केंद्रीय गृह मंत्री ने सिंधुदुर्ग में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एक मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र की इस पावन धरती में जान देने का संस्कार है, जब मुगलों और अंग्रेजों का शासन था और चारों ओर घोर अंधेरा था उस वक्त शिवाजी महाराज ने स्वराज की बात कर पूरे देश के अंदर चेतना जागृत करने का काम किया। श्री शाह ने कहा कि यहां से चली यात्रा मोदी जी के नेतृत्व में आज भारतवर्ष को विश्व गुरु बनाने का काम कर रही है।

श्री अमित शाह ने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपनी जान हथेली पर रखकर स्वधर्म और स्वराज आगे बढ़ाने पर काम किया है। उन्होने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना बहुत महत्वपूर्ण होता है और श्री नारायण राणे ने यह काम बखूबी किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्री नारायण राणे की संस्था सिंधुदुर्ग शिक्षा प्रसार मंडल द्वारा महाराष्ट्र के कोंकण के अंतर्गत सिंधुदुर्ग में मेडिकल कॉलेज का निर्माण एक सराहनीय प्रयास है। श्री शाह ने कहा कि यहां के पुस्‍तकालय के माध्‍यम से न सिर्फ मेडिकल से संबंधित बल्कि देश के इतिहास और महाराष्ट्र के इतिहास की भी जानकारी छात्रों तक उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि देश की युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा पुस्तकालय का उपयोग करना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने उपस्थित बच्चों से कहा कि मेडिकल में कैरियर आगे बढ़ाने का यह उपयुक्त समय है। उन्होने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत ही सफलतापूर्वक लड़ी और पूरी दुनिया उसको मॉडल के रूप में अपना रही है। जन-जन को लॉकडाउन से जोड़ना हो या कोरोना वारियर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए दिया जलाने,घंटी बजाने का अभियान हो सभी में देश की जनता ने मोदी जी के नेतृत्‍व में ढृढता से साथ दिया। श्री शाह ने कहा कि 130 करोड़ के देश के अंदर स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई थीं, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट सदैव नकारात्मक होती थी। मास्‍क,पीपीई किट और वेंटिलेटर का निर्माण भारत में नहीं होता था लेकिन अब भारत मास्‍क, पीपीई किट और वेंटिलेटर का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बनकर उभरा है।

श्री अमित ने कहा कि लॉकडाउन के दौर में महामारी को फैलने से रोका गया और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया जिसके कारण दुनिया भर में जहां बड़े-बड़े देशों में मृत्यु दर बहुत अधिक थी उनकी तुलना में भारत में मृत्यु दर सबसे कम रही। श्री शाह ने यह भी कहा कि भारत के डॉक्टरों ने कोरोना पर जो रिसर्च पेपर तैयार किए उसे पूरी दुनिया ने लाइन ऑफ ट्रीटमेंट के रूप में प्रयोग किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूरा मेडिकल स्टाफ बधाई का पात्र है,इस लाइन ऑफ ट्रीटमेंट के कारण ही मृत्यु दर लगभग एक प्रतिशत और उससे कम तक सीमित की जा सकी।