनजाति जनसभा कार्यक्रम एवं प्रदेश भाजपा कार्यालय, अगरतला में प्रेस वार्ता को संबोधित किया

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 29 अगस्त, 2022 को त्रिपुरा के खुमुलवांग, अगरतला में जनजाति जनसभा कार्यक्रम को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनजाति कल्याण के लिए उठाये गए इनिशिएटिव्स पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने राज्य की डबल इंजन वाली भाजपा सरकार द्वारा जनजातियों के जीवन में उत्थान लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों को भी सराहा। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, उप-मुख्यमंत्री श्री जिष्णु देव वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री बिप्लब देब, केंद्रीय मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री राजीव भट्टाचार्य एवं प्रदेश भाजपा प्रभारी श्री विनोद सोनकर सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं त्रिपुरा सरकार के मंत्री उपस्थित थे। इस जनसभा में त्रिपुरा के कोने-कोने से और सभी जनजातियों से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

आजादी के बाद भाजपा को छोड़कर
किसी भी सरकार को आदिवासियों
की चिंता नहीं हुई

श्री नड्डा ने कहा कि भारत का जनजातीय समाज ‘आत्मनिर्भर समाज’ की परिकल्पना से जुड़ा रहा है। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने जनजाति ताकत को पहचाना और देश के समग्र विकास में उनके पुरुषार्थ का उपयोग किया। हमारे जनजाति बंधु न केवल देशभक्त हैं, बल्कि जब भी देश में कोई संकट आया है तो वे राष्ट्र की रक्षा के लिए सामने आते हैं। प्रधानमंत्रीजी ने जनजाति गौरव को सम्मान देकर उन्हें देश की मुख्यधारा के साथ जोड़ने का कार्य किया है।

जनजाति समाज को गर्व की अनुभूति करने वाला क्षण

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 75 साल बाद जनजाति समाज को गर्व की अनुभूति करने वाला क्षण प्रदान किया है। उन्होंने आदिवासी समाज में एक अत्यंत गरीब घर में जन्म लेने वाली बेटी आदरणीय द्रौपदी मुर्मूजी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर सुशोभित कर न केवल जनजाति समाज को बल्कि देश के जन-जन को गर्व करने का अनुपम अवसर दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार केंद्र सरकार में 8 जनजाति मंत्रियों को स्थान दिया। त्रिपुरा की भाजपा सरकार में भी 5 जनजातीय मंत्री है। आजादी के बाद पहली बार जनजाति समाज की चिंता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयीजी ने की थी। उन्होंने पहली बार जनजाति कल्याण के लिए अलग से मंत्रालय का गठन किया। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्राइबल्स की स्थापना की। आजादी के बाद भाजपा को छोड़कर किसी भी सरकार को आदिवासियों की चिंता नहीं हुई। आजादी के 75 साल बाद इस इंस्टीट्यूट की स्थापना हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस परिकल्पना को साकार किया और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने इसका उद्घाटन किया। आज तक देश में जनजाति गौरव दिवस मनाने के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं। आज तक देश में जनजाति गौरव दिवस ही नहीं मनाया जाता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिष्ठित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर पिछले वर्ष 15 नवंबर को हर वर्ष इस दिन ‘जनजाति गौरव दिवस’ मनाने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि करीब 64 साल बाद केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट के दायरे को काफी घटा दिया है और जनजाति भाइयों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है। ट्राईबल रिसर्च के 27 सेंटर खोले गए हैं जिसमें से 50 प्रतिशत सेंटर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित हैं। लेफ्ट की सरकार में त्रिपुरा में जनजाति भाइयों पर हिंसा और गुंडागर्दी होती थी, डबल इंजन की सरकार में यह ख़त्म हुई है।

