‘21वीं सदी भारत की है’

| Published on:

संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 27 जून, 2024 को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए 18वीं लोकसभा में चुनकर आए सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मतदाताओं द्वारा सौंपे गए विशेषाधिकार और जिम्मेदारी पर जोर देते हुए उन्होंने ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ राष्ट्र की सेवा के प्रति उनके समर्पण पर विश्वास व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति जी ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के व्यापक परिदृश्य पर प्रकाश डाला और लोकसभा में हुए 64 करोड़ रिकॉर्ड मतदान का उल्लेख किया। उन्होंने लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की भागीदारी की सराहना की। श्रीमती मुर्मु ने इस बात का भी उल्लेख किया कि देश की महिलाओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया। राष्ट्रपति जी के अभिभाषण की मुख्य बातें निम्न हैं:

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि 2024 का चुनाव नीति, इच्छा, समर्पण और निर्णयों में विश्वास का चुनाव है :

 एक मजबूत और निर्णायक सरकार पर विश्वास
 सुशासन, स्थिरता और निरंतरता पर विश्वास
 ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर विश्वास
 सुरक्षा और समृद्धि पर विश्वास
 सरकार की गारंटी और डिलीवरी पर विश्वास
 भारत के ‘विकसित भारत’ बनने के संकल्प पर विश्वास
 श्रीमती मुर्मु ने भारत की स्थिर सरकार के वैश्विक महत्व को रेखांकित किया, जिसे लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए स्पष्ट बहुमत से चुना गया है। उन्होंने बताया कि यह 6 दशकों के बाद हुआ है। श्रीमती मुर्मु ने सरकार के ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के संकल्प पर जोर दिया और भारत की आर्थिक उपलब्धियों का उल्लेख किया, जिसमें इसे विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में बदलने का श्रेय दिया। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वर्ष 2021 से 2024 तक भारत ने औसतन 8% वार्षिक वृद्धि दर से प्रगति की है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अकेले वैश्विक आर्थिक वृद्धि में 15% का योगदान दे रहा है और सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृतसंकल्प है।
 श्रीमती मुर्मु ने यह भी बताया कि सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों— विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को समान महत्त्व दे रही है। पी.एल.आई. योजनाओं और ‘कारोबार में सुगमता’ (Ease of Doing Business) के लिए किए गए उपायों ने बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि में योगदान दिया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 3,20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित

 किसानों को उनकी छोटी-मोटी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 3,20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है। अपने नए कार्यकाल के प्रारंभिक दिनों में ही सरकार ने किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि

भारत अकेले वैश्विक आर्थिक वृद्धि में 15% का योगदान दे रहा है और सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृतसंकल्प है

हस्तांतरित की है। सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में रिकॉर्ड वृद्धि भी की है। इसके साथ ही, सरकार एक बड़े पैमाने पर किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और PACS जैसी सहकारी संगठनों का नेटवर्क बना रही है।
 श्रीमती मुर्मु ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य हरित युग का होगा और सरकार हरित उद्योगों में अग्रणी भूमिका निभा रही है, जिससे हरित रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है।
 माननीया राष्ट्रपति जी ने सरकार द्वारा किए गए कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों और पहलों को उजागर किया। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बनकर उभरा है, जो अप्रैल, 2014 में 209 एयरलाइन रूट्स से बढ़कर अप्रैल, 2024 तक 605 रूट्स तक पहुंच गया है। इस विस्तार से देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों को विशेष रूप से लाभ हुआ है। पिछले 10 वर्षों में मेट्रो सेवा भी 21 शहरों तक पहुंच चुकी है।

संसद के दोनों सदनों के समक्ष राष्ट्रपति जी के अभिभाषण ने प्रगति और सुशासन की रुपरेखा प्रस्तुत की: नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जून को कहा कि संसद के दोनों सदनों के समक्ष राष्ट्रपति का अभिभाषण व्यापक था और इसने प्रगति एवं सुशासन की रुपरेखा प्रस्तुत की। श्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के मूल पाठ का एक लिंक भी साझा किया।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “संसद के दोनों सदनों के समक्ष राष्ट्रपति जी का संबोधन व्यापक था और इसने प्रगति एवं सुशासन की रुपरेखा प्रस्तुत की। इसमें भारत द्वारा की जा रही प्रगति और आगे की संभावनाओं को भी शामिल किया गया। उनके अभिभाषण में कुछ प्रमुख चुनौतियों का भी उल्लेख किया गया, जिनसे हमें अपने नागरिकों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन सुनिश्चित करने हेतु सामूहिक रूप से निपटना होगा।”

