प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अब तक 46.25 करोड़ लाभार्थियों के खुले ‘बैंक खाते’

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प्रधानमंत्री जनधन (पीएमजेडीवाई) खाते मार्च, 2015 में 14.72 करोड़ से तीन गुना बढ़कर 10 अगस्त, 2022 तक 46.25 करोड़ हो गए। 56 फीसदी जनधन खाताधारक महिलाएं हैं और 67 फीसदी जनधन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं

त 28 अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार 10 अगस्त, 2022 तक प्रधानमंत्री जनधन खातों की संख्या 46.25 करोड़ हो गई है। इनमें 56 फीसदी जनधन खाताधारक महिलाएं हैं और 67 फीसदी जनधन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा की थी। 28 अगस्त, 2014 को इस योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस मौके को गरीबों की एक दुष्चक्र से मुक्ति का उत्सव कहा था।

पीएमजेडीवाई की 8वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने 28 अगस्त, 2022 को कहा कि वित्तीय समावेशन समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के समग्र आर्थिक विकास को सुनिश्चित करता है। 28 अगस्त, 2014 से पीएमजेडीवाई की सफलता का 46 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खुलने और उसमें 1.74 लाख करोड़ रुपये जमा होने से स्पष्ट पता चलता है। इसका विस्तार 67 फीसदी ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक हो चुका है और 56 फीसदी जनधन खाताधारक महिलाएं हैं।

उन्होंने कहा कि इन खातों के जरिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्रवाह को बढ़ाकर इनके इस्तेमाल पर अतिरिक्त जोर देने के साथ ही, रुपे कार्ड आदि के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देकर ‘हर घर’ से अब ‘हर वयस्क’ पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

गौरतलब है कि मार्च, 2014 से मार्च, 2020 के बीच खोले गए दो में से एक खाता पीएमजेडीवाई खाता था। देशव्यापी लॉकडाउन के 10 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ से अधिक महिला पीएमजेडीवाई खातों में अनुग्रह राशि जमा की गई।

पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग प्रणाली से वंचित रहे लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है, भारत के वित्तीय ढांचे का विस्तार किया है और लगभग हर वयस्क के लिए वित्तीय समावेशन को संभव बनाया है।

इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रधानमंत्री जनधन खातों के जरिए डीबीटी ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक रुपया अपने लक्षित लाभार्थी तक पहुंचे और प्रणाली में रिसाव (लीकेज) को रोका जा सके।
पीएमजेडीवाई की मुख्य बातें :

 10 अगस्त, 2022 तक पीएमजेडीवाई खातों की कुल संख्या: 46.25 करोड़; 55.59 फीसदी (25.71 करोड़) जनधन खाताधारक महिलाएं हैं और 66.79 फीसदी (30.89 करोड़) जन धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।
 इस योजना के पहले वर्ष के दौरान 17.90 करोड़ पीएमजेडीवाई खाते खोले गए।
 पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च, 2015 में 14.72 करोड़ से तीन गुना बढ़कर 10 अगस्त, 2022 तक 46.25 करोड़ हो गई है।
 पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा शेष राशि 1,73,954 करोड़ रुपये है।
 इन खातों में 2.58 गुना वृद्धि के साथ इनमें जमा होने वाली धनराशि में लगभग 7.60 गुना वृद्धि हुई है (अगस्त, 2022/अगस्त, 2015)।