‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प के साथ अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है : नरेन्द्र मोदी

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भारत के लोग, भारतीय उद्योग, भारतीय व्यवसाय, भारतीय विनिर्माता, भारतीय किसान गतिशक्ति के महाभियान के केंद्र में हैं तथा ‘गतिशक्ति योजना’ समग्र शासन का विस्तार है

‘पीएम गतिशक्ति योजना’ का शुभारंभ

त 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए ‘पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रगति मैदान में नए प्रदर्शनी परिसर का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, श्री पीयूष गोयल, श्री हरदीप सिंह पुरी, श्री सर्बानंद सोनोवाल, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्री अश्विनी वैष्णव, श्री आर.के. सिंह, राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, राज्यों के मंत्री, प्रतिष्ठित उद्योगपति उपस्थित थे। उद्योग जगत से आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन श्री कुमार मंगलम बिड़ला; ट्रैक्टर्स एंड फर्म इक्विपमेंट की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुश्री मल्लिका श्रीनिवासन; टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक श्री टी.वी. नरेंद्रन और रिविगो के सह संस्थापक श्री दीपक गर्ग ने अपने विचार व्यक्त किए।

श्री मोदी ने इस अवसर पर अष्टमी के शुभ दिन यानी ‘शक्ति की पूजा’ के दिन का उल्लेख किया और कहा कि इस शुभ अवसर पर देश की प्रगति की रफ्तार को भी नई शक्ति मिल रही है। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प के साथ आज अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान भारत के विश्वास को आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तक ले जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि यह मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गति (गतिशक्ति) देगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गतिशक्ति के इस महाभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत का उद्योग, भारत का व्यापार जगत, भारत के विनिर्माता, भारत के किसान हैं। यह भारत की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिए नई ऊर्जा देगा, उनके रास्ते के अवरोध समाप्त करेगा।

श्री मोदी ने कहा कि इन तमाम वर्षों में ‘कार्य प्रगति पर है’ का बोर्ड विश्वास की कमी का प्रतीक बन गया था और प्रगति के लिए रफ्तार, उत्सुकता और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज का 21वीं सदी का भारत पुरानी प्रणालियों और तौर-तरीकों को पीछे छोड़ रहा है।

आज का मंत्र है–

“प्रगति के लिए कार्य,
प्रगति के लिए संपत्ति,
प्रगति के लिए योजना,
प्रगति के लिए प्राथमिकता।”

उन्होंने कहा कि हमने न सिर्फ परियोजनाओं को तय समय-सीमा में पूरा करने का ‘वर्क-कल्चर’ विकसित किया, बल्कि आज समय से पहले प्रोजेक्टस पूरे करने का प्रयास हो रहा है। श्री मोदी ने इस तथ्य पर खेद व्यक्त किया कि हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणा-पत्र में भी नजर नहीं आता। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने लगे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है।

उन्होंने कहा कि मैक्रो प्लानिंग और सूक्ष्म कार्यान्वयन के बीच व्यापक अंतर के कारण समन्वय की कमी, अग्रिम जानकारी की कमी, बंद परिवेश में सोचने और काम करने से निर्माण में बाधा आ रही है और बजट की बर्बादी हो रही है। उन्होंने कहा कि शक्ति बढ़ने या वृद्धि होने के बजाय विभाजित हो जाती है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान इसका समाधान करेगा, क्योंकि मास्टर प्लान के आधार पर काम करने से संसाधनों का मनोवांछित उपयोग होगा।

पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान न केवल सरकारी प्रक्रिया और इसके विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाता है, बल्कि परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत करने में भी मदद करता है। यह समग्र शासन का एक विस्तार है

श्री मोदी ने 2014 को याद किया जब उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब उन्होंने सैकड़ों अटकी परियोजनाओं की समीक्षा की और सभी परियोजनाओं को एकल प्लेटफॉर्म पर रखा और बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि अब समन्वय की कमी के कारण देरी से बचने पर ध्यान दिया जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि अब होल ऑफ गवर्नमेंट अप्रोच के साथ सरकार की सामूहिक शक्ति योजनाओं को पूरा करने में लग रही है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से अब दशकों से अधूरी बहुत सारी परियोजनाएं पूरी हो रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान न केवल सरकारी प्रक्रिया और इसके विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाता है, बल्कि परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत करने में भी मदद करता है। उन्होंने कहा कि यह समग्र शासन का एक विस्तार है।

श्री मोदी ने भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की गति बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारत में पहली इंटरस्टेट नैचुरल गैस पाइपलाइन साल 1987 में कमीशन हुई थी। इसके बाद साल 2014 तक यानी 27 साल में देश में 15,000 किलोमीटर नैचुरल गैस पाइपलाइन बनी। आज देशभर में 16,000 किलोमीटर से ज्यादा गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है। ये काम अगले 5-6 वर्षों में पूरा होने का लक्ष्य है।

बीते 7 वर्षों में 9,000 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनों की डबलिंग

श्री मोदी ने कहा कि 2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 1900 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण हुआ था। बीते 7 वर्षों में हमने 9,000 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनों की डबलिंग की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ 3000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था, जबकि बीते 7 सालों में हमने 24 हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है।

श्री मोदी ने कहा कि 2014 से पहले मेट्रो रेल महज 250 किलोमीटर के ट्रैक पर चल रही थी। आज मेट्रो का विस्तार 700 किलोमीटर तक कर दिया गया है और 1000 किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है। 2014 से पहले के पांच वर्षों में केवल 60 पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा सका था। पिछले 7 वर्षों में हमने 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि देश के किसानों और मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से विस्तार दिया जा रहा है। 2014 में देश में सिर्फ 2 मेगा फूड पार्क्स थे। आज देश में 19 मेगा फूड पार्क्स काम कर रहे हैं। अब इनकी संख्या 40 से अधिक तक पहुंचाने का लक्ष्य है। 2014 में सिर्फ 5 जलमार्ग थे, आज भारत में 13 कार्यशील जलमार्ग हैं। बंदरगाहों पर जहाजों का टर्न-अराउंड समय 2014 के 41 घंटे से घटकर 27 घंटे हो गया है। उन्होंने कहा कि देश ने ‘वन नेशन वन ग्रिड’ के संकल्प को साकार किया है। 2014 के 3 लाख सर्किट किलोमीटर बिजली पारेषण लाइनों की तुलना में आज भारत में 4.25 लाख सर्किट किलोमीटर लाइनें हैं।

श्री मोदी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से भारत विश्व का व्यापारिक केन्द्र बनने के सपने को साकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे लक्ष्य असाधारण हैं और इसके लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता होगी। इन लक्ष्यों को साकार करने में ‘पीएम गतिशक्ति’ सबसे ज्यादा मददगार होगी। जिस तरह जेएएम (जन धन, आधार, मोबाइल) ट्रिनिटी ने लोगों तक सरकारी सुविधाओं की पहुंच में क्रांति ला दी, उसी तरह इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र के लिए ‘पीएम गतिशक्ति’ भी ऐसा ही करेगी।