 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सरकार ने पिछले दशक में 3,80,000 किलोमीटर से अधिक गांवों की सड़कों का सफलतापूर्वक निर्माण किया है, जिससे ग्रामीण संपर्क में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के विकास में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है और निर्माण की गति दोगुनी से अधिक हो गई है।
 एक महत्वपूर्ण आर्थिक पहल के अंतर्गत असम में 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य उत्तर-पूर्व को देश में निर्मित सेमीकंडक्टर्स के हब के रूप में स्थापित करना है, जो ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को बढ़ावा देने के विजन के अनुरूप है।

महिलानीत विकास

 माननीया राष्ट्रपति जी ने भारत सरकार के महिलानीत विकास और सशक्तीकरण के प्रति स्थिर प्रतिबद्धता को उजागर किया, जो राष्ट्र की प्रगति में एक नये युग की निशानी है। लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम के प्रावधान से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित कर महिलाओं को सशक्त किया गया है।
 एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य है 3 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाना, स्व-सहायता समूहों को अधिक वित्तीय सहायता के साथ समर्थन देकर। इस पहल का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक कौशल और अवसरों में सुधार करने के लिए नहीं है, बल्कि समाज में महिलाओं के स्थान और सम्मान को भी बढ़ाने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।
 ‘नमो ड्रोन’ दीदी योजना इस उद्देश्य में एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसमें कई स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को ड्रोन दिया जा रहा है और उन्हें ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस नवाचारी पहल से न केवल उनकी क्षमताओं में सुधार हो रहा है, बल्कि उन्हें तकनीकी प्रगति में शामिल किया जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को भी बढ़ाया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों में 4 करोड़ पीएम आवास घरों में बहुमति महिला लाभार्थियों को आवंटित किए गए हैं।
 इसके अतिरिक्त, सरकार ने कृषि में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कृषि सखी पहल शुरू की है। अब तक स्व-सहायता समूहों से 30 हजार महिलाओं को कृषि सखी प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण कृषि कौशल और संसाधनों से सशक्त किया गया है।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

 श्रीमती मुर्मु ने समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन स्तर और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के लिए कई परिवर्तनकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला। इनमें से एक प्रमुख योजना पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली

योजना है, जिसका लक्ष्य बिजली के बिलों को शून्य करना और शेष बिजली को बेचकर आय प्राप्त करना है। इस पहल में घरों के छतों पर सोलर पैनल लगाना शामिल है, जिससे प्रत्येक परिवार को सरकार से 78,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी।
 राष्ट्रपति जी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार की योजनाओं को सही दृष्टिकोण से लागू करने के कारण 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर लाया गया है। कोरोना महामारी के कठिन समय में सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए ‘पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना’ शुरू की।

पीएम जनमन

 श्रीमती मुर्मु ने कहा कि 24,000 करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन के साथ ‘पीएम जनमन’ योजना सबसे वंचित जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए समर्पित है। यह उनकी उन्नति और सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।
 राष्ट्रपति जी ने बताया कि वंचित समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने पीएम-सूरज पोर्टल लॉन्च किया है, जो सॉफ्ट लोन तक पहुंच को आसान बनाता है। इस पहल का उद्देश्य कमजोर समुदायों के बीच रोजगार के अवसर पैदा करना और आर्थिक स्वतंत्रता में सुधार करना है।
 समावेशिता की दिशा में एक सराहनीय प्रयास करते हुए सरकार दिव्यांगों के लिए सस्ती स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस पहल का उद्देश्य देशभर में दिव्यांग व्यक्तियों की पहुंच और समर्थन को बढ़ाना है।
 श्रीमती मुर्मु ने डिजिटल इंडिया और डाकघर नेटवर्क का उपयोग करके दुर्घटना और जीवन बीमा की कवरेज को व्यापक बनाने के सरकार के प्रयासों की भी सराहना की, जिससे नागरिकों के लिए अधिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सरकार देश में शिक्षा और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना भी आगे बढ़ा रही है। राष्ट्रपति जी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 7 नए IIT, 16 IIIT, 7 IIM, 15 नए AIIMS, 315 मेडिकल कॉलेज और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, छात्र अब भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकते हैं और अटल टिंकरिंग लैब्स, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने देश के युवाओं की क्षमता को बढ़ाने में मदद की है।

