मोदी सरकार द्वारा पूर्वोत्तर में किए गए 12 समझौतों के कारण 10 हज़ार उग्रवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आए
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के बीच चार सितंबर को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के शांतिपूर्ण, समृद्ध और उग्रवाद-मुक्त नॉर्थ-ईस्ट के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन पूरे देश और त्रिपुरा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) ने 35 साल से त्रिपुरा में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने और पूरे त्रिपुरा के विकास के प्रति अपनी कटिबद्धता व्यक्त की है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का ये समझौता नॉर्थ-ईस्ट के लिए 12वां और त्रिपुरा से जुड़ा तीसरा समझौता है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के माध्य़म से अब तक लगभग 10 हज़ार उग्रवादी हथियार छोड़कर मेनस्ट्रीम में आए हैं।
श्री शाह ने कहा कि आज के समझौते के तहत 328 से अधिक सशस्त्र कैडर हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर न सिर्फ विकसित त्रिपुरा, बल्कि विकसित भारत के निर्माण में भी योगदान दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने त्रिपुरा की जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए 250 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंज़ूरी दी है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ब्रू-रियांग समझौता होने के बाद आज हज़ारों ब्रू-रियांग भाई अपने घरों में रह रहे हैं, उनके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनके रोज़गार की चिंता की जा रही है और भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ उन्हें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस समझौते का भी पूरी तरह पालन करेगी और गृह मंत्रालय सभी की अपेक्षाओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेगा।
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2015 में ही त्रिपुरा से AFSPA को हटा लिया था, अधिकांश नॉर्थ-ईस्ट से भी AFSPA को हटा लिया गया है।