नव्य, भव्य, दिव्य मंदिर में पधारे हमारे प्रभु श्रीराम

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योध्या धाम में जहां भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव पूरे देश ने पूर्ण उत्साह के साथ मनाया, वहीं इस ऐतिहासिक अवसर का आनंद पूरे विश्व के करोड़ों रामभक्तों के हृदय को आह्लादित कर रहा है। इस गौरवशाली क्षण का सदियों के इंतजार की समाप्ति करोड़ों हृदयों के भावनात्मक उद्गार के रूप में प्रकट हुआ। आध्यात्मिकता एवं मानवकल्याण, भावुकता एवं उत्साह अभूतपूर्व था। ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान के तुरंत बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्बोधन में करोड़ों लोगों की भावनाओं काे बहुत ही सुंदर रूप में व्यक्त किया। सदियों का इंतजार जब पूर्ण होता है तब उससे निकलने वाली ऊर्जा उच्च लक्ष्यों की राह आसान कर देती है। ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ का पूरे देश ने न केवल साक्षात्कार किया, बल्कि देश के कोने-कोने में लोगों ने इस पवित्र अवसर पर पूजा, हवन एवं

आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं सुदृढ़ नेतृत्व में सदियों का संघर्ष अपनी परिणति को प्राप्त हो रहा है, उनके द्वारा ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ का अनुष्ठान पूरे देश को भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से एकजुट कर रहा है

भंडारा करके पूरे श्रद्धा से इसमें भागीदारी की। जन-जन ने इस अवसर को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया। प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर एक सप्ताह पूर्व से ही देश के सभी मंदिरों में ‘स्वच्छ तीर्थ अभियान’ के अंतर्गत स्वच्छता अभियान चलाया गया तथा संध्या में हर घर ‘राम ज्योति’ के प्रकाश में दीपावली मनाई गई। भगवान श्रीराम मंदिर की भव्यता का दर्शन पूरा विश्व कर रहा था तथा ‘प्राण-प्रतिष्ठित’ भगवान श्रीरामलला की प्रतिमा की आभा से हर भक्त का हृदय प्रकाशमान था। हर गांव, हर नगर, हर महानगर- पूरा देश एक दिव्य अनुभूति से आप्लावित हो रहा था कि रामलला अब आ गए हैं, यह स्वप्न अब साकार हो चुका है। भगवान रामलला आ गए हैं, अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं और अपनी आभा-मंडल से पूरी मानवता को गौरवान्वित कर रहे हैं। एक सदी से दूसरी सदी और कई सदियों तक का संजोया गया यह स्वप्न, उन संघर्षों से गुजरता है, जो विश्व में अपने आप में अनूठा है, भगवान श्रीराम की कृपा से अब साकार हुआ है।

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दल अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान के सांस्कृतिक महत्व को नहीं समझ पाए। जहां पूरा देश इस पावन अवसर को एक त्योहार की भांति एकजुट होकर मना रहा था, भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धावनत हो उत्सव मना रहा था, कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दल अपने सिद्धांतहीन राजनीति के कारण दूर रहे। कांग्रेस, जिसके आंखों पर वोट-बैंक की काली पट्टी बंधी हुई है, कभी भी किसी राष्ट्रीय विषय पर जनता के साथ खड़ी नहीं दिखती। इतना ही नहीं, किसी भी राष्ट्रीय महत्व का विषय, जिससे देश का गौरव एवं मान-सम्मान बढ़ता हो, उन पर कांग्रेस केवल बाधा उत्पन्न करने का शर्मनाक कार्य करती है। इसने न केवल श्रीराम मंदिर आंदोलन का विरोध किया, उसके रास्ते में रोड़े अटकाए बल्कि इतना गिरे कि भगवान राम के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए। आज भी कांग्रेस इस अफसोस में मरी जा रही है कि वह ‘रामसेतु’ को नहीं तोड़ पाई और अब अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण की सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रही है। अब जबकि लोग कांग्रेस एवं इसके सहयोगियों की अवसरवादी वोट-बैंक राजनीति को देख रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं कि वे कभी इन्हें माफ नहीं करेंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक ही कहा है कि 22 जनवरी, 2024 कैलेंडर में केवल एक दिन नहीं है बल्कि ‘नए कालचक्र’ के उद्भव का दिन है। यह सच है कि इस दिन से पूरा देश एक नई ऊर्जा, आत्मविश्वास एवं भविष्य के लिए एक नई दिशा प्राप्त कर रहा है। जहां भगवान रामलला भारतीय सभ्यता के गौरव को दर्शाते हैं, अयोध्या से निकलने वाली ऊर्जा हर हृदय की धड़कन से होती हुई ‘विकसित भारत’ के क्षितिजों का निर्माण कर रही है। आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं सुदृढ़ नेतृत्व में सदियों का संघर्ष अपनी परिणति को प्राप्त हो रहा है, उनके द्वारा ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ का अनुष्ठान पूरे देश को भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से एकजुट कर रहा है। अब जब भारत नए ‘कालचक्र’ के उद्भव के साथ अपनी नई यात्रा पर चल चुका है, अगले एक हजार वर्षों के लिए ‘रामराज्य’ की स्थापना का समय आ गया है।
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