सरकार बहुमत से और देश सर्वमत से चलता है : नरेन्द्र मोदी

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एनडीए संसदीय दल की बैठक में संबोधन

एनडीए संसदीय दल की बैठक 07 जून, 2024 को नई दिल्ली स्थित संविधान सदन में हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम विकसित भारत का संकल्प लेकर चले हैं। हमें मिलकर देश को आगे बढ़ाना है। श्री मोदी ने कहा, ‘‘फिर से एक बार आप लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, जो प्यार दिखाया है और जो समर्थन दिया है, वाकई मैं मानता हूं कि भारत के लोकतंत्र की एक बहुत बड़ी ताकत है। मैं जितना आपका आभार व्यक्त करूं उतना कम है और मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशा-अपेक्षाओं को पूरी करने में, परिश्रम करने में कोई कमी नहीं रखूंगा।’’ उन्होंने कहा कि मेरा जन्म जिस ‘वन लाइफ—वन मिशन’ के लिए है वो है—मेरी भारत माता। मेरा मिशन 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए खप जाना भी है।

श्री मोदी के भाषण का संपादित पाठ इस प्रकार है:

भारत माता की जय, भारत माता की जय। मैं सबसे पहले तो इस सभागृह में उपस्थित एनडीए घटक दलों के सभी नेतागण, नवनिर्वाचित सभी सांसदगण और हमारे राज्यसभा के भी सांसदगण, आप सबका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि इतने बड़े समूह का आज मुझे यहां स्वागत करने का अवसर मिला है, जो साथी विजय हो करके आए हैं वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं, लेकिन जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है, न उन्होंने दिन देखा न रात देखी और इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ताओं ने जो पुरुषार्थ किया है, परिश्रम किया है, मैं आज संविधान सदन के इस सेंट्रल हॉल से सिर झुका करके उनको प्रणाम करता हूं। मेरा बहुत सौभाग्य है कि एनडीए के नेता के रूप में आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुन करके मुझे एक नया दायित्व दिया है और इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। व्यक्तिगत जीवन में मैं जवाबदारी का अहसास करता हूं, जब 2019 में इस सदन में मैं बोल रहा था आप सबने मुझे नेता के रूप में चुना था और तब मैंने एक बात पर बल दिया था— ‘विश्वास’, आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व देते हैं इसका मतलब है कि हम दोनों के बीच आपस में विश्वास का सेतु इतना मजबूत है। ये अटूट रिश्ता विश्वास की मजबूत धरातल पर है और ये सबसे बड़ी पूंजी होती है और इसलिए ये पल मेरे लिए भावुक करने वाले भी हैं और आप सबके प्रति जितना धन्यवाद करूं उतना कम है।

‘संविधान सदन’ में संपन्न एनडीए संसदीय दल की बैठक में मोदीजी ने संविधान को अपने माथे से लगाया

एनडीए संसदीय दल की बैठक के दौरान नई दिल्ली में 07 जून, 2024 को ‘संविधान सदन’ (पुरानी संसद का केंद्रीय कक्ष) में प्रवेश करने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। श्री मोदी ने झुककर और सम्मानपूर्वक भारत के संविधान को अपने माथे से लगाया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नवनिर्वाचित सांसदों का विनम्रतापूर्वक स्वागत किया और मंचस्थ जदयू अध्यक्ष श्री नीतीश कुमार, टीडीपी अध्यक्ष श्री चंद्रबाबू नायडू, लोजपा (रामविलास) अध्यक्ष श्री चिराग पासवान सहित अन्य एनडीए नेताओं से भेंट की। इस बैठक में ‘विकसित भारत’ के लिए श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में विश्वास जताते हुए उन्हें भाजपा के नेता, एनडीए संसदीय दल के नेता और लोकसभा के नेता के रूप में चुना गया।

22 राज्यों में एनडीए की सरकार

बहुत कम लोग इन बातों की चर्चा करते हैं, शायद उनको सूट नहीं करता होगा लेकिन हिंदुस्तान के इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए कि आज देश में 22 राज्यों में लोगों ने एनडीए को सरकार बना करके सेवा करने का मौका दिया है। हमारा ये अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की असली जो स्पिरिट है, जो भारत की आत्मा है, भारत की जड़ों में जो रचा-बसा है, उसका एक अर्थ में प्रतिबिंब है और मैं इसलिए कह रहा हूं कि थोड़ी नजर करें, हमारे देश में 10 ऐसे राज्य जहां हमारे आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है, निर्णायक रूप से है, उनमें से 7 राज्यों में एनडीए सेवा कर रहा है। हम सर्वपंथ समभाव के हमारे संविधान के प्रति समर्पित है और देश में चाहे हमारा गोवा हो या हमारा नॉर्थ-ईस्ट हो जहां बहुत बड़ी मात्रा में हमारे ईसाई भाई-बहन रहते हैं, आज उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में सेवा का अवसर हमें मिला हुआ है।

प्री-पोल अलायंस हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और हिंदुस्तान की राजनीति में गठबंधन के इतिहास में इतना सफल कभी भी नहीं हुआ है जितना कि एनडीए का हुआ है और ये गठबंधन की विजय के साथ हमने बहुमत हासिल किया है। कई बार मैं कह चुका हूं, शब्द अलग होंगे, लेकिन मेरे भाव में एक सातत्य है। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वो ही एक सिद्धांत है लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है और देशवासियों को मैं यहां से विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस प्रकार से हमें बहुमत देकर के सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, ये हम सबका दायित्व है कि हम सर्वमत का निरंतर प्रयास करेंगे और देश को आगे ले जाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।

तीन दशक एनडीए के

एनडीए को करीब-करीब 3 दशक हो चुके हैं यानी कि आजादी के 75 साल में 3 दशक एनडीए के। ये सामान्य घटना नहीं है। विविधता से भरे हुए अपने लोकतांत्रिक और सामाजिक रचना के बीच में ये 3 दशक की यात्रा, यह एक बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। आज मैं बड़े गर्व के साथ कहता हूं कि एक समय वो था कि संगठन के कार्यकर्ता के रूप में इस अलायंस का हिस्सा था,व्यवस्थाओं से जुड़ा रहता था और आज सदन में बैठ करके आपके साथ काम करते-करते मेरा भी नाता इससे 30 सालों का रहा है और मैं कह सकता हूं, हकीकत, तथ्यों के आधार पर कह सकता हूं, ये सबसे सफल अलायंस है। हम गर्व से कह सकते हैं कि 5 साल का टर्म होता है इस अलायंस ने 30 साल में से 5-5 साल के तीन टर्म सफलतापूर्वक पार किए हैं और अलायंस चौथे टर्म में एंटर कर रहा है।

