“संवेदना भी, संवाद भी”

| Published on:

‘सामाजिक संवाद’ कार्यक्रम

भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मोर्चा ने 17 मई, 2022 को भाजपा मुख्यालय, नई दिल्ली में ‘सामाजिक संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) श्री बीएल संतोष, एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य और मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा अनुसूचित जाति समुदाय मोदी सरकार की गरीब हितैषी कल्याणकारी योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कई योजनाएं चला रही है। इसके साथ ही लंबे समय से चले आ रहे समाज के मुद्दों को भी संबोधित कर रही है।
उदाहरण के लिए अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से कश्मीर में एससी समुदाय के लोगों को बड़ा लाभ मिला। इसी तरह प्राथमिकता के आधार पर ‘पंचतीर्थ’ के विकास ने हमारे संविधान के निर्माता को सम्मानित किया है और इस समुदाय के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को संबोधित किया है।
श्री नड्डा ने कहा कि ‘संवेदना भी, संवाद भी’ वाला हमारा दृष्टिकोण समुदाय के लोगों के साथ लगातार संवाद स्थापित करने के लिए है। अगर हम उनसे मिलें, उनके साथ भोजन करें, उनकी चिंताओं को सुनें और कोई समाधान निकालने की कोशिश करें, तो निश्चित रूप से लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सकता है।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दलित आंदोलनों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और ऐसे आंदोलनों से नेतृत्व तैयार किया जाना चाहिए। आइए, इस गतिविधि को दलित बस्तियों, विश्वविद्यालय छात्रावासों की सूची बनाकर शुरू करें; दो से सात व्यक्तियों की एक टीम बनाकर इन छात्रावासों में जाकर, उनसे संपर्क स्थापित करें। यह असंभव लगता है लेकिन एक प्रभावशाली प्रयास हो सकता है— मेरा विश्वास करें, मैं अनुभव से बोल रहा हूं।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) श्री बीएल संतोष ने मोर्चा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमने अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित मुद्दों पर घंटों विस्तृत विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन की एक राजनीतिक यात्रा है, जिसमें हम जाति, वर्ग और भौगोलिक भिन्नता के बावजूद सभी वर्गों की एकता को सुनिश्चित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।