‘तीन तलाक’ कुरीति समाप्त

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                   मुस्लिम महिलाओं को मिली आजादी

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने एक अगस्त को संसद में पारित तीन तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे अब यह एक कानून के रूप में तब्दील हो गया है। यह कानून 21 फरवरी को इस संबंध में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा।

यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा। गौरतलब है कि तीन तलाक बिल संसद के दोनों सदनों से पहले ही पास हो चुका है। मोदी सरकार ने इस बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया। इस विधयेक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित किया। बिल के कानून बनने के बाद 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी मामले में तीन तलाक से संबंधित आए हैं, उन सभी का निपटारा इसी कानून के तहत किया जाएगा।

नया कानून-मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 मुस्लिम पति द्वारा दिए जाने वाले तलाक ए बिद्दत यानी कि तीन तलाक को गैरकानूनी बताता है। कानून कहता है कि अगर कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक रूप से, लिखकर या इलेक्ट्रॉनिक रूप में या किसी भी अन्य विधि से तलाक ए बिद्दत देता है तो यह अवैध माना जाएगा।

तलाक ए बिद्दत में कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को तात्कालिक रूप से तीन बार ‘तलाक’ बोलकर उससे संबंध खत्म कर लेता है। कानून में ‘तीन तलाक’ देने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की कैद हो सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि ‘तीन तलाक’ से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।

राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक प्रसिद्ध न्यायाधीश आमिर अली ने 1908 में एक किताब लिखी है। इसके अनुसार तलाक ए बिद्दत का पैगंबर मोहम्मद ने भी विरोध किया है।

श्री प्रसाद ने कहा कि एक मुस्लिम आईटी पेशेवर ने उनसे कहा कि तीन बेटियों के जन्म के बाद उसके पति ने उसे एसएमएस से तीन तलाक कह दिया है। उन्होंने कहा ‘‘एक कानून मंत्री के रूप में मैं उससे क्या कहता? क्या यह कहता कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को मढ़वा कर रख लो। अदालत में अवमानना का मुकदमा करो। पुलिस कहती है कि हमें ऐसे मामलों में कानून में अधिक अधिकार चाहिए।”

उन्होंने शाहबानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार द्वारा लाये गये विधेयक का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं नरेन्द्र मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार का कानून मंत्री नहीं हूं।” उन्होंने कहा कि यदि मंशा साफ हो तो लोग बदलाव की पहल का समर्थन करने को तैयार रहते हैं।

श्री प्रसाद ने कहा कि जब इस्लामिक देश अपने यहां अपनी महिलाओं की भलाई के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो हम तो एक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हमें यह काम क्यों नहीं करना चाहिए? उन्होंने कहा कि तीन तलाक से प्रभावित होने वाली करीब 75 प्रतिशत महिलाएं गरीब वर्ग की होती हैं। ऐसे में यह विधेयक उनको ध्यान में रखकर बनाया गया है।

श्री प्रसाद ने कहा कि हम ‘‘सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास” में भरोसा करते हैं और इसमें हम वोटों के नफा नुकसान पर ध्यान नहीं देंगे और सबके विकास के लिए आगे बढ़ेंगे और उन्हें (मुस्लिम समाज को) पीछे नहीं छोड़ेंगे।

एक पुरातन और मध्यकालीन परंपरा इतिहास में दफन हो गई : नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को पारित कराने में सहयोग देने वाले सभी राजनीतिक दलों और सांसदों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इससे उनके लिए अवसर बढ़ गए हैं और यह कदम भारत के इतिहास में हमेशा के लिए याद किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने इस संबंध में कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, ‘एक पुरातन और मध्यकालीन परंपरा इतिहास में दफन हो गई। संसद ने तीन तलाक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के प्रति हुई ऐतिहासिक गलती को सुधार दिया गया। यह लैंगिक न्याय की जीत है और इससे समाज में समानता को बढ़ावा मिलेगा। भारत आज प्रफुल्लित है!’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह मुस्लिम महिलाओं के असाधारण साहस को सलाम करने का अवसर है, जिन्हें तीन तलाक की प्रथा के कारण भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। तीन तलाक की प्रथा खत्म होने से महिलाओं के सशक्तिकरण में इजाफा होगा और महिलाओं को समाज में वह गरिमा प्राप्त होगी, जिसकी वे हकदार हैं।’

मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा मिला: अमित शाह

तीन तलाक विधेयक के पारित होने पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि मैं संसद के उच्च सदन, राज्य सभा द्वारा तीन तलाक की कुप्रथा पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा लाये गए ऐतिहासिक मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल के पारित होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, क़ानून मंत्री, मंत्रिमंडल और लोक सभा एवं राज्य सभा के सभी सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। साथ ही, देश भर की मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा मिलने पर बधाई देता हूं।

श्री शाह ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर बैन के इस ऐतिहासिक निर्णय से मोदी सरकार ने देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तीन तलाक से उन्हें मुक्ति देकर समाज में सम्मान से जीने का अधिकार दिया है। इस विधेयक को पास करा कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है, अपने वादे को पूरा कर दिखाया है। यह न्यू इंडिया है जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर काम करता है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है। ट्रिपल तलाक पर बैन इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है जो मुस्लिम महिलाओं के जीवन में आशा और सम्मान का नया युग लाएगा।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को सुनिश्चित करने और उसे अक्षुण्ण रखने के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। इस विधेयक के पारित होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे जिससे वे ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में प्रभावी भूमिका अदा कर सकेगी।

श्री शाह ने कहा कि मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी दो-दो बार प्रयास हुए थे लेकिन जबकि कांग्रेस पार्टी के दोहरे रवैये, विरोध और महिला विरोधी मानसिकता के कारण राज्य सभा में यह विधेयक पास नहीं हो सका था जिसके चलते सरकार को मुस्लिम महिलाओं के अधिकार व सम्मान की रक्षा के लिए अध्यादेश लाना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक उन सभी राजनीतिक दलों के लिए भी एक आत्मग्लानि एवं आत्मचिंतन का विषय है जिन्होंने अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए दशकों से मुस्लिम समाज की महिलाओं को इस कुप्रथा से प्रताड़ित होने को मजबूर किया और इस विधेयक को पारित होने की राह में रोड़े अटकाये रखा।

श्री शाह ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज पर विधेयक का संसद के दोनों सदनों से पारित किया जाना मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इससे मुस्लिम महिलाओं के समानता और मूलभूत संवैधानिक अधिकारों की जीत सुनिश्चित हुई है। भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम महिलाओं को मिले उनके अधिकारों एवं सम्मान का स्वागत करती है तथा इसे संकल्पवान ‘न्यू इंडिया’ के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ते हुए कदम के रूप में देखती है।

यह बदलते भारत की शुरुआत है: जगत प्रकाश नड्डा

तीन तलाक विधेयक के पारित होने पर भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि राज्य सभा द्वारा तीन तलाक पर प्रतिबंध को लेकर लाये गए ऐतिहासिक मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल के पारित होने पर मैं देश भर की मुस्लिम बहनों को हार्दिक बधाई देता हूं। मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा एवं उनके सम्मान के लिए कटिबद्ध होकर काम करने के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, क़ानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद एवं दोनों सदनों के सभी सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतवर्ष के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा क्योंकि आज सदियों से चली आ रही तीन तलाक की कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाने के प्रयास सफल हुआ है और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। यह बदलते भारत की शुरुआत है जिसका संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ है।

श्री नड्डा ने कहा कि ट्रिपल तलाक से मुस्लिम बहनों को मुक्ति दिलाकर मोदी सरकार ने उन्हें सम्मान और स्वाभिमान से जीने का अधिकार दिया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से मैं मुस्लिम बहनों को मिले उनके अधिकार एवं गरिमा का स्वागत करते हुए उनके मंगल भविष्य की कामना करती है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने शुरुआत से ही ट्रिपल तलाक को ख़त्म करने की मुहिम चलाई लेकिन कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियों की महिला विरोधी नीतियों के कारण 2017 और 2018 में लोक सभा से पारित होने के बावजूद राज्य सभा से इसे पारित नहीं कराया जा सका। इस बार पुनः मोदी सरकार ने 25 जुलाई 2018 को पारित कराया और आज राज्य सभा से भी इसे 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया गया।

श्री नड्डा ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर बैन से मुस्लिम महिलाओं को समाज में समान रूप से सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलेगा। मोदी सरकार में आज देश की महिलायें खुद को आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस कर रही हैं।