100 दिनों का परिवर्तनकारी नेतृत्व: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी शासन का प्रमाण

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ज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए 3.0 के 100 दिन पूरे हुए हैं, हमें गर्व के साथ इस अवधि के असाधारण उपलब्धियों को देखना चाहिए। इन तीन महीनों में विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति देखी गई है, जो भारत के सतत विकास और प्रगति की नींव रख रही है।

समग्र विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए एनडीए सरकार ने बुनियादी ढांचे, आर्थिक सुधारों, कृषि, रक्षा, और सामाजिक कल्याण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है। ये प्रयास न केवल तात्कालिक लाभ ला रहे हैं, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के महत्वाकांक्षी विज़न को साकार करने के रास्ते पर भारत को ले जा रहे हैं।

भविष्य के लिए रखी जा रही है मजबूत नींव

प्रधानमंत्री मोदीजी ने एक उन्नत और विकसित भारत की नींव रखी है। उनका नेतृत्व, जो गतिशीलता और रणनीतिक दूरदर्शिता से भरा हुआ है, देश को अधिक समृद्धि की दिशा में प्रेरित और संचालित कर रहा है। एक राष्ट्र के रूप में हमें उनके दूरदर्शी शासन के लिए गहरा आभार व्यक्त करना चाहिए, जो भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।

विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक उपलब्धियां, एनडीए 3.0 के तहत परिवर्तनकारी बदलावों पर बल देती हैं। सरकार की जन-केंद्रित नीतियों ने गरीबों, मध्यवर्ग, दलितों, हाशिए के समुदायों, युवाओं और महिलाओं सहित विभिन्न समूहों के लिए जीवन की सुगमता में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। ये पहलें समावेशी विकास और सामाजिक समानता के प्रति प्रतिबद्ध एक नेतृत्व का प्रतिबिंब हैं।

राष्ट्रीय प्रगति का एक मील का पत्थर

मोदी सरकार के पहले 100 दिन केवल एक मील का पत्थर नहीं हैं, ये इसके राष्ट्रीय प्रगति के प्रति अटूट

सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में ₹3 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश भारत की कनेक्टिविटी नेटवर्क को फिर से आकार दे रहा है, जो आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने, नए बंदरगाहों के निर्माण और रेलवे के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ रही है, बल्कि पूरे देश में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है

समर्पण का प्रमाण हैं। साहसिक पहलों के माध्यम से सरकार ने सतत विकास की एक मजबूत नींव रखी है, जिसका सकारात्मक प्रभाव वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों पर पड़ेगा। इस संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण अवधि में 15 लाख करोड़ के निवेश किए गए हैं, जो परिवर्तनकारी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शा रहे हैं।

कृषि: विकास के केंद्र में

मोदी सरकार का कृषि पर फोकस, आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। किसानों को अपनी आर्थिक दृष्टि के केंद्र में रखते हुए सरकार ने सुनिश्चित किया है कि उनकी भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे। हाल ही में खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि ने किसानों की आय को बढ़ाने में कारगर भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही, प्याज और बासमती चावल जैसे प्रमुख उत्पादों पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटाना सरकार की कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त के तहत ₹20,000 करोड़ का वितरण किया गया है, जिससे 9.3 करोड़ किसानों को लाभ मिला है, ये प्रधानमंत्री मोदीजी की ग्रामीण आजीविकाओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है।

बुनियादी ढांचे का विकास: आर्थिक विकास की शक्ति

सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में ₹3 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश भारत की कनेक्टिविटी नेटवर्क को फिर से आकार दे रहा है, जो आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने, नए बंदरगाहों के निर्माण और रेलवे के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ रही है, बल्कि पूरे देश में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
एक दूरदर्शी विज़न प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-DRIVE) योजना में दिखाई देता है, इस योजना के लिए ₹10,900 करोड़ का बजट रखा गया है, जो भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकास को तेज़ गति दे रहा है, इसके साथ ही ये कदम परिवहन के क्षेत्र में स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा दे रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा को मजबूत करना

मोदी 3.0 में भारत की रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है। रक्षा खरीद के लिए ₹1.45 लाख करोड़ रुपये के समर्पित बजट के साथ सरकार राष्ट्र की सुरक्षा संरचना को बेहतर बना रही है।
इसके अलावा, ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) योजना का सफल क्रियान्वयन रक्षाकर्मियों और उनके कल्याण के प्रति सरकार के समर्थन को मजबूत करता है, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार के अडिग रुख ने जम्मू और कश्मीर में शांति को स्थापित किया है।

समुदायों को सशक्त बनाना और सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ाना

ऐतिहासिक पहलों के माध्यम से सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं ने लाखों लोगों विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ से अधिक घरों को स्वीकृति दी गई है, जिसके लिए ₹5.36 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को लाभ मिलेगा।

मध्यम वर्ग, जो आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण चालक है, को और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कर सुधारों की शुरुआत की है, जिसमें ₹7 लाख तक की आय कर मुक्त और मानक कटौती में वृद्धि शामिल है।

