केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज श्रीपेरुमबुदुर में सिस्को इंडिया की विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया। इस विनिर्माण की शुरूआत मेसर्स फ्लेक्स इंडिया के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर सिस्को के अध्यक्ष एवं सीईओ चक रॉबिन्स उपस्थित थे। अपनी चेन्नई यात्रा के दौरान उन्होंने नोकिया सॉल्यूशंस एंड नेटवर्क्स और आईआईटी मद्रास के परिसर का भी दौरा किया।
श्री सिंधिया के चेन्नई दौरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया। यह विशेष रूप से दूरसंचार एवं नेटवर्किंग क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण और 5जी अनुप्रयोगों के लिए भारत के प्रयास के अनुरूप है।
श्रीपेरुमबुदुर में सिस्को की विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन
सिस्को सुविधा 5जी और भविष्य की तकनीकों के लिए आवश्यक उन्नत टेलीकॉम और नेटवर्किंग उपकरणों का उत्पादन करने में महत्वपूर्ण होगी और आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगी। फ्लेक्स इंडिया ने सिस्को को इस आधुनिक विनिर्माण सुविधा के निर्माण में सहयोग किया, क्योंकि यह संचार मंत्रालय की पीएलआई योजना के अंतर्गत लाभार्थियों में से एक है।
इस अवसर पर, मंत्री ने सिस्को की परियोजना को “भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं और अमेरिका की अत्यधिक अभिनव क्षमताओं के बीच एक संयोजन” कहा। उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण सुविधा वैश्विक मंच पर भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक जागृति का प्रतिनिधित्व करती है और सिस्को से भारत के दूरसंचार निर्माण क्षेत्र में भागीदार बनने की अपील की।
यह सुविधा आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी और भारत की क्षमता को विश्व-स्तरीय उत्पादों का निर्माण करने और उन्हें विभिन्न देशों में निर्यात करने में बढ़ावा देगी।
नोकिया सॉल्यूशंस एंड नेटवर्क्स का दौरा
उसके बाद, श्री सिंधिया ने चेन्नई में नोकिया सॉल्यूशंस और नेटवर्क्स परिसर पर यात्रा की, जहां उन्होंने दूरसंचार विनिर्माण में नवाचार को बढ़ावा देने वाली उन्नत इंडस्ट्री 4.0 तकनीकों के नवाचारी अनुप्रयोगों को देखा। यात्रा के दौरान, मंत्री को निजी वायरलेस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), संवर्धित एवं आभासी वास्तविकता (एआर/वीआर) जैसी उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन करने वाला एक व्यापक दौरा कराया गया। अपनी यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, मंत्री ने उच्च तकनीकी दूरसंचार निर्माण के लिए इंडस्ट्री 4.0 के महत्व पर प्रकाश डाला और नोकिया द्वारा भारत में विश्व-स्तरीय निर्माण को बढ़ावा देने वाली प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
आईआईटी मद्रास का दौरा
मंत्री की चेन्नई यात्रा का अंतिम चरण आईआईटी मद्रास था, जहां उन्होंने अपने तरह का पहला स्वदेशी 5जी परीक्षण परियोजना देखा। आईआईटी मद्रास के 5जी परीक्षण परियोजना के शोधकर्ताओं ने आधिकारिक रूप से विकसित बेस स्टेशनों और तकनीक का उपयोग करके बहुत उच्च गति की संचार (1 जीबीपीएस) का प्रदर्शन किया।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) भारतीय स्टार्टअप्स और उद्योग को 5जी में पहले स्थान पर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आईआईटी मद्रास में स्थित बड़े पैमाने पर 5जी परीक्षण परियोजना को वित्तपोषित कर रहा है, जिसमें आठ आर और डी संस्थान शामिल हैं।
मंत्री ने संकाय और छात्रों को संबोधित करते हुए उनके परियोजनाओं के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाने का वादा किया। उन्होंने कहा, “हमारे छात्र, हमारे देश के युवा भारत के तकनीकी और आर्थिक परिवर्तन की मुख्य शक्ति हैं।” ऐसी पहलें जैसे कि आईआईटी मद्रास में स्वदेशी 5जी परीक्षण परियोजना न केवल भारत की बढ़ती नवाचार क्षमताओं का प्रमाण है, बल्कि यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। अपनी युवा प्रतिभा की क्षमता का उपयोग करके, हम आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं।”
प्रोफेसर वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास ने नए युग की तकनीकों की खोज एवं विकास करके विकसित भारत @2047 के लिए उच्च शैक्षणिक संस्थानों की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने 5जी परियोजना को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
श्री सिंधिया की चेन्नई यात्रा से दूरसंचार विभाग द्वारा उद्योग एवं शैक्षणिक संस्थानों को पीएलआई के अंतर्गत दिए जा रहे लाभों, 5जी विकास के लिए वित्तपोषण आदि के माध्यम से दिए गए व्यापक समर्थन की पुष्टि होती है। दूरसंचार विभाग प्रगतिशील नीतियों, पारदर्शी नियमों, व्यापार करने में आसानी और वैश्विक स्तरीय अवसंरचना के माध्यम से एक सक्षम वातावरण का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है।