व्यापार, निवेश और नयी हरित साझेदारियों को मिला बढ़ावा

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                                          प्रधानमंत्री की जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस यात्रा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2-4 मई के दौरान जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की सफल यात्रा की। इस तीन दिवसीय यात्रा के मध्य श्री मोदी ने व्यापार, ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए कई द्विपक्षीय बैठकें कीं तथा दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से व्यापार और निवेश संबंध आगे बढ़े, नयी हरित साझेदारियां बनीं, नवोन्मेष व कौशल विकास को लेकर सहयोग को बढ़ावा मिला तथा यूरोपीय साझेदारों से सहयोग की भावना को और मजबूती मिली

जर्मनी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी दो मई को जर्मनी के संघीय चांसलर श्री ओलाफ स्कोल्ज़ के निमंत्रण पर बर्लिन पहुंचे। श्री मोदी को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और चांसलर श्री स्कोल्ज ने संघीय चांसलर के कार्यालय में प्रधानमंत्री श्री मोदी की अगवानी की। इसके बाद दोनों राजनेताओं की बैठक आमने-सामने हुई, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।

इन चर्चाओं में समग्र रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम के मद्देनजर द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया।

प्रधानमंत्री द्वारा छठवें भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श के पूर्ण सत्र की सह-अध्यक्षता

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर श्री ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ दो मई को भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के पूर्ण सत्र की सह-अध्यक्षता की। शुरुआती टिप्पणी में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख पहलुओं के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-जर्मनी साझेदारी एक जटिल दुनिया में सफलता का उदाहरण बन सकती है। उन्होंने भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में जर्मन भागीदारी को भी आमंत्रित किया।
दोनों देशों के मंत्रियों और अधिकारियों ने आईजीसी के विभिन्न पहलुओं संबंधी अपनी बैठकों पर संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की:

 विदेश मामले और सुरक्षा
 आर्थिक, वित्तीय नीति और वैज्ञानिक एवं सामाजिक विनिमय
 जलवायु, पर्यावरण, सतत विकास और ऊर्जा

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और सचिव डीपीआईआईटी श्री अनुराग जैन ने भारत की ओर से प्रजेंटेशन दिया।

हरित और सतत विकास साझेदारी की स्थापना के संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर

पूर्ण सत्र का समापन प्रधानमंत्री श्री मोदी और चांसलर श्री स्कोल्ज़ द्वारा हरित और सतत विकास साझेदारी की स्थापना के संयुक्त घोषणा पत्र (जेडीआई) पर हस्ताक्षर के साथ हुआ। यह साझेदारी सतत विकास लक्ष्यों और जलवायु कार्रवाई पर भारत-जर्मनी सहयोग के लिए एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की परिकल्पना करती है। इसके तहत जर्मनी 2030 तक 10 अरब यूरो की नई और अतिरिक्त विकास सहायता की अग्रिम प्रतिबद्धता के लिए सहमत हो गया है। साझेदारी को उच्च स्तरीय समन्वय और राजनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए यह जेडीआई आईजीसी के दायरे में एक मंत्रिस्तरीय तंत्र भी बनाएगा।

बर्लिन में व्यापार गोलमेज बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चांसलर श्री ओलाफ स्कोल्ज के साथ दो मई को एक व्यापार गोलमेज बैठक की सह-अध्यक्षता की। अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा किए गए व्यापक सुधारों पर जोर दिया और भारत में स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने व्यापार जगत की शीर्ष हस्तियों को भारत के युवाओं में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

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कोपेनहेगन, डेनमार्क में संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन

इस कार्यक्रम में दोनों सरकारों के उच्च स्तर के प्रतिनिधियों और दोनों पक्षों के चयनित सीईओ की भागीदारी हुई, जिन्होंने जलवायु सहयोग, आपूर्ति शृंखला तथा अनुसंधान एवं विकास सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा में हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री की जर्मनी में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी के बर्लिन स्थित थियेटर एम पॉट्सडैमर प्लाट्ज़ में भारतीय समुदाय को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की। जर्मनी में जीवंत भारतीय समुदाय के 1600 से अधिक सदस्यों, जिनमें छात्र, शोधकर्ता और पेशेवर शामिल थे, ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। श्री मोदी ने जर्मनी की अर्थव्यवस्था और समाज में उनके योगदान को रेखांकित किया और वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देते हुए उन्हें भारत की पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने भारत-डेनमार्क हरित सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। इस बातचीत में अक्षय ऊर्जा, खास तौर पर अपतटीय पवन ऊर्जा व ग्रीन हाइड्रोजन और साथ ही साथ कौशल विकास, स्वास्थ्य, शिपिंग, जल तथा आर्कटिक में सहयोग जैसे विषय शामिल रहे