इस बात को जो राजनीति के विशेषज्ञ हैं, अगर मुक्त मन से, मुक्त मन शब्द की बहुत महत्ता है, वे सोचेंगे तो पाएंगे कि एनडीए सत्ता प्राप्त करने का या सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। ये ‘राष्ट्र प्रथम’ की मूल भावना से नेशन फर्स्ट के प्रति कमिटेड ऐसा ये समूह है। 30 साल का लंबा कालखंड शुरू में शायद असेंबल हुआ होगा, लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि भारत की राजनीति व्यवस्था में एक ‘ऑर्गेनिक अलायंस’ है। ये मूल्य स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, श्री प्रकाश सिंह जी बादल, श्री बाला साहेब ठाकरे, श्री जॉर्ज फर्नांडिस, श्री शरद यादव अनगिनत नाम मैं कह सकता हूं; इन लोगों ने जिस बीज को बोया था वो आज भारत की इस जनता ने विश्वास का सिंचन कर-करके इस बीज को वटवृक्ष बना दिया है। हम सबके पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है और हमें इसका गर्व है। बीते 10 वर्षों में हमने एनडीए की उसी विरासत, उसी मूल्यों को लेकर के निरंतर आगे बढ़ने का और देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। जैसा मैंने कहा कि मुक्त मन से राजनीति के विश्लेषक अगर विश्लेषण करेंगे तो देखेंगे कि एनडीए में एक कॉमन चीज नजर आती है और वो है गुड-गवर्नेंस। हम सबने अपने-अपने समय में, अपने-अपने कार्यकाल में जब-जब जहां सेवा करने का मौका मिला है ‘गुड गवर्नेंस’ इस देश को दिया है और इस प्रकार से एनडीए एक प्रकार से एनडीए कहते ही गुड गवर्नेंस, ये अपने आप पर्यायवाची बन जाता है।

गरीब कल्याण हम सबका केंद्र बिन्दु

हम लोगों के सभी के कार्यकाल में, चाहे मैं गुजरात में रहा हूं चाहे चंद्रबाबूजी हमारे आंध्र में रहे हों या नीतीश जी ने बिहार के लिए भरपूर सेवा की, हम सबके अंदर केंद्रबिंदु में गरीब का कल्याण केंद्रस्थ रहा है और देश ने एनडीए के, गरीब कल्याण के, गुड गवर्नेंस के 10 साल को देखा है। इतना ही नहीं है, मैं कह सकता हूं देश ने इसे जीया है। जनता-जनार्दन ने सरकार क्या होती है, सरकार क्यों होती है, सरकार किसके लिए होती है, सरकार कैसे काम करती है इसको पहली बार अनुभव किया है, वरना जनता और सरकारों के बीच में खाई की व्यवस्था ही बनी हुई थी, हमने उसको पाट दिया है। हमने ‘सबका प्रयास’ का मंत्र देश को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए चरितार्थ करके देखा है।

हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे

एनडीए सरकार में हम, मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ कह रहा हूं, अगले 10 साल में गुड गवर्नेंस, विकास, नागरिकों के जीवन में क्वालिटी ऑफ लाइफ और मेरा व्यक्तिगत रूप से एक बहुत बड़ा ड्रीम है, मैं लोकतंत्र की समृद्धि को जब सोचता हूं तो मैं चाहता हूं कि सामान्य मानवी के जीवन में से और खासकर के मध्यम वर्ग, उच्च मध्यम वर्ग उनके जीवन में से सरकार की दखल जितनी कम हो, उतनी लोकतंत्र की मजबूती है। हम बदलाव चाहते हैं। गुड गवर्नेंस का ये भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे, गुड गवर्नेंस का नया अध्याय लिखेंगे, जनता-जनार्दन की भागीदारी का नया अध्याय लिखेंगे और सब मिल करके विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे।

अपना-पराया कुछ नहीं

एनडीए में और मैं अगर विस्तार से कहूं तो सदन में किसी भी दल का कोई भी जन प्रतिनिधि होगा, मेरे लिए सब बराबर है। जब मैं सबका प्रयास की बात करता हूं तो मैं सदन में भी चाहे वो लोकसभा हो या राज्यसभा हमारे लिए सब बराबर है। ये ही एक भाव है जिसके कारण 30 साल से एनडीए अलायंस मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। अपना-पराया कुछ नहीं है। सबको गले लगाने में हमने कभी कोई कमी नहीं रखी है उसी का परिणाम है कि हम जनता का विश्वास भी जीत पाते हैं। हमने 2024 में जिस टीम भावना से काम किया है और ग्रास रूट लेवल पर किया है, सिर्फ फोटो ऑप नेता मिल करके हाथ हिलाएं और तुम-तुम्हारे रास्ते मैं-मेरे ऐसा नहीं है, ग्रास रूट लेवल तक सबने मिल करके ये जो काम किया है,उसी ने हमें ऑर्गेनिक अलायंस का सामर्थ्य दिया है। एक-दूसरे का सहयोग किया है, हर किसी ने यही सोचा ‘जहां कम, वहां हम’। अगर कोई कमी है तो मैं आऊंगा मैं मेहनत करूंगा, लेकिन तुम्हें कमी नहीं रहने दूंगा। ‘जहां कम, वहां हम’ यह हर कार्यकर्ता ने जी करके दिखाया है और तभी तो जीत आती है। कभी-कभी मैं कह सकता हूं कि हमारा 10 साल का अनुभव है, भारत के हर क्षेत्र का और भारत के हर नागरिक का जो एस्पिरेशंस हैं, रीजनल एस्पिरेशंस हैं वे और नेशनल एस्पिरेशंस इसका एक अटूट नाता होना चाहिए, इसके बीच में हवा तक गुजर न सके इतना जुड़ाव होना चाहिए तब देश आगे बढ़ेगा।

दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की

इस चुनाव में मैं कुछ उल्लेख जरूर करना चाहूंगा जो मेरी नजरिए से मैंने देखा है। दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। अब देखिए कर्नाटक एवं तेलंगाना में, अभी-अभी तो इनकी सरकारें बनी थीं, लेकिन पल भर में ही लोगों का विश्वास टूट गया, भ्रम से लोग बाहर आ गए और एनडीए को गले लगा लिया। कर्नाटक और तेलंगाना में दोनों जगह। मैं तमिलनाडु की टीम को भी बधाई देना चाहूंगा और वहां हमारा एनडीए समूह बहुत बड़ा भी है और कइयों को पता था कि हम शायद एक सीट नहीं ला पाएंगे, लेकिन इस लड़ाई में हम साथ रहे। बहुत से एनडीए के साथी तमिलनाडु में ऐसे हैं कि जिनका कोई उम्मीदवार नहीं था, लेकिन इस झंडे को ऊंचा रखने के लिए वो जी-जान से जुटे रहे। और इसलिए आज तमिलनाडु में भले हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन जिस तेजी से एनडीए का वोट शेयर बढ़ा है वो साफ-साफ संदेश दे रहा है कि कल में क्या लिखा हुआ है?

