सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के व्यापक कार्यक्रम को मिली मंजूरी

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यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के उत्पादन में उच्च घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देगा और 2025 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था और 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य तक पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान देगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 दिसंबर को भारत को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से देश में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के व्यापक कार्यक्रम को मंजूरी दी। यह कार्यक्रम सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिजाइन के क्षेत्र में कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करके इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के निर्माण में एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह सामरिक महत्व तथा आर्थिक आत्मनिर्भरता के इन क्षेत्रों में भारत के प्रौद्योगिकीय नेतृत्व के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई, आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई, स्पेक्स योजना तथा उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना के लिए पीएलआई के तहत 55,392 करोड़ रुपये (7.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की प्रोत्साहन सहायता राशि को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, एसीसी बैटरी, ऑटो घटकों, दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों, सौर पीवी मॉड्यूल एवं व्हाइट गुड्स सहित संबद्ध क्षेत्रों के लिए 98,000 करोड़ रुपये (13 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की पीएलआई प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की गई हैं। कुल मिलाकर, भारत सरकार ने आधारभूत बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में देश को सेमीकंडक्टरों वाली इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के निर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए 2,30,000 करोड़ रुपए (30 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की सहायता दी है।

उपर्युक्त कार्यक्रम का उद्देश्य सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टरों/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर (एमईएमएस सहित) फैब, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग (एटीएमपी/ओएसएटी), सेमीकंडक्टर डिजाइन के काम में लगी हुई कंपनियों/संघों को आकर्षक प्रोत्साहन सहायता प्रदान करना है।

सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स की नींव हैं, जो उद्योग 4.0 के तहत डिजिटल परिवर्तन के अगले चरण की ओर आगे बढ़ा रहे हैं। सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले प्रणालियों का उत्पादन बहुत जटिल तथा प्रौद्योगिकी की अधिकता वाला क्षेत्र है, जिसमें भारी पूंजी निवेश, उच्च जोखिम, लंबी अवधि और पेबैक अवधि तथा प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव शामिल हैं और इसके लिए अत्यधिक एवं निरंतर निवेश की आवश्यकता होती है। यह कार्यक्रम पूंजी सहायता और प्रौद्योगिकीय सहयोग की सुविधा प्रदान करके सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले प्रणाली के उत्पादन को बढ़ावा देगा।

वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले के विश्वसनीय स्रोत रणनीतिक महत्व रखते हैं तथा महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। स्वीकृत कार्यक्रम भारत की डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देगा तथा घरेलू क्षमताओं का निर्माण करेगा। यह देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने के लिए अत्यधिक कुशल रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले प्रणाली के विकास का वैश्विक मूल्य शृंखला के साथ गहन एकीकरण के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के उत्पादन में उच्च घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देगा और 2025 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था और 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य तक पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

     राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक लग चुके हैं 142.47 करोड़ से अधिक टीके

भारत का राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण 28 दिसंबर की सुबह 7 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार 142.47 करोड़ (1,42,46,81,736) से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 1,51,91,424 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया। महामारी की शुरुआत के बाद से देश में स्वस्थ होने वाले मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 3,42,43,945 हो गई है।

नतीजतन, भारत में स्वस्थ होने की दर 98.40 % है। मार्च, 2020 के बाद से ये अधिकतम है। वर्तमान में 75,456 सक्रिय रोगी हैं। वर्तमान में ये सक्रिय मामले देश के कुल पुष्टि वाले मरीजों का 0.22 प्रतिशत हैं। यह मार्च, 2020 के बाद से सबसे कम है। भारत ने अब तक कुल 67.41 करोड़ (67,40,78,531) जांच की है।