जनता मोदीजी को अपनी आकांक्षाओं के वाहक के रूप में देखती है : जगत प्रकाश नड्डा

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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा को विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करेगी और 1985 से लगातार दो बार किसी भी पार्टी के नहीं जीतने के चलन को तोड़ेगी। श्री नड्डा ने कर्नाटक चुनाव से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रस्तुत हैं टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित साक्षात्कार के अंश :

1985 के बाद से कर्नाटक में कोई भी पार्टी लगातार दो बार सत्ता में नहीं आई है। आपको विश्वास है कि आप इस इतिहास को बदल पाएंगे?

हम पहली बार त्रिपुरा और नागालैंड में पुन: सत्ता में वापिस आये हैं। गोवा में हमें तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिला है। उत्तराखंड में हम दूसरी बार सरकार में है। उत्तर प्रदेश में हमने लगातार चार चुनाव जीते हैं। हमारी सबसे बड़ी ताकत मोदीजी का व्यक्तित्व है। इसने हमें लोगों का सम्मान अर्जित करने में मदद की है और हमें अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करने का साहस दिया है। लोग मोदीजी को अपनी आकांक्षाओं के वाहक के रूप में देखते हैं। दूसरी ओर पार्टी भी बढ़ रही है।

भाजपा के कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस और जद (एस) में शामिल हो गए हैं। इससे क्या भाजपा कमजोर नहीं होगी?

जनसंघ के दिनों से पार्टी छोड़ने वाला कोई भी नेता फला-फूला नहीं है। दूसरी बात, पार्टी छोड़ना एक बात है, विचारधारा का क्या? जब आप वैचारिक रूप से विद्रोह करते हैं, तो आप विचारों के खिलाफ हो जाते हैं। तो निश्चित तौर पर नुकसान हमेशा आपका ही होता है। टिकट बंटवारे को लेकर काफी सोच-विचार किया गया। कुछ लोगों को बदला जाना तय था। हालांकि, पार्टी में जोश है, उत्साह है और अधिकांश लोगों ने पार्टी के फैसलों को पसंद किया है।

पिछली बार आपने बी. एस. येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था। इस बार बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके नाम की घोषणा नहीं की गई है?

हाल के दिनों में हमने अन्य मामलों में भी ऐसी घोषणाएं नहीं की हैं। ये चीजें संसदीय बोर्ड द्वारा तय की जाती हैं। बहरहाल, बोम्मईजी मुख्यमंत्री हैं और हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।

आरक्षण में बदलाव, मुस्लिम समुदाय के 4 प्रतिशत आरक्षण को लेकर, दो प्रतिशत लिंगायत और दो प्रतिशत वोक्कालिगा समुदायों को चुनाव से ठीक पहले दिया गया है। क्या यह संभावित सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए किया गया था?

नहीं, इसको लेकर लंबे समय से मांग की जा रही थी। हम इस मामले को देख रहे थे। इस तरह के मामले गहन विचार-विमर्श के बाद सुलझाए जाते हैं। मुस्लिम आरक्षण असंवैधानिक था। इस फैसले की सभी ने सराहना की है।

कांग्रेस ने घोषणा की है कि अगर वह चुनाव में विजयी होती है तो वह इस निर्णय को उलट देगी?

कांग्रेस का हमेशा से यही तरीका रहा है, बांटो और राज करो। साथ ही, संविधान धर्म आधारित आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। वे इसे कैसे वापस लागू करेंगे? लोगों को बांटना, एक समुदाय का ध्रुवीकरण करना उनकी आदत रही है।

जो लोग छोड़कर गये हैं, उनमें वरिष्ठ लिंगायत नेता भी शामिल हैं। क्या आपको लगता है अब समुदाय से आपको मिलने वाला समर्थन कमजोर होगा?