पीएम स्वनिधि का दायरा बढ़ा

 श्रीमती मुर्मु ने बताया कि पीएम स्वनिधि का दायरा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक विस्तारित किया जाएगा, जो कि स्ट्रीट वेंडरों को सहायता के अलावा इन क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को और मजबूती प्रदान करेगा।

सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत शरणार्थियों को नागरिकता देने की भी शुरुआत की है, जिससे विभाजन से प्रभावित कई परिवारों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित हो रहा है

 सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा कि सरकार ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अंतर्गत 55 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। इस योजना के अंतर्गत अब 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों को कवर किया जाएगा। देश में 25,000 जन औषधि केंद्रों की स्थापना भी प्रगति पर है।
 पब्लिक सेक्टर बैंकों पर बात करते हुए श्रीमती मुर्मु ने कहा कि पी.एस.बी ने 2023-24 के वित्तीय वर्ष में 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक है। इस वित्तीय स्थिरता ने उन्हें अधिक ऋण देने में सक्षम बनाया है, जिससे राष्ट्र के आर्थिक विकास को समर्थन मिला है। इसके अलावा, जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने का माध्यम बन गया है और व्यापार को पहले से आसान बना रहा है। पहली बार, अप्रैल महीने में जीएसटी संग्रह 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जिससे राज्यों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है।
 रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुधार को उजागर किया, जिसमें 40 से अधिक ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज को 7 रक्षा क्षेत्र उद्यमों में समेकित किया गया है। ये सुधार उनकी क्षमता और कुशलता में वृद्धि करने में बहुत मदद करते हैं, जिससे भारत को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की रक्षा उपकरणों के निर्माण की क्षमता मिली है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने सशस्त्र बलों की जरूरतों को प्राथमिकता दी, जिसके परिणामस्वरूप 4 दशकों के बाद ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू की गई है। इसके अंतर्गत, अब तक 1,20,000 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।
 इसके अतिरिक्त, अटल टिंकरिंग लैब्स, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसी पहल देश की युवा शक्ति के कौशल और उद्यमी क्षमताओं को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो नवाचार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करती है।

विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत में

 श्रीमती मुर्मु ने रेखांकित किया कि भारत अब वैश्विक रूप से तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने ‘मेरा युवा भारत (MY भारत)’ अभियान की शुरुआत की है, जिसमें 1.5 करोड़ से अधिक युवा रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। इस पहल का उद्देश्य युवाओं में नेतृत्व कौशल विकसित करना और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करना है। राष्ट्रपति जी ने अपनी सरकार के प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही युवा भारतीय खिलाड़ियों द्वारा वैश्विक मंचों पर जीते गए रिकॉर्ड संख्या मेडल्स का भी जिक्र किया। इसके अतिरिक्त, श्रीमती मुर्मु ने बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ 2036 ओलंपिक खेलों को आयोजित करने की तैयारी कर रहा है।
 सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के अंतर्गत शरणार्थियों को नागरिकता देने की भी शुरुआत की है, जिससे विभाजन से प्रभावित कई परिवारों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित हो रहा है। राष्ट्रपति जी ने इन परिवारों के बेहतर भविष्य की उम्मीद जताई।

भव्य नालंदा विश्वविद्यालय

 श्रीमती मुर्मु ने यह भी कहा कि भविष्य का निर्माण करते हुए सरकार भारतीय संस्कृति के वैभव और विरासत को पुनः स्थापित कर रही है। हाल ही में नालंदा विश्वविद्यालय के भव्य परिसर के रूप में इसमें एक नया अध्याय जोड़ा गया है। नालंदा केवल एक विश्वविद्यालय नहीं था, बल्कि वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में भारत के गौरवशाली अतीत का प्रमाण था। राष्ट्रपति जी को विश्वास है कि नया नालंदा विश्वविद्यालय भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने में मदद करेगा। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उनकी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। इसके अलावा, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना से काशी तमिल संगम और सौराष्ट्र तमिल संगम जैसे त्योहारों को मनाने की परंपरा भी सरकार ने शुरू की है।

