कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसी विषम परिस्थिति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल देश को अपितु विश्व को भी एक नई दिशा दिखाने का काम किया है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने क्या-क्या उपाय किये, इस विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से श्री रमाकांत पाण्डेय ने ‘कमल संदेश’ के लिए बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश :
🔴 कोरोना वायरस एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार की क्या तैयारियां हैं?
कोरोना ने समूचे देश को अपने शिकंजे में फंसाने की भरपूर कोशिश की। 22 जनवरी, 2021 की सुबह 9 बजे तक एक करोड़ छह लाख 25 हजार 428 कोरोना के मामले सामने आए हैं। कुल मिलाकर एक करोड़ दो लाख 83 हजार 708 रोगी स्वस्थ होकर अपने घरों में चले गए हैं। 22 जनवरी, 2021 की सुबह 9 बजे तक केवल एक लाख 88 हजार 688 सक्रिय मामले हैं।
हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और कुशल नेतृत्व के कारण कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक भारत की स्थिति विश्व के सभी देशों की स्थिति से बेहतर रही है। भारत की रिकवरी दर विश्व में सबसे अधिक 96.78 प्रतिशत है और विश्व में न्यूनतम मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है। पिछले कई महीनों से लगातार मामलों की संख्या में कमी आ रही है।
इसके अलावा हमारे वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत और समर्पण भावना से काम करते हुए तथा वैक्सीन की तत्काल आवश्यकता को समझते हुए कुछ महीनों में ही वैक्सीन विकसित कर दिखाया। 22 जनवरी, 2021 को सुबह 9 बजे तक 10 लाख 43 हजार 534 हेल्थ वर्कर को वैक्सीन दी गई। इन सब तथ्यों को देखकर कहा जा सकता है कि हमारा देश कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी जीत की दहलीज़ पर पहुंच गया है। निश्चित रूप से भारत की कोरोना पर शीघ्र शानदार जीत होगी।
🔴 कोरोना वायरस ने दुनिया के लगभग सभी देशों में कहर बरपाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत को लेकर बेहद चिंतित था, लेिकन आज दुनिया भर में भारत के प्रयासों की सराहना हो रही है। इसका श्रेय किसे जाता है?
कोरोना वायरस से दुनिया के काफी देशों में तांडव की स्थिति उत्पन्न होने की बात काफी हद तक उचित कही जा सकती है, लेकिन 135 करोड़ जनसंख्या के बावजूद भारत ने अपनी प्रभावी कार्रवाई के कारण प्रारंभ से लेकर अब तक स्थिति को अनियंत्रित नहीं होने दिया।
चीन द्वारा एक घातक वायरस की अपने देश में फैलाव की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने के अगले दिन 8 जनवरी, 2020 को भारत ने उच्च स्तरीय संयुक्त दल की बैठक आयोजित कर कोरोना के खिलाफ समुचित कार्रवाई करने का संकल्प कर लिया था। इसके बाद हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमारी अधिकतम रिकवरी दर और न्यूनतम मृत्यु दर इस बात का प्रमाण है कि हमने कोरोना को समाप्त करने की दिशा में लगातार सही समय पर सही कदम उठाए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के कदमों के साथ कदम मिलाकर राज्यों ने कोरोना पर काबू पाने के उल्लेखनीय प्रयास किए। इसके अलावा कोरोना वॉरियर्स के योगदान के बल पर इस महामारी के दुष्प्रभाव को सीमित किया गया है। हमारे प्रयासों की अंतराष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित अंतराष्ट्रीय संगठनों ने कोरोना पर काबू पाने को लेकर भारत का लोहा माना। इसका श्रेय निश्चित रूप से हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रभावी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन को जाता है, जिन्होंने समयानुकूल निर्णय लिए और स्थिति पर पैनी नजर रखी। उनके नेतृत्व को देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, समाज एवं अन्य सभी कोरोना वॉरियर्स का समर्थन मिला।
🔴 अब वैक्सीन लगनी भी शुरू हो गई है, लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां इस पर भी राजनीति कर रही हैं। क्या आपको नहीं लगता कि वैक्सीन को लेकर दिए जा रहे उनके अनाप-शनाप बयान से देश के वैज्ञानिकों का अपमान हो रहा है ?
पूरा देश यह देख रहा है कि ऐसे तत्व आज वैक्सीन को लेकर इसकी प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसे लोग अफवाहों और दुष्प्रचार का भी सहारा ले रहे हैं, मगर वैक्सीन लगाए जाने का सिलसिला जारी है। देश के सैकड़ों बड़े प्रतिष्ठित डॉक्टरों ने वैक्सीन ली है और उन्होंने बिना किसी साइड इफेक्ट के अपना काम तुरंत शुरू कर दिया।
हमारा उद्देश्य लोगों की जीवन रक्षा करना है। उनके बयान हमें देश की जनता की जीवन रक्षा के मार्ग से विचलित नहीं कर सकते। हम अपने कर्तव्य और नैतिक धर्म के अनुसार वैक्सीन लगाने के अपने दायित्व का पालन कर रहे हैं।
🔴 कोरोना के खिलाफ जंग में आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का दुनिया भर में डंका बज रहा है। विश्व के तमाम देश वैक्सीन के लिए भी भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। क्या उन देशों को भी वैक्सीन की सप्लाई की जाएगी?
