प्रेस वक्तव्य आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। 25 जून 1975 को देश के इतिहास में जोड़े गए इस अभिशप्त पन्ने को पढ़ कर आज भी खौफ उत्पन्न होता है। तानाशाही बर्बरता का जो जुल्म इंदिरा…
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कैबिनेट द्वारा प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) के कंप्यूटरीकरण के महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। अपने श्रंखलाबद्ध ट्वीट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय का…
अमित शाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवधि को मैं नए भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं। नए भारत का अर्थ एक सशक्त, सक्षम, समर्थ और आत्मनिर्भरता…
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद श्री राजकुमार चाहर ने कमल संदेश के सह-संपादक राम प्रसाद त्रिपाठी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में 2014 में मोदी सरकार बनाने के बाद किसानों और कृषि क्षेत्र के समर्थन में लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों और…
पं. दीनदयाल उपाध्याय व्यक्ति केवल शरीर नहीं, अपितु शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा, इन सबका एक संकलित, संगठित रूप है। व्यक्ति के समान समाज भी एक जीवमान चैतन्ययुक्त सत्ता है। जिस प्रकार व्यक्ति में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा आदि रहते हैं, उसी प्रकार समाज में भी…
(6 जुलाई, 1901- 23 जून, 1953) डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी महान् शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। भारतवर्ष की जनता उन्हें एक प्रखर राष्ट्रवादी के रूप में जानती है। देश के करोड़ों लोगों के मन में उनकी एक निरभिमानी, देशभक्त की छवि अंकित…