केरल में सैकड़ों कार्यकर्ताओं का बलिदान

पुडुचेरी हो, केरल हो… केरल में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता बलिदान हुए। यूडीएफ हो या एलडीएफ हो, शायद हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन में इतना जुल्म एक विचारधारा को लेकर के जीने वाले लोगों पर हुआ होगा तो सिर्फ मैं कह सकता हूं केरल में हुआ होगा। जम्मू-कश्मीर से भी ज्यादा हुआ है। उसके बावजूद भी सामने कहीं विजय नजर नहीं आती थी। वे परिश्रम की पराकाष्ठा में कभी पीछे नहीं रहे, पीढ़ियां खपा दीं और आज पहली बार संसद में केरल से हमारा प्रतिनिधि बनके आया है। अरुणाचल में लगातार हमारी सरकार बनती रही है और भारी समर्थन से बनती है। सिक्किम में भी हमारे एनडीए की सरकार करीब-करीब क्लीन स्वीप के साथ, अरुणाचल क्लीन स्वीप, आंध्र प्रदेश में, चंद्रबाबुजी से पूछ रहा था बोले हिस्टोरिकल। ये सबसे हाईएस्ट विक्ट्री है और जो यहां दिखता है ना पवन, ये पवन नहीं आंधी है। आंध्र ने इतना बड़ा हमारे प्रति जनमत दिया है, जो हिंदुस्तान के लिए एक सामान्य मानवी की विकास की जो जिजीविषा है, उसका प्रतिबिंब है। मैंने अनुभव किया हमेशा, मैं हमेशा मानता हूं ईश्वर के अनेक रूप होते हैं लेकिन जब मैं भगवान महाप्रभु जगन्नाथ जी को याद करता हूं तो मैं हमेशा मानता हूं ये गरीबों के देवता हैं और वहां जो क्रांति रूप परिणाम आया है। मैं एक रिवोल्यूशन देख रहा हूं और मैं इसके साथ कह सकता हूं कि ‘विकसित भारत’ का हमारा जो सपना है, आने वाले 25 वर्ष— पहले मैंने 10 साल कहा था— यहां मैं 25 साल कह रहा हूं। आने वाले 25 साल महाप्रभु जगन्नाथ जी की कृपा से उड़ीसा, विकास यात्रा के ग्रोथ इंजन में से एक होगा।

ईवीएम जिंदा है या मर गया?

जब 4 जून के नतीजे चल रहे थे मैं तो अपने काम में कुछ व्यस्त था, बाद में फोन आना शुरू हो गए तो मैंने किसी को पूछा यार ये तो ठीक है आंकड़े-वाकड़े, तो मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है कि मर गया। क्योंकि ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति विश्वास ही लोगों का उठ जाए और लगातार ईवीएम को गाली देना और मुझे तो लगता था शायद इस बार वो ईवीएम की अर्थी जुलूस निकालेंगे। लेकिन चार जून शाम आते-आते उनको ताले लग गए। ईवीएम ने उनको चुप कर दिया। ये ताकत है भारत के लोकतंत्र की। ये ताकत है भारत की निष्पक्षता की। ये ताकत है भारत के चुनावी तंत्र की; चुनाव आयोग की और मैं ये आशा करता हूं कि पांच साल तो अब ईवीएम शायद मुझे नहीं सुनाई देगा लेकिन जब 2029 में हम आएंगे तो फिर से शायद ईवीएम को लेकर के नाचने की शुरुआत करेंगे; क्योंकि इनके सुधरने की संभावनाएं बहुत कम है। आप देखिए चुनाव के समय मैंने पहली बार देखा, शायद हर तीसरे दिन इलेक्शन कमीशन के काम में रुकावट आए इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए गए। भांति-भांति की एप्लीकेशन और एक ही टोली थी और लोकतंत्र के प्रति जिनका भारी अविश्वास है ऐसे लोग सुप्रीम कोर्ट का उपयोग करते हुए कैसे रुकावट डाले इसका निरंतर प्रयास करते रहे। चुनाव आयोग की ताकत का एक बड़ा हिस्सा अदालतों में, पीक आवर्स में, चुनाव के पीक आवर्स में, यानी कितनी निराशा ले करके ये लोग मैदान में आए थे कि उन्होंने पूरा हमला उसी इंस्टिट्यूट पर लगा दो, ताकि चुनाव के कोई भी परिणाम आए हम दुनिया के सामने भारत को भी बदनाम कर लें। ये षड्यंत्र का हिस्सा था और कभी भी देश उनको माफ नहीं करेगा। इंडी गठबंधन वाले जब ईवीएम का विरोध करते हैं तो मैं सिर्फ एक चुनाव के रूप में नहीं देख रहा, मैं मानता हूं ये लोग मन से पिछली शताब्दी के सोच वाले लोग हैं, वे टेक्नोलॉजी का महत्व न समझते हैं न टेक्नोलॉजी स्वीकार करने को तैयार हैं। ये सिर्फ ईवीएम में दिखाई दिया ऐसा नहीं, यूपीआई में दिखाई दिया; जब हमने कहा कि हिंदुस्तान के लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन करेंगे फिनटेक की दुनिया में आज हिंदुस्तान का नाम हो गया, मानने को तैयार नहीं। आधार आज देश की पहचान बना है। मैं तो देख रहा हूं कि मुझे कई देश कहते हैं हमें आधार की पद्धति से आगे बढ़ना है आप कैसे मदद कर सकते हैं। उस आधार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बार-बार-बार जाकर के परेशानियां पैदा कीं, यानी मूलत: ये प्रगति के विरोधी, आधुनिकता के विरोधी, टेक्नोलॉजी के विरोधी इंडी अलायंस हमने देखा है।

