भारत और ब्रिटेन के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर

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भारत-स्वीडन के बीच रक्षा, साइबर सिक्यॉरिटी पर समझौता



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 से 20 अप्रैल के दौरान स्वीडन और ब्रिटेन की सफल यात्रा की। श्री मोदी द्वारा स्वीडन की पहली यात्रा थी। प्रधानमंत्री ने 17 अप्रैल को स्टॉकहोम में भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और 18 अप्रैल को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक और रचनात्मक विचार विमर्श किया। साथ ही, श्री मोदी ने लंदन में 19 और 20 अप्रैल को राष्ट्रमंडल देशों शासनाध्यक्षों की होने वाली बैठक में हिस्सा लिया।

भारत-स्वीडन के बीच रक्षा, साइबर सिक्यॉरिटी पर हुए समझौते

धानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 17 अप्रैल को स्वीडन के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन लोफवेन के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें रक्षा और साइबर सुरक्षा प्रमुख तौर पर शामिल थे। दोनों देश के प्रधानमंत्रियों ने इनोवेशन, आपसी सहयोग बढ़ाने और रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग से रिश्तों को और मजबूत करने की बात कही।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच इनोवेशन, व्यापार और निवेश, संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग पर सकारात्मक बातचीत हुई।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन में स्वीडन शुरू से ही मजबूत भागीदार रहा है। 2016 में मुंबई में हमारे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री लवैन स्वयं बहुत बड़े बिज़नेस डेलीगेशन के साथ शामिल हुए थे। भारत से बाहर ‘मेक इन इंडिया’ का सबसे प्रमुख कार्यक्रम भी पिछले वर्ष अक्टूबर में स्वीडन में आयोजित किया गया था। हमारे लिए ये बहुत हर्ष और गर्व का विषय है की स्वयं प्रधानमंत्री श्री लवैन इसमें शामिल हुए थे।

श्री मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं कि आज की हमारी बातचीत में सबसे प्रमुख विषय यही थी कि भारत के विकास से बन रहे अवसरों में स्वीडन किस प्रकार भारत के साथ win-win partnership कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप आज हमने एक इनोवेशन पार्टनरशिप और जॉइंट एक्शन प्लान पर सहमति की है।

उन्होंने कहा कि इनोवेशन, इन्वेस्टमेंट, स्टार्ट-अप्स, विनिर्माण आदि हमारी साझेदारी के प्रमुख आयाम हैं। इनके साथ हम रिन्यूएबल एनर्जी, शहरी यातायात, कचड़ा प्रबंधन जैसे अनेक विषयों पर भी ध्यान दे रहे हैं, जो भारत के लोगों की क्वालिटी ऑफ़ लाइफ से जुड़े विषय हैं।

भारत एवं नार्डिक देशों के बीच शिखर सम्मेलन

स्टॉकहोम में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, डेनमॉर्क के प्रधानमंत्री श्री लार्स लोक्के रैसमुस्सेन, फिनलैण्ड के प्रधानमंत्री श्री जुहा सिपिला, आइसलैण्ड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्स्डोट्टिर, नार्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग और स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने भारतीय और स्वीडिश प्रधानमंत्रियों की मेजबानी में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्रियों ने भारत और नार्डिक देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिये प्रतिबद्धता जतायी और अपनी बातचीत में वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक प्रगति, नवोन्मेष और जलवायु परिवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्रियों ने समावेशी विकास और स्थायी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये एक उत्प्रेरक के रूप में मुक्त व्यापार के महत्व पर बल दिया।

प्रधानमंत्रियों ने माना कि आपस में जुड़े हुये विश्व में नवाचारों और डिजिटल बदलाव प्रगति को बढ़ावा देने वाले हैं और साथ ही उन्होंने भारत एवं नार्डिक देशों के विकसित होते संबंधों पर बल दिया। विश्व में नवाचारों में नार्डिक देशों की नेतृत्वकारी भूमिका पर भी जोर दिया गया। नवाचारों के लिये नार्डिक देशों के दृष्टिकोण, जो कि सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र एवं अकादमिक जगत के बीच सशक्त सहयोग की विशेषता पर आधारित है, की चर्चा की गयी और भारत की प्रतिभा और दक्षता के समृद्ध संसाधनों के साथ सामंजस्य की पहचान की गयी।

