आतंकवाद को प्रोत्साहन दे रहे देशों को जवाबदेह ठहराया जाए : नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और धन मुहैया कराने वाले देशों की 14 जून को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में आलोचना की। साथ ही, उन्होंने यहां मौजूद शीर्ष नेताओं से कहा कि ऐसे देशों को अवश्य ही जवाबदेह ठहराया जाए। श्री मोदी ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए यह कहा, हालांकि वहां के प्रधानमंत्री श्री इमरान खान भी उपस्थित थे।
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक वैश्विक सम्मेलन का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने की एससीओ की भावना और उसके विचारों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत एक आतंकवाद मुक्त समाज की हिमायत करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पिछले रविवार श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान सेंट एंथनी गिरजाघर गया, जहां मैंने आतंकवाद का घिनौना चेहरा देखा। इस आतंकवाद ने हर जगह निर्दोष लोगों की जान ली है।
श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद की बुराई से लड़ने के लिए राष्ट्रों को इसके खिलाफ एकजुट होने की खातिर अपने संकीर्ण दायरे से बाहर निकलना होगा। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति श्री शी चिनफिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री इमरान खान और ईरान के राष्ट्रपति श्री हसन रूहानी सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और धन मुहैया कराने वाले राष्ट्रों को जिम्मेदार ठहराना जरुरी है। उन्होंने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों को आतंकवाद का खात्मा करने के लिए एससीओ-क्षेत्रीय आतंक रोधी ढांचा (आरएटीएस) के तहत सहयोग करना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि साहित्य एवं संस्कृति हमारे समाज को एक सकारात्मक गतिविधि प्रदान करते हैं। खासकर, वे हमारे समाज के युवाओं में चरमपंथ के प्रसार को रोकते हैं। उन्होंने कहा कि एक शांतिपूर्ण, एकीकृत, सुरक्षित और समृद्ध अफगानिस्तान एससीओ में स्थिरता और सुरक्षा के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अफगान नीत, अफगान का अपना और अफगान नियंत्रित व्यापक शांति प्रक्रिया का समर्थन करना है। हम इस बात को लेकर खुश हैं कि एससीओ अफगानिस्तान संपर्क समूह में आगे का एक खाका तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य देश बने दो साल हो गए हैं। भारत ने एससीओ की सभी गतिविधियों में सकारात्मक योगदान दिया है।
साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आर्थिक सहयोग हमारे लोगों के भविष्य का आधार है। एकपक्षवाद और संरक्षणवाद ने किसी का भला नहीं किया है। हमें विश्व व्यापार संगठन पर केंद्रित एक नियम आधारित, पारदर्शी, भेदभावरहित, खुली और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की आवश्यकता है। इससे ही सभी सदस्यों, विशेष रूप से विकासशील देशों के हितों को ध्यान में रखा जा सकेगा।

श्री मोदी ने कहा कि भारत एससीओ सदस्य देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर तेजी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। आज हम महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं, इनसे एससीओ में वित्तीय मामलों में और डिजिटलाइज़ेशन और ICT में सहयोग मजबूत होगा।

गौरतलब है कि श्री मोदी दो दिवसीय एससीओ सम्मेलन के लिए 13 जून को बिश्केक पहुंचे। एससीओ चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा संगठन है, जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया।

भारत अपने यहां हुए आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता रहा है और उसने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सरजमीं से संचालित हो रहे आतंकवादी संगठनों की मदद करना बंद कर दे।

पठानकोट एयरबेस में जनवरी 2016 में एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन द्वारा किए गए हमले के बाद भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का यह कहना है कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।

वहीं, इस साल की शुरुआत में भारत-पाक संबंध उस वक्त और तनावपूर्ण हो गए, जब 14 फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमले में कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। इसके बाद, भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था।