देश भर के किसान मोदीजी के साथ हैं : राजकुमार चाहर

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भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद श्री राजकुमार चाहर ने कमल संदेश के सह-संपादक राम प्रसाद त्रिपाठी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में 2014 में मोदी सरकार बनाने के बाद किसानों और कृषि क्षेत्र के समर्थन में लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों और सरकार की उपलब्धियाें पर बातचीत की।

श्री चाहर ने भाजपा किसान मोर्चा की राष्ट्रव्यापी गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि कैसे मोर्चा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहा है, जिसका लाभ किसानों को हो रहा है और यह उनके सर्वांगीण विकास में सहायक बन रहा है। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:

मोदी सरकार ने किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। ये योजनाएं क्या हैं और किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आप इन कदमों को कैसे देखते हैं?

किसान सशक्तीकरण के बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं है और इस संकल्प के अनुरूप देश ने किसान हितैषी मोदी सरकार को पिछले आठ वर्षों में किसानों को आत्मनिर्भर बनाते देखा और यह प्रयास निरंतर जारी है। जमीनी स्तर पर किसानों को सशक्त बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता और संकल्प के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक प्रमुख योजना ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम-किसान) की शुरुआत की। इस योजना के तहत प्रति वर्ष लाभार्थियों के बैंक खाते में 6,000 रुपये स्थानांतरित किए जाते हैं और अब तक लगभग 11.3 करोड़ किसानों को लगभग 1.83 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। खेती के लिए सबसे कठिन दौर में भी मोदी सरकार ने यह आर्थिक मदद किसानों को दी और उनको राहत पहुंचाने का काम किया, यही कारण है कि इस कठिन दौर में हमारे किसान कर्ज के चंगुल में नहीं फंसे।

इसी तरह, प्रधानमंत्री ने हमारी पारंपरिक और प्राकृतिक खेती को पुनर्जीवित करने के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया है। वर्ष 2019 से उन्होंने देश भर के किसानों से जैविक खेती अपनाने की अपील की है, जिससे कम लागत में अधिक लाभ होता है। इस अभियान में लाखों किसान शामिल हुए और आज उन्हें जैविक खेती से भारी लाभ मिल रहा है। यह पूरे देश के लिए बहुत गर्व की बात है कि सिक्किम जैसे राज्य ने जैविक खेती को अपनाया और अब यह दुनिया का पहला राज्य है जो 100 प्रतिशत जैविक खेती करता है।

इसी तरह किसान की आय को दोगुना करने के लिए और एक मजबूत कृषि बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए मोदी सरकार ने ‘एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया और फार्म-गेट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई। अब तक लगभग 11,632 परियोजनाओं के लिए लगभग 8,585 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

एकीकृत बाजारों में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके कृषि विपणन में एकरूपता को बढ़ावा देने, खरीदारों और विक्रेताओं के बीच संवाद विषमता को दूर करने और वास्तविक मांग एवं आपूर्ति के आधार पर वास्तविक समय मूल्य निर्धारण के लिए मोदी सरकार ने ‘राष्ट्रीय कृषि बाजार’ (ई-नाम) लॉन्च किया है। यह सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय है और इस योजना के तहत लगभग 1.73 करोड़ किसानों को पंजीकृत किया गया है और इस मंच ने अब तक लगभग 1.87 लाख करोड़ का कारोबार किया है।

इन बड़ी योजनाओं के अलावा, सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की हैं।

कल्याणकारी उपाय किसान की आय को कैसे दोगुना कर रहे हैं?

शायद आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि के योगदान को स्थिर बनाने की पहल की है। किसान की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए और जिनके परिणाम शानदार रहे।

‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’- फसल बीमा से लेकर किसानों के लिए छोटे ऋण की व्यवस्था, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रौद्योगिकी प्रदान करना, विपणन सहायता, गन्ना और अन्य किसानों के लिए हजारों करोड़ की सब्सिडी, लगभग सभी कृषि उत्पादों के एमएसपी में वृद्धि, जैविक खाद को बढ़ावा देना और स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने तक, मोदी सरकार ने किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए अविश्वसनीय काम किया है। सरकार के इन प्रमुखों कदमों ने देश के हर किसान, मछुआरे और पशुपालक आदि का भविष्य सुरक्षित किया है, साथ ही यह कदम किसान की आय को दोगुना करने में भी सहायक सिद्ध हो रहे है।

मोदी सरकार की कृषि नीतियां पिछली सरकारों की तुलना में कैसे अलग हैं?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है कि कृषि उत्पादन से जीडीपी बढ़ सकती है और अगर वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो भारत की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान हो सकता है। इसलिए, सरकार जो भी कदम उठा रही है, वह हमारे कृषक समुदाय को मजबूत करने के लिए है। यह मोदी सरकार और पिछली सरकारों के बीच प्रमुख नीतिगत अंतर है।

