सदियों से समुद्र भारत के लिए समृद्धि का स्रोत रहा है : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री का आंध्र प्रदेश दौरा

प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की
अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 नवंबर को विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। श्री मोदी ने अपने संबोधन का आरंभ उस समय को याद करते हुए किया, जब विप्लव वीरुदू अल्लुरू सीतारामराजू की 125वीं जयंती के अवसर पर उन्हें आंध्रप्रदेश आने का अवसर मिला था।

उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम कारोबार और व्यापार की अत्यंत समृद्धशाली परंपरा वाला अति विशिष्ट शहर है। श्री मोदी ने कहा कि विशाखापत्तनम प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण बंदरगाह होने के नाते हजारों साल पहले पश्चिम एशिया और रोम जाने वाले व्यापार मार्ग का हिस्सा रहा है। वह वर्तमान समय और युग में भी भारतीय व्यापार का मुख्य स्थल है।

सदियों से समुद्र भारत के लिए समृद्धि का स्रोत रहा है तथा हमारे समुद्री तट इस समृद्धि का प्रवेश द्वार रहे हैं। करोड़ों रुपये की कीमत वाली परियोजनाएं, जो देश के बंदरगाहों के विकास के लिए हैं, उनमें आज के बाद और विस्तार होगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 10,500 करोड़ रुपये की कीमत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण हो रहा है और उनकी आधारशिला रखी जा रही है। ये परियोजनाएं अवसंचरना में नये आयाम जोड़कर, जीवन सुगमता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के जरिये विशाखापत्तनम तथा आंध्रप्रदेश की उम्मीदों व आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बनेंगी।

श्री मोदी ने कहा कि बात चाहे शिक्षा की हो या उद्यमिता की, प्रौद्योगिकी की हो या चिकित्सा व्यवसाय की, हर क्षेत्र में आंध्रप्रदेश के लोगों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह पहचान सिर्फ व्यावसायिक गुणों का परिणाम नहीं है, बल्कि आंध्रप्रदेश के लोगों का मिलनसार और हंसमुख स्वभाव भी इसका कारण है। श्री मोदी ने हर्ष व्यक्त किया कि परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास आज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के विकास को और गति मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा कि इस अमृतकाल में भारत विकसित देश बनने के उद्देश्य के साथ विकास-पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

साथ ही, प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सदियों से समुद्र भारत के लिए समृद्धि का स्रोत रहा है तथा हमारे समुद्री तट इस समृद्धि का प्रवेश द्वार रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि करोड़ों रुपये की कीमत वाली परियोजनाएं, जो देश के बंदरगाहों के विकास के लिए हैं, उनमें आज के बाद और विस्तार होगा। अपने संबोधन का समापन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत विकास के समग्र विचार को जमीन पर उतार रहा है।

विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी। यह कार्य लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा। पुनर्विकसित स्टेशन में प्रतिदिन 75,000 यात्रियों की सेवा करने की क्षमता बढ़ेगी तथा आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होने से यात्रियों का अनुभव बेहतर होगा।

श्री मोदी ने विशाखापत्तनम मछली-बंदरगाह के उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिए भी आधारशिला रखी। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है। उन्नयन और आधुनिकीकरण के बाद मछली-बंदरगाह की कामकाजी क्षमता 150 टन प्रतिदिन से बढ़कर लगभग 300 टन प्रतिदिन हो जायेगी।

प्रधानमंत्री ने छह लेन वाले ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर के आंध्रप्रदेश सेक्शन की आधारशिला भी रखी। इसका निर्माण 3750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से होगा। आर्थिक कॉरिडोर छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा से विशाखापत्तनम बंदरगाह और चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के औद्योगिक केंद्रों के बीच तेज कनेक्टीविटी उपलब्ध करायेगा। इसके जरिये आंध्रप्रदेश और ओडिशा के जनजातीय व पिछड़े क्षेत्रों में कनेक्टीविटी में सुधार आयेगा।

श्री मोदी ने विशाखापत्तनम में कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक समर्पित बंदरगाह मार्ग का भी शिलान्यास किया। स्थानीय और बंदरगाह जाने वाले मालवाहकों को अलग-अलग करके इसके जरिये विशाखापत्तनम शहर में यातायात की भीड़-भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग 326ए के नरसन्नापेट से पथापत्तनम सेक्शन का भी लोकार्पण किया।

श्री मोदी ने आंध्रप्रदेश में ओएनजीसी की यू-फील्ड ऑनशोर डीपवॉटर ब्लॉक परियोजना का लोकार्पण किया, जिसका विकास 2900 करोड रुपये से अधिक की लागत से हुआ है। यह परियोजना गहरे पानी में गैस की खोज से सम्बंधित है, जिसके जरिये प्रतिदिन लगभग तीन मिलियन मानक घन मीटर (एमएमएससीएमडी) गैस का उत्पादन क्षमता हासिल होगी।