भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

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ज जब पूरा देश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की तीसरी पारी के शुभारंभ का उत्सव मना रहा है, जन-जन के मन में ‘विकसित भारत’ का संकल्प और भी अधिक दृढ़ हुआ है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब तीसरी बार लगातार देश ने मोदी सरकार को उसके अद्वितीय कार्यों एवं उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए अपना आशीर्वाद दिया है। लोगों ने पुनः श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं दूरदर्शी नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त किया तथा उनके ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को भारी समर्थन दिया है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कोने-कोने में अपने अथक अभियान से ‘विकसित भारत’ के संदेश को गुंजायमान किया। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र पर उनकी गहरी प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि आज गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित, किसान,

आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपनी तीसरी पारी में तीन गुना अधिक मेहनत कर रहे हैं, देश का विकास नई ऊर्जा एवं द्रुत गति से नए रिकॉर्ड बनाएगा

महिला एवं युवा ने उनके नेतृत्व पर अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है तथा देश के लिए उनके सपनाें पर भारी विश्वास व्यक्त किया है। अमृतकाल में 18वीं लोकसभा का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए विश्वास से पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। अब देश नई ऊचाइयों को छूने के लिए तत्पर है।

संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए भारत की राष्ट्रपति माननीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वे ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए देश की सेवा करेंगे। एक ओर जहां राष्ट्रपति जी ने 2024 के लोकसभा चुनावों की व्यापकता को रेखांकित किया, वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में भारी मतदान के साथ-साथ महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की भी प्रशंसा की। देश द्वारा स्पष्ट बहुमत के साथ तीसरी बार लगातार स्थिर सरकार के चुनाव से पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ा है। ऐसा छह दशकों के पश्चात् हुआ है, इसलिए लोगों का यह जनादेश और भी अधिक अभिनंदनीय है। ‘रिफॉर्म, परफॉर्म एवं ट्रांसफॉर्म’ का मंत्र, जिससे भारत ने व्यापक परिवर्तन के साथ चमत्कृत करने वाली उपलब्धियां प्राप्त कीं, उस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश विश्व की सबसे तीव्र गति से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले वर्षों में भारत ने 8 प्रतिशत तक का विकास दर प्राप्त किया, विश्व अर्थव्यवस्था में 15 प्रतिशत योगदान दिया तथा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह सब गरीब, किसान, अनु. जाति, अनु जनजाति, पिछड़ा एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के जीवन में व्यापक सुधार लाने के लिए किए गए अथक प्रयासों का परिणाम है। अभिनव योजनाओं से आज देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ अब अन्य उपेक्षित क्षेत्रों का सशक्तीकरण किया गया है।

आज जब पूरा देश नवनिर्वाचित सांसदों से जनहित में सकारात्मक राजनीति के सिद्धांतों के अनुरूप संसद में स्वस्थ बहस की अपेक्षा कर रहा है, इंडी-गठबंधन द्वारा संसदीय विशेषाधिकारों का दुरुपयोग तथा देश एवं समाज को जाति, मजहब एवं क्षेत्र के आधार पर विभाजित करने का दुर्भाग्यपूर्ण कुचक्र रचा जा रहा है। यह अत्यंत दुःखद है कि नेता प्रतिपक्ष जिन्हें संसदीय मूल्यों की उच्च परंपरा का सम्मान करना चाहिए, उन्हाेंने अपने पहले भाषण में ही देश के बहुसंख्यक समाज को हिंसक एवं नफरत फैलाने वाला बताने का निंदनीय कार्य किया। देश के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के उत्तर के दौरान विपक्ष द्वारा हंगामे से बाधा डालने का असहिष्णु रवैया अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय एवं भर्त्सना करने योग्य है। विपक्ष को इस तरह के लोकतंत्र-विरोधी आचरण से बचना चाहिए, इसे लोकतंत्र में कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता।

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आपातकाल पर सदन में प्रस्ताव लाकर एक बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया है। इससे पूरे देश को भारतीय राजनैतिक इतिहास के इस काले अध्याय की याद दिलाया गया, जिससे हम अतीत में हुई गलतियों से सबक ले देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं मूल्यों के प्रति सजग रहें। अब जब भारत ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार करने के लिए आगे बढ़ चुका है, अतीत के सबक तथा इतिहास की उपलब्धियों के प्रति गौरव देश की इस यात्रा को दिशा दिखाएंगे। आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपनी तीसरी पारी में तीन गुना अधिक मेहनत कर रहे हैं, देश का विकास नई ऊर्जा एवं द्रुत गति से नए रिकॉर्ड बनाएगा।

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