इस देश के लिए ये भी चिंता का विषय है कि विश्व में भारत के लोकतंत्र की ताकत को कम आंकने का प्रयास… कितना एक्सट्रीम है मैं दुनिया में ढोल पीट रहा हूं कि हम ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ है। और ये दुनिया में जा करके बता रहे— नहीं-नहीं हमारे देश में तो डेमोक्रेसी जैसा कुछ नहीं, वो मोदी बैठ गया है वो चाय बेचने वाला यहां पहुंच कैसे गया, कुछ तो गड़बड़ की होगी। ये जो इनकी मनोस्थिति है, भारत के नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया के प्रति अविश्वास पैदा करने का जो उनका षड्यंत्र है, मैं मानता हूं कि अब दुनिया भी भारत के लोकतंत्र की विविधता, विशालता, व्यापकता, गहनता इन सबको भी जानने-समझने के लिए आकर्षित होगी। ऐसे इस चुनाव के नतीजे मैं देख रहा हूं। जब एक जून को मतदान पूरा हुआ और 4 जून को काउंटिंग, इस बीच की चीजों को आप देखिए, योजनाबद्ध तरीके से देश को हिंसा की आग में झोंकने का बयान दिए जाते रहे। यहां इकट्ठे होना, यहां पहुंचना, यहां करना, कुछ लोग इस चीज को गंभीर नहीं लेंगे लेकिन ये बहुत गंभीर है। आप भारत के लोकतंत्र को पहले, उसकी व्यवस्था को अनादर करते हो। परिणाम आने से पहले एक ऐसा माहौल बना दो कि बस आग लगा देंगे। हर प्रकार से उन शब्दों का अर्थ यही निकलता है उन्होंने देश को उस दिशा में ले जाने का प्रयास किया था। लगातार देश को गुमराह करने का प्रयास किया गया। देश के लोगों को बांटने का प्रयास किया। चुनाव एक ऐसा लोकोत्सव हो होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हम जोड़ें, तोड़ने के लिए नहीं होता है लेकिन हर प्रकार से कोशिश यही की गयी। मैं मानता हूं कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के जो नतीजे हैं, हर पैरामीटर से देखेंगे। दुनिया ये मानती है और मानेगी कि ये एनडीए का महाविजय है और आपने देखा- दो दिन कैसा चला जैसे हम तो हार चुके हैं। चारों तरफ यही दिखता था क्योंकि उनको अपने कार्यकर्ताओं का मोरल हाई करने के लिए ऐसे काल्पनिक, फरेब ये करने पड़ रहे। गठबंधन के इतिहास में अगर आंकड़ों के हिसाब से देखें तो ये सबसे मजबूत गठबंधन की सरकार है। लेकिन कोशिश ये की गई कि इस विजय को स्वीकार न करना, उसको पराजय के छाया में डुबो के रखना। लेकिन उसके ऐसी चीजों की बाल मृत्यु हो जाती है और हो भी गई लेकिन देशवासी जानते हैं कि न हम हारे थे न हम हारे हैं। लेकिन चार तारीख के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है वो हमारी पहचान बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं, हमारे संस्कार ऐसे हैं कि विजय की गोद में उन्माद पैदा नहीं होता है और न ही पराजित लोगों के प्रति उपहास करने के हमारे संस्कार हैं। हम विजय को भी पचाते हैं और पराजित का भी उपहास करने की विकृति हम नहीं पालते, ये हमारे संस्कार हैं। आप किसी भी बालक को पूछो कि भाई लोकसभा के चुनाव के पहले सरकार किसकी थी तो कहेगा एनडीए की। 2024 के नतीजों के बाद

नई दिल्ली में 7 जून, 2024 को एनडीए नेताओं ने भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से भेंट की और भाजपा एवं एनडीए के सभी घटक दलों के समर्थन पत्र सौंपे, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को सर्वसम्मति से एनडीए का नेता चुना गया है

सरकार किसकी बनी एनडीए की। तो हारे कहां से भाई? पहले भी एनडीए थी, आज भी एनडीए और कल भी एनडीए है। आप सोचिए 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई। अगर मैं 2014, 2019 और 2024 तीन चुनाव को जोड़ करके कहूं, कांग्रेस के कुल तीन चुनाव जोड़ दूं और इन तीन चुनाव में जितनी सीटें इन्हें मिली है उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली है और मैं साफ देख रहा हूं। इंडी वालों को ये अंदाज नहीं है वे धीरे-धीरे पहले तो डूब रहे थे अब तेज गति से ये गर्त में जाने वाले हैं। इंडी अलायंस वाले देश के सामान्य नागरिकों की जो समझ है आज भी वो उसके सामर्थ्य को समझ नहीं पाए या समझना चाहते नहीं हैं। इन लोगों का जो व्यवहार रहा है चार तारीख के बाद मैं आशा करता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे, लेकिन उनके व्यवहार से लगता है कि शायद उनमें ये संस्कार आएं इसके लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा। और तो मैं ज्यादा कुछ कह नहीं सकता। ये वो लोग हैं जो खुद की पार्टी के पीएम का अपमान करते हैं, उसके निर्णयों को फाड़ देते हैं, खुद की पार्टी के विदेशी मेहमान आ जाएं तो उसके लिए चेयर नहीं होती थी, ये सारे दृश्य आपने देखें हैं। लोकतंत्र हमें सबका सम्मान करना सिखाती है। विपक्ष में भी जो सांसद जीत करके आए हैं मैं उनको भी बधाई देता हूं और मैं पिछले 10 वर्ष में एक चीज मिस कर रहा था कि डिबेट, पार्टिसिपेशन, क्वालिटी ऑफ डिबेट्स।

राष्ट्रपति भवन (नई दिल्ली) में 07 जून,
2024 को भारत के संविधान के अनुच्छेद
75 (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग
करते हुए भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
ने श्री नरेन्द्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के पद
पर नियुक्त किया

हमारे साथी भी राष्ट्र हित की नियत के साथ सदन में आएंगे और भले वो विपक्ष में बैठे होंगे लेकिन राष्ट्र के विपक्ष में नहीं है, हमारे विपक्ष में है। राष्ट्र में तो हम सब एक ही दिशा में है, राष्ट्र में हमारा कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है, राष्ट्र में हम 140 करोड़ है। मैं आशा करता हूं कि वो राष्ट्र हित की भावना को लेकर के सदन में आएंगे, सदन को समृद्धि देने में वे कुछ न कुछ योगदान करेंगे।

2024 का जनादेश एक बात को बार-बार मजबूती दे रहा है कि देश को आज के वातावरण में सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर ही भरोसा है और जब इतना अटूट विश्वास है, इतना भरोसा है तो स्वाभाविक है देश की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी और मैं इसे अच्छा मानता हूं और हम सबका कर्तव्य भी मानता हूं। मैंने पहले भी कहा था जो 10 वर्ष हमने काम किया है वो तो ट्रेलर है। वो मेरा चुनावी वाक्य नहीं था ये मेरा कमिटमेंट है। हमें और तेजी से, और विस्तार से, और तेज गति से देश की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में रत्ती भर भी विलंब नहीं ही करना है। जनता-जनार्दन चाहती है हम पहले से ज्यादा डिलीवर करें, जनता चाहती है कि हम खुद ही हमारे पुराने रिकॉर्ड तोड़े। मैं एक तरफ एनडीए रखूं दूसरी तरफ भारत के लोगों के सपने और संकल्पों को रखूं तो मैं कहूंगा एनडीए- न्यू इंडिया, डेवलप्ड इंडिया, एस्पिरेशनल इंडिया और इसी सपने और संकल्पों को पूरा करना ये हम सबका संकल्प भी है, कमिटमेंट भी है और हमारे पास रोडमैप भी है।

