केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन)’ को मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अक्टूबर को एक नई योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए मंजूरी दी। 100 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण के साथ पीएम-डिवाइन नाम की नई योजना केन्द्रीय क्षेत्र की एक योजना है और इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा लागू किया जाएगा। पीएम-डिवाइन योजना में 2022-23 से 2025-26 (15वें वित्त आयोग की अवधि के शेष वर्षों) तक चार साल की अवधि में 6,600 करोड़ रुपये का परिव्यय होगा।

पीएम-डिवाइन परियोजनाओं को वर्ष 2025-26 तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा ताकि इस वर्ष के बाद कोई प्रतिबद्ध देनदारी न हो। इसका तात्पर्य मुख्य रूप से 2022-23 और 2023-24 में योजना के तहत प्रतिबंधों के लिए अधिकतम प्रयास करना है, जबकि 2024-25 और 2025-26 के दौरान खर्च जारी रहेगा, मुख्य ध्यान पीएम-डिवाइन परियोजनाओं को पूरा करने पर दिया जाएगा।

पीएम-डिवाइन योजना बुनियादी ढांचे के निर्माण, उद्योगों, सामाजिक विकास परियोजनाओं को सहयोग देगी और युवाओं व महिलाओं के लिए आजीविका सृजित करेगी, जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। पीएम-डिवाइन को पूर्वोत्तर परिषद् या केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के माध्यम से डोनर मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा। पीएम-डिवाइन के तहत स्वीकृत परियोजनाओं का पर्याप्त संचालन और रख-रखाव सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएंगे, ताकि वे टिकाऊ रहें। सरकारी परियोजनाओं के समय और लागत में वृद्धि के निर्माण जोखिमों को सीमित करने के लिए, जहां तक संभव होगा, उन्हें इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण (ईपीसी) के आधार पर लागू किया जाएगा।