नए भारत के प्रति जनादेश

| Published on:

त्तर-पूर्व के राज्यों में हाल ही में हुए चुनावों में जनता ने एक बार पुनः भाजपा को अपने आशीर्वाद से सुशोभित किया है। त्रिपुरा, नागालैंड एवं मेघालय के चुनाव परिणाम यह दर्शाते हैं कि देश की राजनीति में आज व्यापक परिवर्तन हुआ है और अब विकास एवं ‘परफाॅर्मेंस’ की राजनीति को पूरे देश में भारी जनसमर्थन मिल रहा है। यह तथ्य उत्तर-पूर्व राज्यों, जिन्होंने लंबे समय तक विभाजन, अलगाव एवं हिंसा का सामाना किया है, के संदर्भ में और भी अधिक प्रासंगिक है। उत्तर-पूर्व, जिसके बिगड़ते हालात से

त्रिपुरा, नागालैंड एवं मेघालय के चुनाव परिणाम यह दर्शाते हैं कि देश की राजनीति में आज व्यापक परिवर्तन हुआ है और अब विकास एवं ‘परफाॅर्मेंस’ की राजनीति को पूरे देश में भारी जनसमर्थन मिल रहा है

पूरा देश चिंतित था पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुदृढ़ एवं दूरदर्शी नेतृत्व में शांति, विकास एवं प्रगति का नया प्रतिमान गढ़ रहा है। भाजपा/राजग के सरकारों को उत्तर-पूर्व के लगभग सभी राज्यों में पुनः चुना जाना इस बात को इंगित करता है कि भाजपा इस क्षेत्र में जन-जन के हृदय में अपना स्थान बनाने में सफल हुई है। यह परिवर्तन उत्तर-पूर्व में जनकल्याण एवं जनसेवा के लिए अथक परिश्रम, अनवरत प्रयास, दूरदृष्टि एवं जनता की भलाई के प्रति अटूट संकल्प का परिणाम है।

त्रिपुरा, नागालैंड एवं मेघालय के चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं समर्पित नेतृत्व तथा भाजपा के कार्यक्रमों एवं नीतियों पर जनता के पूर्ण विश्वास को दर्शाता है। आज जब उत्तर-पूर्व में शांति, सद्भावना, विकास एवं प्रगति का दौर आया है, हिंसा, ब्लाॅकेड, उग्रवाद एवं खून-खराबा के दिन लद गए हैं। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन-जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि उन्होंने स्वयं 50 बार से अधिक इस क्षेत्र का दौरा किया तथा हर पखवाड़े उत्तर-पूर्व में कम से कम एक केंद्रीय मंत्री का प्रवास होता रहा है। एक ओर जहां बोडो समझौता, ब्रू-रियांग समझौता उग्रवादियों द्वारा समर्पण एवं उनका पुनर्वास से अफस्पा कई क्षेत्रों से हटाया गया, वहीं ‘हीरा’ जैसी अवधारणा से पूरे उत्तर-पूर्व को वास्तविक अर्थों में ‘अष्टलक्ष्मी’ का रूप दिया जा रहा है। कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार एवं मोदी सरकार के दृष्टिकोण का अंतर इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि जहां 2013-14 में पूरे क्षेत्र के लिए 2,030 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान था, वहीं आज 2023-24 में 5,892 करोड़ रुपए हो गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए ‘पीएम-डिवाईन’ के नाम से एक विशेष पहल की है जिसके लिए बजट 2023-24 में 2,200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह प्रमाणित करता है कि मोदी सरकार जिस प्रकार से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र का कायाकल्प कर रही है, वैसा पूर्व में कांग्रेस शासन में कभी नहीं हुआ। कई अटकी एवं रूकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के साथ मोदी सरकार ने क्षेत्र में कई अभिनव योजनाओं को लागू किया है, जिससे इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो रहा है।

कांग्रेस सरकारों के निरंतर सौतेले व्यवहार के कारण उत्तर-पूर्व के लोगों को सरकारी योजनाओं से विश्वास डगमगा गया था, परंतु मोदी सरकार ने न केवल उनमें पुनः विश्वास जगाया बल्कि एक नए भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया। आज मोदी सरकार इस क्षेत्र की सभी आकांक्षाओं को पूर्ण कर रही है, लोगों की भावनाओं का सम्मान हो रहा है तथा वे ‘अमृतकाल’ में पूरे देश के साथ तीव्र विकास के पथ पर चलने को तैयार हैं। त्रिपुरा, नागालैंड एवं मेघालय का जनादेश सर्वसम्मति से ‘नए भारत’ के पक्ष में है तथा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा का गौरवगान है।
shivshaktibakshi@kamalsandesh.org