एनडीए विकसित भारत का संकल्प लेकर चुनाव में गया था

एनडीए ने हमेशा करप्शन फ्री, रिफॉर्म ओरिएंटेड, स्थिर सरकार देश को दी है। जब-जब हमें अवसर मिला, हम लोगों ने काम किया है। उसके सामने कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए, अब उन्होंने पुरानी अपनी छवि सुधारने के लिए नाम बदल दिया, लेकिन पहचान घोटालों की है, आए दिन घोटाले यही पहचान रही है और नाम बदलने के बावजूद भी देश उनके घोटालों को नहीं भूला है, उनको नकारा है। मैं कह सकता हूं कि इंडी अलायंस वालों ने एक व्यक्ति का अप्रोच करने के वन प्वाइंट एजेंडा के कारण देश की जनता ने उनको ही अपोजिशन में बिठा दिया है। एनडीए ‘विकसित भारत’ इस संकल्प को ले करके चुनाव में गया था, देश के लिए सकारात्मक सोच को ले करके गया था, देश की युवा शक्ति के सामर्थ्य को समझ करके नए अवसरों को ले करके देश को आगे बढ़ने की बात ले करके गया था, जबकि हमारे सामने जो लोग थे वो भ्रम फैलाना, झूठ फैलाना, यही गुमराह करने वाले काम करते रहे थे। अब एनडीए और उनको। इवन नामांकन में जाएंगे तो भी आपको दिखेगा, उनका चुनाव प्रचार, उनका नामांकन हम लोगों का एक-एक दृश्य देख लीजिए और उनका एक-एक दृश्य देखिए, कितना बड़ा अंतर है। हर चीज में उनका कैरेक्टर दिखाई देता है और क्या रहा फोटो ऑप के लिए, तो उन्होंने अलायंस घोषित कर दिया लेकिन कितने ही राज्यों में वो आपस में लड़ते रहे हैं। चुनावी जंग में एक-दूसरे की पीठ में छुरा भोंकते रहे। कभी उन्होंने कहा ये तो हमारा वैचारिक अलायंस है, वो विचार लेवल पर ठीक है बाकी नीचे तो अपना हम तैयार करेंगे।अब फिर उन्होंने कहा हम तो सीट के आधार पर अलायंस करेंगे, टोटल न भी करें, ये भी खेल खेला और अभी-अभी तो चुनाव पूरा हुआ और शुरु कर दिया कि ये तो हमारा अलायंस लोकसभा के चुनाव के लिए था बाद में नहीं है, ये भी शुरू कर दिया। यानी मैंने बहुत पहले कहा था आप देख लेना 4 जून के बाद बिखराव शुरू हो जाएगा और वो शुरू हो चुका है। इसका मतलब ये हुआ कि वो सिर्फ और सिर्फ सत्ता सुख के लिए एक-दूसरे का साथ देने की कोशिश करते थे लेकिन उनमें उनका अगर स्वार्थ निश्चित होता तो साथ देना, वरना नहीं देना। ये कैरेक्टर था। ये लोग कितने ही बड़े झूठ बोलते रहे हैं और आप देखिए चुनाव के समय उन्होंने देश के सामान्य नागरिक को गुमराह करने के लिए जो पर्चियां बांटी, ये देंगे और वो देंगे और ढिकाना देंगे, फलाना देंगे, दो दिन से मैं देख रहा हूं कि कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं कि पर्ची है एक लाख रुपए कहां है, लाओ भाई। मांग रहे हैं लोग। यानी आपने जनता-जनार्दन की आंखों में कैसा उनको भ्रमित किया, कैसी आंख में धूल झोंक दी, वो बेचारा सामान्य नागरिक मान के चलता था हां, भाई चार जून के बाद रुपया मिल जाएगा। इसलिए वो जाकर खड़ा रह गया, और अब उसको धक्का मारा जा रहा है, डंडे मारे जा रहे, वहां से निकाला जा रहा है। अब इस प्रकार का चुनाव ये अपने आप में देश के गरीबों का अपमान है, हमारे देश के सामान्य नागरिकों का अपमान है और कभी भी देश ऐसी हरकतों को न भूलता है, न ही माफ कभी करता है।

पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले

हमारे लिए संतोष की बात है कि हम एक कमिटमेंट से काम करते रहे हैं। 10 साल में हमने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी से बाहर निकाला है, गरीब कल्याण का एक सुरक्षित मजबूत कवच दिया है हमने। उसको और उसके अंदर भी एक नई एस्पिरेशन पैदा हुई कि हां अब मुझे गरीब नहीं रहना है और उसके लिए मुझसे जो हो सके मैं हर अवसर का फायदा उठाऊंगा। तीन करोड़ गरीबों को घर, ऐसे कहने का आंकड़ा नहीं, कितनी मेहनत पड़ती है मुझे मालूम है लेकिन हम सफलतापूर्वक इसको कर पाए हैं। चार करोड़ लोगों को दे चुके हैं, तीन करोड़ का हम संकल्प ले करके आज से आगे बढ़ेंगे यानी ये भी हिम्मत है कि चार करोड़ देने के बाद जिन परिवारों का विस्तार हुआ है, जरूरत पड़ी है और राज्यों की भी उसमें इच्छा है तीन करोड़ नए घर बनाने का संकल्प। 70 वर्ष की आयु से ऊपर के व्यक्तियों को नागरिकों को, 5 लाख रुपए तक की मुफ्त इलाज की व्यवस्था। मुद्रा योजना के तहत हमारे नौजवानों को कारोबार के लिए 20 लाख रुपये तक की बैंक से उनको लोन मिले इसकी व्यवस्था। ये मैं समझता हूं कि वायदा हमारे तीसरे कार्यकाल की ये गारंटियां हैं सब मैं अभी बताता नहीं हूं लेकिन इन गारंटी के प्रति हम कमिटेड हैं और उसे पूर्ण करने के लिए हम कोई कमी नहीं रखेंगे। गरीब का सशक्तीकरण और मिडिल क्लास को सुविधा ये हमारी प्राथमिकता है क्योंकि मध्यम वर्ग अब इस देश का एक बहुत बड़ा चालक वर्ग है, भारत की ग्रोथ स्टोरी में ये ऐसे-ऐसे नए फोर्सेस मैं देख रहा हूं जो हमारी बहुत बड़ी शक्ति बनने वाले हैं और इसलिए हम उस पर भी उतना ही और मिडिल क्लास की बचत कैसे बढ़े, सेविंग कैसे बने उसके लिए उसके क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए हम क्या कर सकते हैं हमारी योजनाओं का विस्तार कैसे किया जाए, हमारे नीति-नियमों में बदलाव कैसे किया जाए उस पर भी हम आने वाले दिनों में काम करेंगे।

