फ्रैजाइल-फाइव से टॉप-फाइव

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     हाल ही में संपन्न संसद का अंतरिम बजट सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। जहां संसद की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने संबोधित कर देश की अनेक उपलब्धियों को रेखांकित किया, वहीं दोनों सदनों में जिस गंभीरता से सदस्यों ने चर्चा में भागीदारी की उससे जन-जन का विश्वास भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में और भी अधिक मजबूत हुआ है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव, अंतरिम बजट, श्वेत पत्र, भगवान श्रीराम मंदिर एवं कई विधेयकों पर हुई चर्चा से पिछले दस वर्षों में देश की अद्भुत उपलब्धियां जन-जन तक पहुंची हैं। जहां चर्चा में अर्थव्यवस्था को संभालकर स्थिर करते हुए विकास की ओर प्रवृत्त किया गया है, वहीं कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के द्वारा छोड़ी गई समस्याओं के समाधान पर भी प्रकाश डाला गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी एवं सुदृढ़ नेतृत्व में 2014 एवं 2019 में मिला भारी जनादेश न केवल कांग्रेसनीत यूपीए काल की आर्थिक कुव्यवस्था एवं वित्तीय कुप्रबंधन से देश को बाहर निकालने का जनादेश था, बल्कि उन चुनौतियों एवं समस्याओं का समाधान कर देश के उज्ज्वल एवं गौरवपूर्ण मार्ग को प्रशस्त करने में मिली जबरदस्त सफलता का जनता द्वारा व्यापक अनुमोदन भी है।

देश की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था पर संसद में प्रस्तुत ‘श्वेत पत्र’ से कांग्रेसनीत यूपीए की दस वर्ष के काल (2004-2014) का वित्तीय कुप्रबंधन, भयंकर भ्रष्टाचार, जनता के धन की खुली लूट एवं कुशासन पूरी तरह से उजागर हुआ है। यह एक स्थापित तथ्य है कि यूपीए का दस वर्ष का कुशासन देश के लिए एक ‘खोया हुआ दशक’ की रूप में जाना जाता है। साथ ही, श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व को देश की अर्थव्यवस्था को संकट, निराशा एवं नीतिगत पंगुता के दौर से निकालने का श्रेय जाता है। ‘श्वेत पत्र’ ने ठीक ही यूपीए काल के शुरुआती एक-दो वर्षों के उच्च विकास दर को अटल बिहारी वाजपेयी-नीत

भारत की ‘फ्रैजाइल-फाइव’ से ‘टॉप-फाइव’ यात्रा को यदि 2014 के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए, तो यह एक चमत्कार लगता है। आज भव्य राम मंदिर के निर्माण एवं अनेक सांस्कृतिक केंद्रों के पुनरुद्धार के साथ भारत आगे बढ़ रहा है, साथ ही देश अपने निःस्वार्थ सेवा के सांस्कृतिक मूल्यों को समर्पित होते हुए पूरी मानवता की सेवा करने के लिए कृतसंकल्पित है

पूर्ववर्ती सरकार के नीतियों का परिणाम बताया है। ध्यान देने योग्य है कि 2004 में श्री अटल जी के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार देश को 8 प्रतिशत से अधिक की उच्च विकास दर पर ले गई थी, परंतु इस बढ़त को कांग्रेसनीत यूपीए सरकार आगे नहीं ले जा सकी। इसने राजकोषीय कुप्रबंधन, अत्यधिक एवं अनावश्यक खर्च, आधार एवं जीएसटी जैसी सुधार करने में असफल रहने के कारण अर्थव्यवस्था को संकटपूर्ण स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। देश में भयंकर भ्रष्टाचार, दिशाहीन नीतियां, द्विध्रुवीय शक्ति केंद्र एवं दूरदर्शिता के अभाव के कारण जनता का आत्मविश्वास डोलने लगा तथा देश में भविष्य के प्रति हताशा एवं निराशा का वातावरण निर्मित हुआ। 2014 का भारत विकट परिस्थितियों से जूझ रहा था। अनेक समस्याओं से घिरा देश महंगाई, खाली होता विदेशी मुद्रा भंडार और गिरती विकास दर देश के सामने सुरसा के समान मुंह बाए खड़ी थी। ‘श्वेत-पत्र’ ने इस काल को ठीक ही ‘लॉस्ट डिकेड’ (खोया हुआ दशक) की संज्ञा दी है।

इस चुनौती भरे समय में श्री नरेन्द्र मोदी जनता के लिए एकमात्र आशा की किरण के रूप में उभरे। परिणाम यह हुआ कि 2014 के चुनावों में उनके नेतृत्व में तीन दशकों में पहली बार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। जब श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तब आर्थिक संकट का समाधान, आर्थिक व्यवस्था को ठीक कर इसकी आधारभूत सुधाराें को गति देना उनकी पहली प्राथमिकता थी। ‘श्वेत-पत्र’ ने इस बात को विस्तृत रूप से रेखांकित किया है कि कैसे कड़ी मेहनत, निरंतर सुधार, भ्रष्टाचारमुक्त शासन तथा गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित, किसान, महिला एवं युवा के कल्याण एवं सशक्तीकरण के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है। भारत की ‘फ्रैजाइल-फाइव’ से ‘टॉप-फाइव’ यात्रा को यदि 2014 के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए, तो यह एक चमत्कार लगता है। आज भव्य राम मंदिर के निर्माण एवं अनेक सांस्कृतिक केंद्रों के पुनरुद्धार के साथ भारत आगे बढ़ रहा है, साथ ही देश अपने निःस्वार्थ सेवा के सांस्कृतिक मूल्यों को समर्पित होते हुए पूरी मानवता की सेवा करने के लिए कृतसंकल्पित है।

                                                   shivshaktibakshi@kamalsandesh.org