श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम के पश्चात प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। तभी से अब तक विश्व में उनके नेतृत्व की भरपूर सराहना की जा रही है। वे विश्व में सबसे अधिक प्रखर और कुशल नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं। देश में उनकी स्वीकार्यता के आंकड़े विपक्ष की आंखों की किरकिरी बन गए हैं। ये सच है कि विश्व के अनेक देश वैक्सीन के लिए भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। भारत ने पहले भी कोरोना काल की शुरुआत में विश्व के अनेक देशों को मुफ्त दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराए थे।
भारत मानव कल्याण और वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखता है। हमारा देश विश्व में वैक्सीन का सबसे बड़ा विनिर्माता है और इसे विश्व की फार्मेसी कहा जाता है। भारत ने अभी 6 देशों–बंगलादेश, मालदीव, भूटान, नेपाल, म्यामांर और सेशल्स को वैक्सीन की आपूर्ति की है। जो भी देश भारत से वैक्सीन की आपूर्ति की अपेक्षा करेगा, उसे वैक्सीन उत्पादन और भंडारण की स्थिति को देखते हुए सहायता देने का प्रयास किया जाएगा।
🔴 कोरोना काल में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना किस प्रकार से कमजोर वर्गों के लिए संजीवनी बनी?
प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अंतर्गत कमजोर वर्ग के परिवारों को प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का कवर प्रदान किया जाता है। 21 जनवरी, 2021 के अनुसार 24 हजार 203 सूचीबद्ध अस्पतालों से नि:शुल्क 1,393 किस्म के ऑपरेशन समेत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अब तक 13 करोड़ 42 लाख 59 हजार 452 ई-कार्ड जारी किए गए हैं। इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में अब तक एक करोड़ 54 लाख 69 हजार 315 दाखिले किए गए।
कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए मुफ्त उपचार और ऑपरेशन से गरीब परिवारों को बहुत बड़ी राहत मिल रही है। इसे देखकर कहा जा सकता है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना से बड़ी संख्या में गरीब परिवार लाभान्वित हुए।
प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अंतर्गत देश में एक लाख 50 हजार वेलनेस सेंटर (आरोग्य केन्द्र) बनाए जाने हैं। इनमें से 50 हजार से अधिक आरोग्य केन्द्र बन गए हैं और काम कर रहे हैं। यह भी सराहनीय है कि कोरोना काल में भी केन्द्र और राज्यों ने संयुक्त प्रयासों से नये आरोग्य केन्द्र स्थापित किए।
आरोग्य केन्द्रों का उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को उनके घर के निकट पहुंचाना है। इन केन्द्रों के प्रयास से 25 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच मिली है। इन केन्द्रों में योग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा इन आरोग्य केन्द्रों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ब्रेस्ट कैंसर, ओरल कैंसर, सर्विक्स कैंसर के लाखों रोगियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
🔴 वैक्सीन का निर्माण किन कंपनियों द्वारा किया जा रहा है?
वर्तमान में भारत बायोटेक कंपनी आईसीएमआर के साथ मिलकर कोवैक्सीन बना रही है। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट, ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन कोविशील्ड का विनिर्माण कर रहा है। इन दोनों वैक्सीन का 16 जनवरी, 2021 से भारत के वैक्सीन टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा जाइड्स केडिला द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर ज़ाईको वी डी वैक्सीन बनाया जा रहा है। इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए डीसीजीआई (भारतीय दवा महानियंत्रक) ने अनुमति दे दी है।
रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-V के दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल डॉक्टर रेड्डी लेबोरेट्रीज कर रही है। भारत में इस वैक्सीन के 300 मिलियन डोज़ बनाए जाएंगे।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अमेरिकन कंपनी नोवा वैक्स के साथ मिलकर एनवीएक्स-कोव 2373 वैक्सीन विकसित कर रहा है। इसके तीसरे चरण के ट्रायल पर विचार किया जा रहा है।
बायोलॉजिकल ई-लिमिटेड वैक्सीन भी जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ फेस I/II का ट्रायल कर रहा है। इस वर्ष अप्रैल में अपने कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट की लार्ज लेट स्टेज ट्रायल करने की योजना है।
पुणे स्थित जेनोवा बायोफॉर्मास्यूटिकल ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ एचजीसीओ19 mRNA वैक्सीन विकसित किया है। इस वैक्सीन का पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल 120 वॉलेंटियर के साथ इस महीने शुरू किए जाने का कार्यक्रम है।
भारत बायोटेक अपने दूसरे वैक्सीन को टॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी अमेरिका के साथ मिलकर विकसित कर रहा है। इसके अलावा अब उनको एक नोज़ल वैक्सीन जो सिंगल डोज़ है, उसका चरण-1 ट्रायल करने की डीसीजीआई ने अनुमति दे दी है।
अरविन्दो फार्मा वैक्सीन का अरविन्दो फार्मा लिमिटेड ने अपनी अमेरिकन सहायक कंपनी औरो वैक्सीन्स के साथ मिलकर विकसित करने का कार्यक्रम बनाया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 64 वैक्सीन कैंडिडेट क्लीनिकल डेवलपमेंट कर रहे हैं।
इसके अलावा 173 वैक्सीन कैंडिडेट प्री-क्लीनिकल डेवलपमेंट कर रहे हैं।