नारी शक्ति की सक्रिय भागीदारी हमारा कमिटमेंट

पंचायत से पार्लियामेंट तक हमारी नारी शक्ति की सक्रिय भागीदारी ये हमारा कमिटमेंट है। हमने हमारे पिछले कार्यकाल में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ करके उस बात को हमने आगे बढ़ाया और वो दिन दूर नहीं होगा जब हमारे सदन में बहुत बड़ी तादाद में हमारी माताएं-बहनें देश का नेतृत्व करती हुई दिखाई देंगी। इस पूरे चुनाव में हम सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवारों को टिकट देने वाली पार्टी रहे हैं, ये

राष्ट्रपति भवन (नई दिल्ली) में 07 जून, 2024 को श्री नरेन्द्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करने के बाद राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पारंपरिक भाव से उन्हें ‘मीठा दही’ भेंट किया, जिसे भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है और जो नए कार्यों को आरंभ करने से पूर्व सौभाग्य और सफलता के प्रतीक के रूप में भेंट किया जाता है

हमारा कमिटमेंट है। हमारी महिला सांसदों को जो आशीर्वाद देश की जनता ने दिया है मैं इसके लिए विशेष रूप से उनका आभार व्यक्त करता हूं और आपने देखा होगा जी-20 समिट में दुनिया के सामने एक विषय ले करके हम बड़े आग्रह से गए हैं और वो है एंपावरमेंट ऑफ वूमेन, डेवलपमेंट ऑफ वूमेन इन सारी बातों से तो हम परिचित हैं, हमने एक नया शिफ्ट किया है और हम जी-20 समिट से भी इसको आगे बढ़ा रहे हैं ‘वूमेन लेड डेवलपमेंट।’ एक बार जब हमारा कमिटमेंट बनता है तो परिवर्तन बिल्कुल साफ नजर आता है।

एनडीए का ये कार्यकाल बड़े फैसलों का है, तेज विकास का है और अब हम समय गंवाना नहीं चाहते कि हमें पांच नंबर की इकोनॉमी से तीन नंबर की इकोनॉमी पर पहुंचना है और ये खाली पांच और तीन का आंकड़ा नहीं है उसके कारण जो अर्थव्यवस्था का कद बन जाता है वो सामान्य मानवी की आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरलता बढ़ जाती है। देश के लिए जो जरूरतें हैं वो आराम से पूरी करने का सामर्थ्य बन जाता है और इसलिए हम उस दिशा में बड़ी कोशिश करके आगे बढ़ना चाहते हैं। राज्यों का सहयोग भी उसमें उतना ही महत्त्वपूर्ण है और भारत के संविधान ने जिस प्रकार का दिशा-निर्देश किया है ‘कोऑपरेटिव फेडरलिज्म’ का, लेकिन मैंने उसमें आग्रह रखा है कॉम्पिटेटिव कोऑपरेटिव फेडरलिज्म हमारे राज्यों के बीच में भी तंदुरुस्त स्पर्धा हो, राज्य और केंद्र के बीच में भी तंदुरुस्त स्पर्धा हो, हम अच्छा करने की स्पर्धा करें और उस दिशा में हम आगे बढ़ना चाहते हैं। हमने देखा है जब कॉम्पिटेटिव कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात करता हूं, आपने देखा जी-20 समिट हम एक जगह पर कर सकते थे। हम भी मालाएं पहन करके फोटो निकलवा सकते थे लेकिन हिंदुस्तान के अनेक शहरों में 200 से ज्यादा मीटिंग हुई और दुनिया भर के नीति निर्धारक जी-20 देशों के और बाकी भी पांच-सात देशों के वो हिंदुस्तान के कोने-कोने में गए, उनके देशों में जाकर के भारत की विविधता, भारत की विशालता, इसकी चर्चा कर रहे हैं, उनके लिए आश्चर्य है ये। दिल्ली आकर के वापस जाते थे, पता ही नहीं था कि देश इतना बड़ा है, ये अपनी एक ताकत का परिचय हुआ है। हमने कोविड में देखा राज्यों के साथ कोऑपरेशन के साथ हमने जिस प्रकार से लड़ाई लड़ी और एक सूत्र में रहकर लड़ाई लड़ी, दल किसी का भी हो सरकार में, लेकिन हमने इस काम को किया क्योंकि हमारा कोऑपरेटिव फेडरेलिज्म के प्रति कमिटमेंट है। एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट एक ऐसा मॉडल है गवर्नेंस का, जिसमें राज्य भी उतनी ही सक्रियता से हमारे साथ जुड़े हुए हैं और दुनिया के लिए जो डेवलपिंग कंट्रीज हैं उनके लिए गवर्नेंस का एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत हो रहा है जिसका दुनिया के अनेक यूनिवर्सिटी ने केस स्टडी करना शुरू किया, अब उसको हम आगे बढ़ाते हुए एस्पिरेशनल ब्लॉक की तरफ ले जा रहे हैं ताकि हमारे ग्रास रूट लेवल पर भी जो वीक एरियाज हैं, जहां सुविधाएं भी सामान्य एवरेज से भी नीचे हैं, उसको हम जल्दी से जल्दी स्टेज की एवरेज तक लाना चाहते हैं। देश का रीजन, कोई भी क्षेत्र हो, सर्वांगीण विकास को लेकर के हम चलेंगे। पांच साल में हमने गति शक्ति यानी इस प्रकार के प्लेटफार्म पर काम किया है, जो काम 6-6, 8-8 महीने तक नहीं होता था वो आज 15-20 दिन में कर सकते हैं। सब टेक्नोलॉजी का उपयोग करके हम काम कर रहे हैं और ये जब होता है तो उसका मूल फायदा देश के नौजवानों के लिए रोजगार के अति अवसर बन जाते हैं। उनके लिए जीवन में सिलेक्शन के लिए बहुत बड़ा दायरा बढ़ जाता है। आज भारत दुनिया में विश्व के लिए एक नया मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है और जब हम मैन्युफैक्चरिंग हब कह रहे तब सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक गुड्स या सर्विसेज की मैं बात नहीं कर रहा हूं। फूड प्रोसेसिंग में भी आज दुनिया में हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और वो भारत के किसानों को बहुत बड़ी ताकत देने वाला है। उसी प्रकार से स्पेस हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, स्टार्टअप्स की बात हो, स्किल जॉब अपॉर्चुनिटी की बात हो, आज भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा, बढ़ रहा है, ये मेरा विश्वास है। मुद्रा योजना, ड्रोन दीदी, विश्वकर्मा योजना, इसने भी नई संभावनाओं को जन्म दिया है।