नहीं, बिलकुल नहीं। लिंगायत हों या कोई और, भाजपा में जनता की दिलचस्पी बढ़ती ही जा रही है। कोई भी पार्टी लिंगायतों के लिए वह नहीं कर सकती, जो भाजपा ने किया है। लिंगायत नेता वीरेंद्र पाटिल के साथ कांग्रेस ने क्या किया? उन्होंने उन्हें सिर्फ नौ महीने में ही हटा दिया था।

कुछ वर्गों ने कट्टरपंथी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की निंदा की है।

आप कांग्रेस से इससे बेहतर की उम्मीद नहीं कर सकते। वे हमेशा ध्रुवीकरण करने में लिप्त रहे हैं। कांग्रेस ने पीएफआई को संरक्षण दिया और यही कारण है कि सिद्धारमैया के शासन में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा।

इस अभियान से कांग्रेस का लिंगायतों काे अपने पक्ष में करने का इरादा दिखता है, क्या इसका लाभ उनको मिलेगा?

उनकी कौन सुनेगा? ये मगरमच्छ के आंसू हैं। हमने किसी का अपमान नहीं किया है। जबकि आपने एक मुख्यमंत्री का अपमान किया। हमारी एक सतत प्रक्रिया है, जिसके तहत वरिष्ठ नेताओं को नई जिम्मेदारियां दी जाती हैं। क्या श्री येदियुरप्पा वापस नहीं आए? अगर श्री शेट्टार रुके होते तो उनकी जिम्मेदारियां भी बदल जातीं। श्री ईश्वरप्पा की जिम्मेदारी बदलेगी।

आप वोक्कालिगा समुदाय तक अपनी पहुंच बना रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र के इतिहास ने वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों के बीच संघर्ष को देखा है। क्या भाजपा पर इसका असर नहीं पड़ेगा?

ऐसा नहीं है। भाजपा के पास एक शक्तिशाली और विश्वसनीय ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का मंच है। हमारा ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा रहा है, जिसमें सभी के हितों की रक्षा की गयी है। इसलिए, अगर हम लिंगायत के लिए कुछ अच्छा करते हैं, तो वह काम वोक्कालिगा समुदाय की कीमत पर नहीं होगा और ऐसा ही इसके विपरीत मामले पर लागू होता है।

प्रधानमंत्री के बारे में आपने कहा कि लोगों को उन पर भरोसा है। कांग्रेस के सदस्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे राज्य-विशिष्ट मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे।

ऐसी योजनाएं कर्नाटक में मोदीजी की लोकप्रियता का प्रमाण हैं। लोगों को एहसास हो गया है कि मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।

लोगों को एहसास हो गया है कि मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है

ऐसी धारणा है कि जगदीश शेट्टार जैसे वरिष्ठ नेता को उनके कद को देखते हुए टिकट दिया जाना चाहिए था?

यह एक सचेत, सुविचारित राय थी कि हम वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां देंगे। यह महत्वपूर्ण है कि सदस्य इसे समझें। दुर्भाग्य से उन्होंने ऐसा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत देर से सूचित किया गया था।

ऐसा ही होता है। मैं कहूंगा कि उनमें पार्टी के िनर्णयों को समझने की परिपक्वता नहीं है। अनिल बलूनी हों या जेपी नड्डा, हम जानते हैं और मानते हैं कि पार्टी जो हमारे बारे में निर्णय लेगी, वे निश्चित रूप से सही निर्णय होगा।

कर्नाटक में विपक्ष सरकार पर कई तरह के आरोप लगा रहा है?

यह हमारे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान है। हमारे खिलाफ एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। यहां तक कि ईश्वरप्पा के खिलाफ मामला भी बंद कर दिया गया और उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। भ्रष्टाचार का कांग्रेस से गहरा नाता है। उन्हें अर्कावती लेआउट घोटाला, भर्ती घोटाला, भूमि उपयोग परिवर्तन घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला पर जवाब देना चाहिए। सिद्धारमैया हों या डीके शिवकुमार, हर कोई उनके बारे में जानता है। आप उनके मीडिया सेल के प्रमुख के बारे में जानते होंगे, जो एक अवसर पर बोले थे, ‘हमारे साहब 10-12 प्रतिशत कमीशन लेते हैं’।