डेनमार्क

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर 3-4 मई के दौरान डेनमार्क की यात्रा की। श्री मोदी ने तीन मई को प्रधानमंत्री सुश्री फ्रेडरिकसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने आमने-सामने के प्रारूप में बातचीत की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-डेनमार्क हरित सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। इस बातचीत में अक्षय ऊर्जा, खास तौर पर अपतटीय पवन ऊर्जा व ग्रीन हाइड्रोजन और साथ ही साथ कौशल विकास, स्वास्थ्य, शिपिंग, जल तथा आर्कटिक में सहयोग जैसे विषय शामिल रहे।

श्री मोदी ने भारत के प्रमुख कार्यक्रमों में डेनमार्क की कंपनियों के सकारात्मक योगदान की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री सुश्री फ्रेडरिकसन ने डेनमार्क में भारतीय कंपनियों की सकारात्मक भूमिका पर प्रकाश डाला। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच लोगों के बढ़ते आपसी संबंधों की सराहना की और प्रवासन व गतिशीलता साझेदारी पर आशय घोषणा का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

प्रधानमंत्री ने कोपेनहेगन में भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भाग लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसन और डेनमार्क के राजकुमार एच.आर.एच. फ्रेडरिक के साथ संयुक्त रूप से तीन मई को डेनमार्क उद्योग परिसंघ में आयोजित भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भाग लिया।

श्री मोदी ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं के पूरक कौशल पर जोर दिया और डेनमार्क की कंपनियों को हरित प्रौद्योगिकियों, कोल्ड चेन, कचरे से सम्पत्ति निर्माण, शिपिंग और बंदरगाह जैसे क्षेत्रों में भारत में मौजूद अपार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने भारत के व्यापार अनुकूल दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और दोनों पक्षों के व्यापारिक समुदायों को सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री सुश्री फ्रेडरिकसन ने दोनों देशों के बीच एक सेतु बनाने में व्यापारिक समुदायों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

इस आयोजन में दोनों देशों के व्यवसायियों की भागीदारी निम्न क्षेत्रों में देखी गई:

 हरित प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण
 ऊर्जा स्वतंत्रता और नवीकरणीय ऊर्जा
 जल, पर्यावरण और कृषि
 अवसंरचना, परिवहन और सेवाएं

कोपेनहेगन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ तीन मई को कोपेनहेगन स्थित बेला सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की। डेनमार्क में भारतीय समुदाय के 1000 से अधिक सदस्यों, जिनमें छात्र, शोधकर्ता, पेशेवर और व्यवसायी शामिल थे, ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
श्री मोदी ने सुश्री फ्रेडरिक्सन की गर्मजोशी एवं भारतीयों के प्रति सम्मान की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश हरित विकास के लिए मौलिक समाधान खोजने में मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने डेनमार्क में भारतीय समुदाय द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका की सराहना की। उन्होंने भारत की आर्थिक क्षमता पर प्रकाश डाला तथा भारत एवं डेनमार्क के बीच और अधिक सहयोग को आमंत्रित किया।

डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय द्वारा प्रधानमंत्री का स्वागत

डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय ने चार मई को कोपेनहेगन के ऐतिहासिक अमालियनबोर पैलेस में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने डेनमार्क के राजसिंहासन पर महारानी के आरोहढ़ की स्वर्ण जयंती के अवसर पर उन्हें बधाई दी।

श्री मोदी ने हाल के वर्षों में भारत-डेनमार्क के सम्बंधों की बढ़ती प्रगाढ़ता,विशेषकर हरित रणनीतिक साझेदारी के विषय के बारे में महारानी को अवगत कराया। उन्होंने सामाजिक सरोकारों को आगे बढ़ाने में डेनमार्क के शाही परिवार की भूमिका की भी प्रशंसा की।

दूसरा भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में चार मई को डेनमार्क की प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन, आइसलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री श्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री सुश्री मैग्डेलीना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री सना मारिन के साथ भाग लिया।

इस शिखर सम्मेलन ने 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से भारत-नॉर्डिक संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया। महामारी के बाद आर्थिक सुधार (रिकवरी), जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिटलीकरण और हरित एवं स्वच्छ विकास आदि क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई।