विकास भी और विरासत भी

हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, उसके प्रति हम जितना ध्यान केंद्रित करेंगे दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। मैं मानता हूं भारत के लिए टूरिज्म एक ऐसा एवेन्यू है जो गत शताब्दी में हमें कभी; यानी आज से लेकर के पीछे के 100 साल मैं कहूं; ऐसा अवसर नहीं मिला है जैसा आने वाले 25 साल में मिलने वाला है। दुनिया भारत की तरफ मुड़ने वाली है। अब हमारा काम है हम इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को विकसित करें, हमारी विरासत के प्रति, हमारे पर्यटन का विकास करते हुए एक विन-विन सिचुएशन का हम फायदा उठाएं। उसमें बहुत अधिक निवेश की संभावनाएं मैं देखता हूं और ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हर स्तर के लोग कमाते हैं। गरीब से गरीब आदमी भी कमाता है और बड़े-बड़े होटल वाला भी कमाता है, हर कोई इसमें कमाता है। टूरिज्म पर हम बल देना चाहते हैं, बहुत पोटेंशियल है। आज इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र खुले हैं, इसका फायदा इसको मिलता है। एयरवे हो, रेलवे हो, हमारे एक्सप्रेसवे हो, ये हमारा यातायात जितना बेहतर हो रहा है, हमारा डिजिटल कनेक्टिविटी का जो काम है ये इसके लिए बहुत बड़ा पॉजिटिव ग्राउंड तैयार कर रहा है और जिसका फायदा मिलने वाला है। और जो ‘वोकल फॉर लोकल’ और रीजनल टूरिज्म इसको एक बल देने का काम है। अब दुनिया एक नए युग में प्रवेश कर रही है जिस समय औद्योगिक क्रांति हुई उस समय हम गुलामी के दौर से गुजरे तो औद्योगिक क्रांति का जितना फायदा लेना चाहिए हम नहीं ले पाए अब एक नया युग शुरू हो रहा है हरित युग, ‘ग्रीन एरा’ का और भारत के पास बहुत संभावनाएं हैं। इसका नेतृत्व करने की और हम इसके लिए आने वाले दिनों में ग्रीन हाइड्रोजन की बात हो, ग्रीन एनर्जी हो या ग्रीन जॉब्स हो या ग्रीन मोबिलिटी हो, इन सारे विषयों को हम इतनी तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि हरित युग का नेतृत्व दुनिया में भारत का सामर्थ्य सिद्ध कर दें, ये हम चाहते हैं। इसी सिलसिले में इस 5 जून को जब पर्यावरण दिवस था, 4 जून को नतीजे आ गए थे तो उसी दिन मेरे मन में एक विचार आया कि कार्यक्रम 5 जून को हमने आरंभ किया— ‘एक पेड़ मां के नाम’। हर किसी को मां के प्रति श्रद्धा होती है और मैं भी देशवासियों को कहूंगा कि आने वाले समय में कभी आपकी माता जी का जन्मदिन हो या कोई और शुभ दिन हो, अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाइए। मां जीवित है तो साथ लेकर जाइए, उनकी फोटो आप सोशल मीडिया में अपलोड कीजिए और मां नहीं हैं उनकी फोटो रख करके एक पेड़ लगाइए और वो अपनी मां का भी सम्मान होगा और धरती मां की सेवा होगी, हम इन दो माताओं की सेवा करें।

भारत की छवि ‘विश्व बंधु’ की

अब भारत आइसोलेशन में नहीं जी सकता, वैश्विक परिवेश में भारत की भूमिका दिनों-दिन बहुत बढ़ती चली जा रही है। 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी पूरे विश्व में उसी एक पल से एक नयी जिज्ञासा पैदा हुई, थोड़ी आशा के संकेत उनको नजर आने लगे और फिर बदलाव तेजी से आया। पिछले 10 वर्ष में भारत ने जिन कामों को बल दिया है, आज भारत की छवि ‘विश्व बंधु’ की बन चुकी है। विश्व हमें एक बंधु के रूप में स्वीकार कर रहा है और जब दुनिया हमें विश्व बंधु के रूप में स्वीकारती है तो हमारी वैश्विक जिम्मेवारियों को भी हमारे आने वाले रोड मैप में महत्व देना ही होगा और भारत की सफल विदेश नीति ने अच्छे परिणाम भी दिए हैं। हमने हर संकट को उस प्रकार से हैंडल किया, जिस प्रकार से मानवीय मूल्यों को हमने प्राथमिकता दी, उसका परिणाम है कि सामान्य मानवी के मन में ये विश्व बंधु वाला भाव बहुत मजबूत हुआ और भारत का सेवा भाव का जो कैरेक्टर है उसको विश्व ने पहचाना है। चाहे यूक्रेन का संकट हो, चाहे अफगानिस्तान का संकट हो, हमारे लोगों को बचाना हो, हमने किसी भी क्षेत्र में कोई कमी नहीं रखी है और इस क्षमता के कारण भारत में निवेश की संभावनाएं बहुत बढ़ने वाली है। मैं राज्यों से भी कहूंगा कि आप प्रगतिशील नीतियां बनाकर रेडी रहिए। विश्व आज आपके दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। जो राज्य ज्यादा स्पष्ट नीतियों के साथ आएगा, जो राज्य उन कंपनियों, विदेश से आने वाले लोगों को ठीक से हैंडल करेगा, उसको बेनिफिट मिलने ही वाला है। भारत ने जो नीतियां बनाई हैं, भारत ने जो वातावरण बनाया है उसका लाभ भारत के हर राज्य को मिलना चाहिए और उस दिशा में हम तेजी से काम करना चाहते हैं। हमने जी-20 समिट में देखा है, दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। जो लोग इन चीजों को माइन्यूटली देखते हैं, उनको पता होगा कि जी-20 एक प्रकार से कई संकटों से गुजर रहा था, उतार-चढ़ाव आते रहते थे, बिखराव भी नजर आ रहा था। लेकिन भारत में जी-20 आने के बाद नए प्राण से भर गया है, नया सामर्थ्य आ गया है। ये भारत की ताकत है कि उसने पूरे विश्व को जोड़ने में जी-20 के माध्यम से बहुत बड़ा काम किया है। इन दिनों भी जो परिणाम आए इसके बाद मेरा काफी समय विदेश के सरकारों से फोन पर अभिनंदन स्वीकार करने में गया। शायद मुझे 2014 और 2019 में भी ऐसा अनुभव नहीं था जितना इस बार फ्लो है। दुनिया के करीब-करीब सभी ने भारत को शुभेच्छा व्यक्त की है या बात करने की कोशिश की है यानी ये जो हमारी वैश्विक ताकत है उसका परिचय करवा रहा है और उसके कारण मैं मानता हूं कि विश्व में हमारा सम्मान और साथ-साथ भारत में निवेश, ये दोनों संभावनाएं बढ़ रही हैं।