प्राकृतिक खेती अभियान को बढ़ावा देने के लिए किसान मोर्चा ने बिहार के पटना में गंगा के तट पर एक पदयात्रा शुरू की। इस दौरान हजारों किसान भाइयों और बहनों ने इसमें भाग लिया और जैविक खेती करने का संकल्प लिया। जैविक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए हमने आने वाले दिनों में इस अभियान का विस्तार देश भर में करने का संकल्प लिया है

उदाहरण के लिए जब प्रधानमंत्री श्री मोदी सत्ता में आए, तो गन्ने की दर 2300 रुपये प्रति क्विंटल थी, और दो साल से अधिक समय से भुगतान बकाया था। लेकिन, आज पूरा भुगतान कर दिया गया है और इस अवधि के दौरान किसानों के उत्पादन और भुगतान दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यूपीए सरकार के दौरान ब्राजील से गन्ना आयात किया जाता था, लेकिन जब मोदी सरकार आई तो उसने 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया और किसानों को प्रोत्साहन देकर गन्ने के निर्यात को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप गन्ने का अधिशेष उत्पादन और रिकॉर्ड उच्च निर्यात संभव हुआ।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान इथेनॉल उत्पादन प्रति वर्ष 38 करोड़ लीटर था, लेकिन अब यह 400 करोड़ लीटर है। मोदी सरकार ने चीनी मिलों को 4500 करोड़ रुपये का सॉफ्ट लोन पैकेज प्रदान किया और अधिकांश मिलों ने इथेनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी का लक्ष्य 2025 तक डीजल में कम से कम 20 प्रतिशत इथेनॉल शामिल करना है। इस कदम से गन्ना किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, पेट्रोल का आयात कम होगा और पर्यावरण को बचाया जा सकेगा।

इसी तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए देश के लाखों गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, गोदामों की स्थापना और कृषि-लॉजिस्टिक्स में निवेश और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना या हर गांव को डिजिटल हाईवे से जोड़ना भी महत्वपूर्ण कदम हैं जो इस सरकार को अलग बनाती है।

यूपीए के समय में देश का कृषि बजट केवल 29,000 करोड़ था। लेकिन जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो कृषि बजट 1,35,000 करोड़ रुपये हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मोदी सरकार लगातार किसानों और गांवों के कल्याण के लिए काम कर रही है।

विपक्षी दल किसानों के वेश में राजनीति कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं। हालांकि, ‘किसान की सरकार-मोदी सरकार’ हमारे किसान भाइयों और बहनों के कल्याण के लिए अथक कार्य कर रही है। इसलिए देश भर के सभी किसान आज मोदी जी के साथ हैं।

आपके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद किसान मोर्चा की प्रमुख गतिविधियों के बारे में बताएं।

हाल में भाजपा ने अपने 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ बनाया है, जिसके हिस्से के रूप में किसान मोर्चा ने देश भर के किसानों के साथ बैठकें आयोजित की है। इन कार्यक्रमों के दौरान मोर्चा कार्यकर्ता किसानों के बीच गए और उनको सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत करवाया।

हाल ही में, प्राकृतिक खेती अभियान को बढ़ावा देने के लिए किसान मोर्चा ने बिहार के पटना में गंगा के तट पर एक पदयात्रा शुरू की। इस दौरान हजारों किसान भाइयों और बहनों ने इसमें भाग लिया और जैविक खेती करने का संकल्प लिया। जैविक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए हमने आने वाले दिनों में इस अभियान का विस्तार देश भर में करने का संकल्प लिया है। इसी तरह, मोर्चा ने राजस्थान में किसान लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन किया, केरल के कोच्चि में एक विशाल किसान-महासंगम का आयोजन किया, पंजाब में आप सरकार के खिलाफ बठिंडा आदि में किसानों की आत्महत्या का विरोध किया।
मोर्चा ने ‘किसानों की बात—किसानों के साथ’, ‘मोदीजी की मन की बात—गांव में सुनेंगे किसानों के साथ’ जैसे अभिनव कार्यक्रम भी शुरू किए, ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम के तहत किसान मोर्चा ने कोविड-19 के दौरान लाखों लोगों की मदद की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन ‘किसान-जवान सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया गया, ‘ट्रैक्टर पूजन— किसान ट्रैक्टर रैली’ के साथ ही देश के सभी राज्यों में किसानों के सम्मान कार्यक्रम आयोजित किए गए।

आगामी दिनों में मोर्चा हर गांव में अपने संगठन को मजबूत करेगा और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी जिम्मेदारी से प्रयास करेगा।