प्रधानमंत्री ने झारखंड में कई रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया

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संपर्क बढ़ाने के लिए छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए झारखंड के टाटानगर में 660 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के 32 हजार लाभार्थियों को मंजूरी पत्र भी वितरित किए। इससे पहले श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए टाटानगर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत बाबा बैद्यनाथ, बाबा बासुकीनाथ और भगवान बिरसा मुंडा की धरती को नमन करने के साथ की। उन्होंने झारखंड में कर्मा पर्व के पवित्र अवसर का भी उल्लेख किया, जिसे प्रकृति की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। साथ ही श्री मोदी ने आज रांची हवाई अड्डे पर उनके लिए किए गए स्वागत की कुछ भी जानकारी भी दी, जहां एक महिला ने उन्हें कर्मा पर्व का प्रतीक भेंट किया। उन्होंने कहा कि कर्मा पर्व के तहत महिलाएं अपने भाइयों के सुखी जीवन की कामना करती हैं।

इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज झारखंड को छह नई वंदे भारत ट्रेनों, 600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं और पीएम आवास योजना के तहत राज्य के लोगों के लिए पक्के घरों की सौगात मिली है। श्री मोदी ने इन परियोजनाओं के लिए झारखंड के लोगों और इन वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से कनेक्टिविटी पाने वाले अन्य राज्यों को भी बधाई दी।

उस समय को याद करते हुए, जब आधुनिक विकास केवल कुछ राज्यों तक ही सीमित था और झारखंड जैसे राज्य पीछे छूट गए थे, श्री मोदी ने कहा कि, ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र ने देश की सोच और प्राथमिकताओं को बदल दिया है। उन्होंने कहा, “देश की प्राथमिकताएं गरीब, आदिवासी, दलित, वंचित, महिलाएं, युवा और किसान हैं।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि केंद्र ने झारखंड की समग्र प्रगति और विकास सुनिश्चित करने के लिए निवेश बढ़ाने के साथ-साथ विकास कार्यों की गति भी बढ़ा दी है। श्री मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में राज्य के रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए झारखंड को 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई, जो 10 साल पहले आवंटित बजट की तुलना में 16 गुना अधिक है।