स्थायी महासागर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुद्री क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। श्री मोदी ने नॉर्डिक कंपनियों को विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना समेत जल से जुड़ी (ब्लू इकॉनमी) अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति, आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक अच्छी रूपरेखा प्रस्तुत करती है। श्री मोदी ने नॉर्डिक देशों के सोवेरेन वेल्थ फण्ड को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नॉर्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों के साथ बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नॉर्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें की। श्री मोदी ने भारत नॉर्डिक-शिखर सम्मेलन के दौरान कोपेनहेगन में नॉर्वे के प्रधानमंत्री श्री जोनस गहर स्टोर के साथ बैठक की। अक्टूबर, 2021 में प्रधानमंत्री श्री स्टोर द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद से दोनों राजनेताओं के बीच यह पहली बैठक थी।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों के तहत जारी गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग के भावी क्षेत्रों पर चर्चा की। श्री मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि नॉर्वे का कौशल और भारत की संभावनाएं प्राकृतिक तौर पर एक-दूसरे की पूरक हैं।

दोनों नेताओं ने जल से जुड़ी अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सौर और पवन परियोजनाओं, हरित पोत परिवहन, मत्स्य पालन, जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, अंतरिक्ष सहयोग, दीर्घकालिक अवसंरचना निवेश, स्वास्थ्य और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मज़बूत करने की क्षमता पर चर्चा की। क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। सुरक्षा परिषद् के सदस्य देशों के रूप में भारत और नॉर्वे संयुक्त राष्ट्र में पारस्परिक हित के वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे को सहयोग देते रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान कोपेनहेगन में स्वीडन की प्रधानमंत्री सुश्री मैग्डेलीना एंडरसन के साथ बैठक की। दोनों राजनेताओं के बीच यह पहली बैठक थी। भारत और स्वीडन के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध रहे हैं जो समान मूल्यों, मजबूत व्यापार, निवेश तथा अनुसंधान व विकास में आपसी सहयोग एवं वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के लिए समान दृष्टिकोण पर आधारित हैं। नवाचार, प्रौद्योगिकी, निवेश और अनुसंधान एवं विकास सहयोग; इस आधुनिक संबंध के आधार-स्तम्भ हैं।

पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी की 2018 की स्वीडन यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने एक व्यापक संयुक्त कार्य योजना को अंगीकार किया था और एक संयुक्त नवाचार साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे।

इस बैठक में दोनों राजनेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने लीड आईटी पहल की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया। यह 2019 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्य शिखर सम्मेलन में उद्योग परिवर्तन पर नेतृत्व समूह (लीडआईटी) का गठन करने के लिए भारत-स्वीडन की संयुक्त वैश्विक पहल थी, ताकि दुनिया के सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जक उद्योगों का कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर जाने में मार्गदर्शन किया जा सके। इसकी सदस्यता 16 देशों और 19 कंपनियों के साथ मिलकर अब 35 हो गई है।

दोनों राजनेताओं ने नवाचार, जलवायु प्रौद्योगिकी, जलवायु कार्य, हरित हाइड्रोजन, अंतरिक्ष, रक्षा, नागरिक उड्डयन, आर्कटिक, ध्रुवीय अनुसंधान, स्थायी खनन और व्यापार तथा आर्थिक संबंध जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मज़बूत करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से इतर फिनलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री सना मारिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत बैठक थी। दोनों पक्षों ने 16 मार्च, 2021 को आयोजित द्विपक्षीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन के परिणाम के कार्यान्वयन में हुई प्रगति पर संतोष जाहिर किया।

दोनों नेताओं ने इस बात का जिक्र किया कि निरंतरता, डिजिटलीकरण और विज्ञान व शिक्षा में सहयोग जैसे क्षेत्र द्विपक्षीय संबंध के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, भविष्य की मोबाइल प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ तकनीक और स्मार्ट ग्रिड जैसी नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की।

श्री मोदी ने फिनलैंड की कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने और भारतीय बाजार में खासतौर से दूरसंचार बुनियादी ढांचे और डिजिटल परिवर्तनों में मौजूद विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अधिक सहयोग पर भी चर्चा हुई।

फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री की बैठक

With China in mind, India and France sign strategic pact on use of each other's military bases | India News – India TV

पेरिस के एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की

कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से लौटते समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 4 मई को फ्रांस की आधिकारिक यात्रा की। पेरिस में प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रों के साथ आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की। दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, नीली अर्थव्यवस्था, असैन्य परमाणु और लोगों के लोगों से संबंधों में सहयोग सहित विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।

दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के पहलू पर भी बात की और वैश्विक भलाई के लिए भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को एक ताकत बनाने के लिए मिलकर काम करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। श्री मोदी के फ्रांस दौरे ने न केवल दोनों देशों बल्कि दोनों नेताओं के बीच मजबूत मित्रता और सद्भाव को प्रदर्शित किया। उन्होंने राष्ट्रपति श्री मैक्रों को जल्द भारत आने का न्योता भी दिया।