राष्ट्र बढ़ चला सुनहरे भविष्य की ओर

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हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न ‘भाजपा राष्ट्रीय अधिवेशन’ में शामिल हजारों कार्यकर्ताओं के माध्यम से ‘विकसित भारत’ का संदेश पूरे देश में गुंजायमान हो रहा है। ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को आज जब पूरा देश ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में देख रहा है, जन-जन के मन में इस स्वप्न के पूरे होने का एक दृढ़ विश्वास है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी एवं सुदृढ़ नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में देश ने जिस प्रकार का व्यापक परिवर्तन देखा है, वह अपने आप में इस बात की गारंटी है कि आने वाले समय में भारत एक बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। कांग्रेसनीत यूपीए काल का कुशासन, समस्याओं का जंजाल, व्यापक भ्रष्टाचार, जनता के धन की भारी लूट, हर दिन बढ़ती महंगाई, लुढ़कता विकास दर, खाली होता विदेशी मुद्रा भंडार और पॉलिसी पैरालिसिस को कौन भूल सकता है? देश अब भी उन काले दिनों को नहीं भूल सकता, जब निराशा एवं हताशा हर मन-मस्तिष्क पर छाई हुई थी, तथा स्थिति ऐसी बन गई थी कि अब इस दशक को ‘लॉस्ट डिकेड’ (खोया हुआ दशक) माना जाता है। आज जब पिछले दस वर्षों में ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांस्फॉर्म’ को ‘स्पीड, स्केल एवं स्किल’ के मंत्र से अभिमंत्रित कर कांग्रेसनीत यूपीए के दौर के दलदल से निकालने में सफलता मिली है, तब पूरी तरह से परिवर्तित भारत, उज्ज्वल भविष्य की ओर आंखों में ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को लेकर देख रहा है।

भाजपा का दो-दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ पार्टी झंडोत्तोलन, दीप-प्रज्वलन एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा के उद्बोधन से हुआ। इस अधिवेशन में विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा से हर कार्यकर्ता के मन में राष्ट्र के प्रति सेवा का संकल्प दृढ़ से दृढ़तर हुआ है। दो प्रस्तावों पर चर्चा के साथ राष्ट्रीय अधिवेशन में श्रीराम मंदिर पर एक वक्तव्य भी प्रस्तुत हुआ, जिसमें रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को एक नए कालचक्र के उद्भव के साथ आने वाले हजार वर्षों के लिए ‘राम राज्य’ का उद्घोष बताया गया है। ‘विकसित भारत, मोदी की गारंटी’ शीर्षक से पारित पहले प्रस्ताव में पिछले दस वर्षों की अद्भुत उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए देश को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्यों के साथ नई ऊंचाइयों पर ले जाने के संकल्प को दोहराया गया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी एवं सुदृढ़ नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में देश ने जिस प्रकार का व्यापक परिवर्तन देखा है, वह अपने आप में इस बात की गारंटी है कि आने वाले समय में भारत एक बड़ी छलांग लगाने को तैयार है

‘भाजपा—देश की आशा, विपक्ष की हताशा’ शीर्षक वाले दूसरे प्रस्ताव ने कांग्रेस तथा इसके इंडी-गठबंधन को पूरी तरह से बेनकाब करते हुए आज भारतीय राजनीति में व्याप्त हर प्रकार के दुर्गुणों एवं समस्याओं का इसे जनक बताया। आज जब हर ओर भाजपा को जन-जन का भारी आशीर्वाद मिल रहा है, कांग्रेस एवं इंडी-गठबंधन अपने सिद्धांतहीन, अवसरवादी एवं भ्रष्ट राजनीति के कारण अपने अस्तित्व तक बचाने में असमर्थ दिख रहे हैं। परिवारवादी राजनीति में इनका विश्वास एवं तुष्टीकरण की राजनीति से इनका प्यार के कारण देश में अनेक समस्याएं पैदा हुईं एवं लोगों की कई भयंकर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इंडी-गठबंधन के गरीब विरोधी नीतियों के कारण देश में भ्रष्टाचार का विषबेल पनपा और फैला तथा सत्ता कुछ परिवारों की बपौती बन गई। देश की जनता के खून-पसीने की कमाई इसी गरीब-विरोधी परिवारवादी तंत्र ने दशकों तक लूटा। भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान से स्वयं को दूर रखने वाली कांग्रेस एवं इसके इंडी-गठबंधन के दलों को जनता भलीभांति देख रही है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में जनता इन्हें कभी क्षमा नहीं करेगी।

जहां राष्ट्रीय अधिवेशन का पूरा परिसर ‘अबकी बार 400 पार’, ‘फिर एक बार— मोदी सरकार’ एवं ‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंज रहा था, वहीं कार्यकर्ताओं का अथाह उत्साह पूरे देश में व्याप्त वातावरण को परिलक्षित कर रहा था। अधिवेशन को रोमांचित करने वाला उमंग-उत्साह से परिपूर्ण वातावरण, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के भाषणों से कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास एवं समर्पण और भी अधिक सुदृढ़ हो रहा था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणादायक उद्बोधन से जहां कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ, वहीं उनके लिए उन्हाेंने जनसेवा के माध्यम से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य भी रखा। आज जब हर कार्यकर्ता ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के नए संकल्प से उत्साहित है, जनता का आशीर्वाद भाजपा पर बरस रहा है।

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