महिलाओं का सशक्तीकरण: सतत विकास का सहायक

मोदी सरकार मानती है कि महिलाओं का सशक्तीकरण सतत विकास के लिए अति आवश्यक है। विभिन्न पहलों के माध्यम से, 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जिससे उन्हें

विभिन्न पहलों के माध्यम से 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जिससे उन्हें वित्तीय संसाधनों और कौशल विकास के अवसरों तक पहुंच मिली है। 11 लाख नई ‘लखपति दीदियों’ को बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री जी की महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके अलावा, मुद्रा ऋण की सीमा को बढ़ाकर महिला उद्यमियों को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने में सक्षम बना रहा है

वित्तीय संसाधनों और कौशल विकास के अवसरों तक पहुंच मिली है। 11 लाख नई ‘लखपति दीदियों’ को बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री जी की महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके अलावा, मुद्रा ऋण की सीमा को बढ़ाकर महिला उद्यमियों को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने में सक्षम बना रहा है।

युवा शक्ति का मंथन

भारत के युवा हमारे भविष्य की रीढ़ हैं, और सरकार उनके विकास में भारी निवेश कर रही है। कौशल संवर्धन और रोजगार सृजन के लिए ₹2 लाख करोड़ रुपये का पैकेज पेश किया गया है, जिसमें प्रथम बार कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन भी शामिल है। यह पहल कौशल अंतर को पाट रही है, उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि अगली पीढ़ी भारत के आर्थिक पुनरुत्थान का नेतृत्व करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित रहे।

स्वास्थ्य और शिक्षा: मौलिक अधिकार, मौलिक प्रगति

सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा को मौलिक अधिकारों के रूप में प्राथमिकता दी है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी नागरिक आवश्यक सेवाओं से लाभान्वित हों। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) का विस्तार करके 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹5 लाख की स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे 4.5 करोड़ परिवार और 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, मेडिकल के क्षेत्र में 75,000 सीटों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में दूरगामी सुधार देखने को मिलेंगे और विदेशी संस्थानों पर निर्भरता कम होगी।

न्यायिक सुधार: एक नए युग के लिए

नागरिक-प्रथम दृष्टिकोण के साथ सरकार ने तीन नए आपराधिक कानून पेश किए हैं जिनका उद्देश्य न्याय पर ध्यान केंद्रित करना है। ये कानूनी सुधार, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के माध्यम से पुराने औपनिवेशिक और अंग्रेजों के समय के बने कानूनों को प्रतिस्थापित करते हैं, जिसका उद्देश्य न्याय को अधिक सुलभ, प्रभावी और नागरिक-केंद्रित बनाना है। राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना (NFIES), जिसके लिए ₹2,250 करोड़ रुपये का बजट है, समय पर और वैज्ञानिक साक्ष्य जांच सुनिश्चित करके न्याय प्रणाली को और मजबूत कर रही है।

अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में एक नई शुरुआत

भारत की अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में प्रगति नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है, जिसमें अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के लिए ₹1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना की गई है। यह पहल भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करती है, जो वैश्विक मंच पर नवाचार और सहयोग के लिए नए अवसर खोलती है।

एक दूरदर्शी नेता, एक समृद्ध भविष्य

ये विदित है की इन 100 दिनों में प्रधानमंत्री मोदीजी के विज़न ने भारत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

व्यापक कृषि सुधारों और विशाल अवसंरचना विकास से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और सभी भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति महत्वपूर्ण रही है। एनडीए सरकार ने राष्ट्र के भविष्य को बेहतर बनाने के अपने प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

वर्तमान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में हमारे प्रधानमंत्री जी के कूटनीतिक प्रयास सराहनीय रहे हैं, जो वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इन संघर्षों पर उनकी गहरी चिंता और संवाद और कूटनीति के माध्यम से शांति बहाल करने के लिए भारत की हरसंभव सहायता प्रदान करने पर जोर उनके शांति समाधान खोजने के प्रति समर्पण को उजागर करता है। मोदीजी का दृष्टिकोण भारत की भूमिका को एक जिम्मेदार वैश्विक देश के रूप में रेखांकित करता है, जो शत्रुता को समाप्त करने और कूटनीतिक समझौतों के महत्व की वकालत करता है। उनके प्रयासों को व्यापक रूप से मान्यता मिली है और नेताओं ने शांति स्थापित करने में भारत की भूमिका की सराहना की है। निःसंदेह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र के साथ मोदी एक वैश्विक नेता के रूप में सामने आकर भारत को ‘विश्वगुरु’ बना रहे हैं।

भारत ‘विकसित देश’ की ओर अग्रसर है, जो प्रौद्योगिकी उन्नति, उद्योग-हितैषी नीतियों और समान विकास के प्रति प्रतिबद्धता की एक अडिग सोच द्वारा संचालित है। देश एक समृद्ध भविष्य की दहलीज पर खड़ा है, जो वैश्विक मंच पर अपनी उचित जगह लेने के लिए तैयार है।

(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री हैं)