जनजाति कल्याण के लिए उठाये गए क़दम

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनजाति कल्याण के लिए उठाये गए क़दमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि एकलव्य मॉडल स्कूल पर कांग्रेस की यूपीए सरकार 277 करोड़ रुपये खर्च करती थी, जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसी तरह ट्राइबल विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए बजट को श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 42,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जनजाति छात्रों के लिए छात्रवृत्ति हेतु कांग्रेस की यूपीए सरकार में 970 करोड़ रुपये दिए जाते थे जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर अभी 2,500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। जनजाति उपयोजनाओं के बजट को भी 21,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जल-जीवन मिशन के तहत 1.20 करोड़ जनजातीय परिवारों में जल जीवन मिशन के तहत नल से जल पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह, आयुष्मान भारत के तहत 1.70 करोड़ जनजातीय परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का कवच मिल रहा है। किसान सम्मान निधि का लाभ तीन करोड़ जनजातीय किसानों को मिल रहा है। आदिवासी भाइयों के जल, जंगल और जमीन तथा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनजातीय परंपरा की चिंता सही मायनों में यदि किसी ने की है, तो वह केवल और केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने विदेशी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष करने वाले जनजातियों के योगदान को मान्यता देने के लिये 10 राज्यों में ‘जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय’ बनाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि वामपंथी सरकार ने हमेशा जनजातियों को उपेक्षा की दृष्टि से देखा। हमारी सरकार महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुरजी को सम्मान देते हुए त्रिपुरा के एयरपोर्ट को इंटरनेशनल बनाने के लिए काम कर रही है। चाहे भूरी बाई हों, दुर्गा बाई हों एवं अन्य जनजाति विभूतियां हों, यह श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है जिसने उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जनजाति समाज की बेटियों एवं जनजाति समाज के लोगों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा है।

श्री नड्डा ने कहा कि जनजाति कल्याण और जनजाति समाज के विकास का दूसरा नाम है भारतीय जनता पार्टी और जनजाति बंधुओं के जीवन में उत्थान लाने के वाहक हैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी। मैं आप सभी जनजाति भाइयों को भाजपा की ओर से संदेश देना चाहता हूं कि हमारी डबल इंजन की सरकार आपके कल्याण के लिए कटिबद्ध है।

प्रेस वार्ता
‘अब त्रिपुरा शांति की राह पर बढ़ चला है’

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 29 अगस्त, 2022 को प्रदेश भाजपा कार्यालय, अगरतला में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा की डबल इंजनवाली भाजपा सरकार की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि आजादी का अमृत काल चल रहा है और इसी वर्ष त्रिपुरा भी अपनी स्थापना का 50 वर्ष मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन सरकार त्रिपुरा का सर्वांगीण विकास कर रही है। त्रिपुरा में 35 वर्षों तक वामपंथी दलों की सरकार रही, जिसने न तो महिला सशक्तीकरण के लिए कुछ किया, न आदिवासियों के लिए कुछ किया और न ही युवाओं के बारे में सोचा। इससे पहले जो कांग्रेस की सरकार थी, उसने त्रिपुरा में आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा दिया। कांग्रेस और लेफ्ट की सरकार में उग्रवाद चरम पर था। आये दिन त्रिपुरा बंद और ब्लॉकेड से त्रस्त रहता था। ड्रग्स की तस्करी और करप्शन तो उस सरकार में बिजनेस-सा बन गया था। वह त्रिपुरा के इतिहास का एक काला अध्याय था। प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्व में त्रिपुरा में सर्वांगीण विकास हो रहा है। पहले पूर्वोत्तर के राज्य उग्रवाद, घुसपैठ, बंद, ब्लॉकेड, ड्रग तस्करी, भ्रष्टाचार और जातीय तनाव की समस्या से आये दिन जूझते रहते थे, लेकिन प्रधानमंत्रीजी ने पूरे नॉर्थ-ईस्ट को अष्टलक्ष्मी का स्वरूप देकर इसे विकास, कनेक्टिविटी, आधारभूत संरचना का विकास, आईटी, औद्योगिक विकास, स्पोर्ट्स, निवेश और ऑर्गेनिक खेती का बड़ा हब बनाया है।

श्री नड्डा ने कहा कि त्रिपुरा में बंद और ब्लॉकेड आज बीते जमाने की बात हो गई है। अब त्रिपुरा शांति की राह पर बढ़ चला है। एनएलएफटी के साथ शांति समझौता हुआ है। राह से भटके लोग आज आत्मसमर्पण कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार देकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है। ब्रू-रियांग समझौते के तहत हमारी सरकार ने लगभग 37,000 लोगों को 23 साल बाद शांति और सब की सहमति के साथ उनका सेटलमेंट किया। भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार में त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा रुक गई है। अपहरण, बलात्कार, डकैती और एक्सटॉर्शन के साथ-साथ आतंकी घटनाओं में भी काफी कमी आई है। राजनीतिक हिंसा भी रुक गई है। मुझे ख़ुशी है कि त्रिपुरा में 45+ की पूरी आबादी को वैक्सीनेट किया जा चुका है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में राज्य के लगभग 25 लाख लोगों को मुफ्त आवश्यक राशन पिछले दो साल से दिया जा रहा है।