भारत: लोकतंत्र की जननी

 माननीया राष्ट्रपति जी ने विश्व स्तर पर लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की प्रतिष्ठित स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लोग लगातार लोकतंत्र में विश्वास प्रदर्शित

25 जून, 1975 को लगाया गया आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। पूरा देश आक्रोशित था, लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजयी हुआ, क्योंकि गणतंत्र की परंपराएं भारत के मूल में हैं

करते हैं और चुनावी संस्थाओं में उनका अटूट विश्वास है। उन्होंने भारत के मजबूत लोकतांत्रिक ढांचे की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए इस विश्वास को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
 प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तीव्र प्रगति को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जी ने इसके दुरुपयोग की संभावना को स्वीकार किया तथा ऐसे दुरुपयोग को रोकने के लिए रूपरेखाएं स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर बल दिया। भारत ने वैश्विक मंचों पर इन चिंताओं को सक्रिय रूप से व्यक्त किया है तथा इन चुनौतियों का मुकाबला करने और नए समाधान खोजने के लिए सामूहिक प्रयासों की सराहना की है।

विश्व-बंधु के रूप में भारत

 श्रीमती मुर्मु ने विश्व-बंधु के रूप में भारत की उभरती भूमिका को रेखांकित किया और इसका श्रेय मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को दिया। भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान कई मुद्दों पर दुनिया को एकजुट किया। इसी दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाया गया।
 हमारी सरकार मोटे अनाज ‘श्री अन्न’ को सुपर फूड के रूप में दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने का अभियान भी चला रही है। भारत की पहल पर वर्ष 2023 को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया गया।
 भारत ने संकट के समय सक्रिय प्रतिक्रिया देने वाले राष्ट्र रूप में अंतरराष्ट्रीय विश्वास हासिल किया है और ग्लोबल साउथ के लिए एक मजबूत आवाज बनकर उभरा है। चाहे COVID-19 महामारी का प्रबंधन हो, प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना हो या संघर्षों के दौरान शांति के लिए आवाज उठानी हो; भारत ने मानवता की सुरक्षा और वैश्विक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रयासों में लगातार नेतृत्व किया है।
 राष्ट्रपति जी ने यह भी याद दिलाया कि 25 जून, 1975 को लगाया गया आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। पूरा देश आक्रोशित था, लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजयी हुआ, क्योंकि गणतंत्र की परंपराएं भारत के मूल में हैं।

संविधान के प्रति गहन सम्मान

 माननीया राष्ट्रपति जी ने भारत के संविधान के प्रति अपनी सरकार के गहन सम्मान पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल शासन संबंधी दस्तावेज नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय चेतना की आधारशिला है। जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की पहल की, जिसका उद्देश्य संविधान को जन चेतना में गहराई से समाहित करना है। इसके अतिरिक्त, श्रीमती मुर्मु ने जम्मू और कश्मीर में संविधान के पूर्ण एकीकरण का उल्लेख किया, जो पहले अनुच्छेद 370 के कारण अलग-अलग परिस्थितियों में शासित था।
 पिछले दशक के परिवर्तनकारी सुधार और नए आत्मविश्वास पर विचार करते हुए राष्ट्रपति जी ने एक विकसित राष्ट्र बनने के भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक नई गति की बात की। उन्होंने दोहराया कि यह आकांक्षा हर नागरिक की है और इस मार्ग पर आने वाली बाधाओं को दूर करने में सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया।
 भारत के प्राचीन ज्ञान का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा, ‘समानो मंत्रः समितिः समानी’ और सांसदों से 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के साझा विचार और लक्ष्य के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
 इस बात पर जोर देते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत की है, श्रीमती मुर्मु ने कहा कि इसका प्रभाव आने वाली सदियों तक रहेगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित होने का आग्रह करते हुए राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने और एक ‘विकसित राष्ट्र’ के रूप में भारत के भाग्य को पूरा करने में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।