जन-जन तक पहुंचे संविधान की भावना

हमारे संविधान का ये 75वां वर्ष है। हम चाहते हैं कि संविधान हमारी संवैधानिक संस्थाओं का संरक्षण भर इसके मात्र के लिए है ऐसा नहीं। कोई अदालत में धाराओं का उपयोग करके काम करने के लिए नहीं है, ये एक हमारी भावना है, हमारा स्पिरिट है। हमें इस 75 साल को ऐसे मनाना है ताकि हम संविधान की स्पिरिट को जन-जन तक पहुंचाएं, हर जन को संविधान की जो भावना है, कर्तव्य की भावना है, उनके प्रति समर्पण उसका बढ़ें, उस दिशा में हम काम करना चाहते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष के उत्सव में देश आज रंगा हुआ है और यह हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है क्योंकि उसमें राष्ट्र प्रथम की भावना है। छत्रपति शिवाजी महाराज को याद करते ही राष्ट्र प्रथम की भावना हमें मजबूती देती है और इसलिए हम देश में इसी एजेंडा को आगे रखते हुए और जब इसी समय 350 साल का पर्व आया है तो हमें अपनी पॉलिसी और परफॉर्मेंस और सामान्य मानवी का जीवन बेहतर करना है, उस पर जरा भी विलंब नहीं करना है। विकास की सारी तैयारियां, रोड मैप लेकर हम चलेंगे ही, चल रहे हैं लेकिन साथ-साथ हम नए-नए सांसद आए हैं, कुछ पुराने सांसद हैं, कोई ज्यादा अनुभवी सांसद भी हैं। इन दिनों पिछले दो दिन से आप टीवी पर देखते होंगे, एक भी सच्चाई मुझे उसमें नजर नहीं आई। आजकल कई लोग सरकार बनाने में लगे हुए हैं, मंत्री पद बांट रहे हैं, पद बांट रहे हैं, व्यवस्था बांट रहे हैं, मैं आपसे आग्रह पूर्वक कहता हूं और जो मोदी को जानते हैं ये सारे प्रयास निरर्थक हैं। आप भी किसी का फोन आ जाए तो 10 बार वेरीफाई कीजिए कि जिसने फोन किया है वो सचमुच में अथॉरिटी है, अदरवाइज कोई भी कहेगा कि भाई आपका नाम हो गया है सुबह परिवार को बुला लीजिए शपथ समारोह में आना है। तो ऐसी गपबाजी करने वाली एक बहुत बड़ी फौज रहती है। कुछ लोग आदतन करते रहते हैं, कुछ लोग को मजा आता है और कुछ लोग बद इरादे से करते हैं। मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि हम इन सारे षड्यंत्रों का शिकार ना बनें। दूसरा हमारे जो इंडी अलायंस वालों ने इस चुनाव में फेक न्यूज में एक्सपर्टाइज कर लिया, ‘डबल पीएचडी’ कर लिया है, वो शायद इसका भरपूर उपयोग करेंगे। हम कृपा करके इन चीजों से दूर रहें, अफवाहों से दूर रहें। ये जो टीम बैठी है वो अनुभवी टीम है। मुझे भी सही सलाह देने वाली टीम है और इसलिए टीम मिलकर के बहुत सही निर्णय करने वाली है। कृपा करके, ब्रेकिंग न्यूज के आधार पर देश चलेगा नहीं, ये मान के चलिए।

विकसित भारत का संकल्प

विकसित भारत का संकल्प ले करके हम चले हैं। तीन नंबर की इकोनॉमी पहुंचना है, मैं जानता हूं। निश्चित रोड मैप के साथ उसको हम इस लक्ष्य को पार करने वाले हैं। मैंने पहले भी कहा था कि मेरा पल-पल देश के नाम है, मेरा पल-पल आप लोगों के नाम है। मैं 24/7 अवेलेबल हूं। हमें मिलकर के देश को आगे बढ़ाना है। फिर से एक बार आप लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, जो प्यार दिखाया है और जो समर्थन दिया है वाकई मैं मानता हूं भारत के लोकतंत्र की एक बहुत बड़ी ताकत है। मैं जितना आपका आभार व्यक्त करूं उतना कम है और मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशा-अपेक्षाओं को पूरी करने में, परिश्रम करने में कोई कमी नहीं रखूंगा। मेरे लिए जन्म सिर्फ और सिर्फ ‘वन लाइफ-वन मिशन’ और वो है मेरी भारत माता। ये मिशन है 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए खप जाना, ये मिशन है 140 करोड़ देशवासियों को हजार साल की मुसीबतों से जो गुजरी हुई पीढ़ी-दर-पीढ़ी है उसे मुक्ति दिला करके सम्मान के साथ विश्व में मेरा हर देशवासी; दुनिया उसे देखे तो उसका मन कर जाए काश ये हिंदुस्तान का है अरे नजर मिल जाए तो अच्छा होगा। ये मैं स्थिति पैदा करना चाहता हूं। उसका मन लालायित होना चाहिए, हिंदुस्तानी है अरे यार जरा हाथ मिला लूं, कुछ एनर्जी मुझे भी आ जाए; मैं देश को इस ऊंचाई पर ले जाना चाहता हूं। मुझे पक्का विश्वास है कि आपका साथ, आपका सहयोग, आपका अनुभव बहुत बड़े परिणामों की संभावनाएं लेकर के आया है। लोकसभा का ये गठन उन सभी आकांक्षाओं को पूरा करेगा। मैं फिर एक बार आप सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

तीसरी बार प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने से पहले श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री मुरली मनोहर जोशी एवं श्री रामनाथ कोविंद से भेंट की

केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले एनडीए संसदीय दल के नेता श्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं— श्री लालकृष्ण आडवाणी एवं डॉ. मुरली मनोहर जोशी से 07 जून, 2024 को नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर भेंट की।

एनडीए संसदीय दल के नेता, भाजपा संसदीय दल के नेता एवं लोकसभा में भाजपा नेता चुने जाने के तुरंत बाद श्री मोदी ने श्री आडवाणी से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की। इसके बाद श्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द से नई दिल्ली में उनके आवास पर भेंट की।

इसके पश्चात् श्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति भवन गए और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भेंटकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।