शिखर सम्मेलन में समृद्धि और स्थायी विकास हासिल करने के लिये शामिल हैं, के महत्व पर बल दिया गया। प्रदूषण रहित तकनीकों, समुद्र पर आधारित समाधानों, पत्तनों के आधुनिकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, जीवन-विज्ञान और कृषि क्षेत्र में नार्डिक समाधानों की चर्चा की गयी। शिखर सम्मेलन ने नार्डिक स्थायी नगर विकास परियोजना, जो कि भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना की मदद के लिये लक्षित है, का स्वागत किया।

भारत और ब्रिटेन के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत और ब्रिटेन ने 18 अप्रैल को तकनीकी, व्यापार और निवेश के मुद्दों समेत नौ समझौतों पर दस्तखत किए। अंतरराष्ट्रीय अपराधों को खत्म करने के उद्देश्य से दोनों देशों ने सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए भी सहमति पत्र पर दस्तखत किए। अपराधियों के रिकॉर्ड के आदान-प्रदान के साथ ही संगठित अपराधों को खत्म करने के लिए भी समझौता किया गया। भारत और ब्रिटेन ने साइबर संबंधों के साथ ही स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण और सुरक्षित साइबर स्पेस के संबंध में समझौते के अलावा, साइबर सुरक्षा प्रबंधन पर भी समझौते किए।

यही नहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से बकिंघम पैलेस में मुलाकात की और साझा हितों पर बातचीत की। इसके अलावा श्री मोदी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने लंदन में स्थित जैव चिकित्सा संस्थान फ्रांसिस क्रिक संस्थान का दौरा भी किया। दोनों नेताओं ने क्रिक में काम कर रहे 33 भारतीय वैज्ञानिकों में से कुछ वैज्ञानिकों से मुलाकात की। श्री मोदी ने संस्थान को उनके अग्रणी काम और स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयासों के लिए बधाई दी।

भारत और ब्रिटेन की ओर से जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि साझा और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए ब्रिटेन और भारत एक साथ और राष्ट्रमंडल सदस्य-राष्ट्रों, राष्ट्रमंडल सचिवालय और अन्य सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे। हम राष्ट्रमंडल को पुनर्जागृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि विशेषकर कम असुरक्षित देशों और युवाओं के संदर्भ मे इसकी प्रासंगिकता सुनिश्चित की जा सके, जो राष्ट्रमंडल की जनसंख्या का 60% हिस्सा हैं। राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक इन चुनौतियों का समाधान निकालने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि हम इस शिखर सम्मेलन के आधिकारिक विषय “एक आम भविष्य की ओर” के तहत एकजुट हो रहे हैं। विशेष रूप से इसमें ब्रिटेन और भारत समस्त राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों के लिए अपने निम्न कार्यो के जरिए एक अधिक स्थायी, समृद्ध, सुरक्षित और न्यायसंगत भविष्य के निमार्ण में मदद करने की वचनबद्धता व्यक्त करेंगे।

राष्ट्रमंडल कोष में भारत का योगदान दोगुना

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लंदन में कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग के दौरान कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय स्तर की बातचीत की। इसके अलावा श्री मोदी ने तकनीकी सहयोग के लिए बनाए गए राष्ट्रमंडल कोष में भारत के योगदान को दोगुना करने की घोषणा की। छोटे द्वीपीय देशों को विकासात्मक सहयोग देने की प्रतिबद्धता भी जताई। राष्ट्रमंडल सदस्य देशों की सरकार के प्रमुखों की बैठक (चोगम) के कार्यकारी सत्र के दौरान श्री मोदी ने कहा कि छोटे देशों और छोटे द्वीपीय देशों की क्षमता निर्माण की जरूरत है। वह भी राष्ट्रमंडल का हिस्सा हैं।

श्री मोदी ने यह भी कहा कि न्यूयॉर्क स्थित भारत के स्थायी मिशन के माध्यम से वह राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के लिए छोटी परियोजनाओं में हिस्सा लेता रहेगा। इसके अलावा श्री मोदी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मदद से भारत में 16 साल से कम उम्र के 30 लड़के और 30 लड़कियों के लिए क्रिकेट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की।

पत्रकारों के साथ एक वार्ता में विदेश मंत्रालय की सचिव (पश्चिम) रुची घनश्याम ने कहा कि भारत इन छोटे द्वीपीय और तटीय देशों की क्षमता निर्माण में मदद करने जा रहा है। इसके लिए गोवा स्थित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करेगा।