भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों को अत्यधिक लाभ होगा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जोसेफ आर. बाइडेन ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों जैसे कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक सुधार, जलवायु कार्रवाई, दक्षिण एशिया और भारत-प्रशांत क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया

त 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जोसेफ आर. बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक हुई। इस वार्तालाप के दौरान भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए वाशिंगटन डीसी गए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर व्हाइट हाउस में अपने अमेरिकी समकक्षों, रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री श्री एंटनी ब्लिंकन के साथ मौजूद थे।
दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों जैसे कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक सुधार, जलवायु कार्रवाई, दक्षिण एशिया और भारत-प्रशांत क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया। उन्होंने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की भी समीक्षा की।

दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर भी सहमति जताई कि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने से दोनों देशों को अत्यधिक लाभ होगा और इससे वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता में भी योगदान मिलेगा।

विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम स्वाभाविक साझेदार हैं: नरेन्द्र मोदी

वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले साल सितम्बर में जब मैं वाशिंगटन आया था, और जिसका आपने अभी जिक्र भी किया, तब आपने कहा था कि भारत-अमेरिका साझेदारी बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है। मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूं।
श्री मोदी ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम स्वाभाविक साझेदार हैं और पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम (momentum) बना है, आज से एक दशक पहले भी शायद ऐसी कल्पना करना मुश्किल था।

उन्होंने कहा कि आज की हमारी बातचीत ऐसे समय पर हो रही है जब यूक्रेन में स्थिति बहुत चिंताजनक बनी हुई है। कुछ सप्ताह पहले तक 20,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए थे और इनमें से अधिकांश युवा छात्र थे। काफ़ी मेहनत के बाद हम उन्हें वहां से सकुशल निकालने में सफ़ल हुए, हालांकि एक छात्र ने अपना जीवन खो दिया।

श्री मोदी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मैंने यूक्रेन और रूस, दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फ़ोन पर बातचीत की। मैंने न सिर्फ़ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी रखा। हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है।

उन्होंने कहा कि हाल में Bucha शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी। हमने इसकी तुरंत निंदा की और एक निष्पक्ष जांच की मांग भी की है। हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा।

श्री मोदी ने कहा कि हमने यूक्रेन में सिविलियन जनता की सुरक्षा और उनको मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति पर भी महत्त्व दिया है और जिसका अभी आपने प्रारम्भ में जिक्र भी किया। हमने अपनी तरफ से दवाइयां व अन्य राहत सामग्री यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को भेजी है और यूक्रेन की मांग पर हम शीघ्र ही दवाइयों का एक और कन्साइनमेंट भेज रहे हैं।

अंत में उन्होंने कहा कि इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और हम अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं। मुझे विश्वास है कि भारत की अगले 25 सालों की विकास यात्रा में अमेरिका के साथ हमारी मित्रता एक अभिन्न अंग रहेगी।

हम एक सशक्त और प्रगतिशील रक्षा साझेदारी को साझा करते हैं: अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिकी राष्ट्रपति श्री जोसेफ आर. बाइडेन ने ऑनलाइन बैठक के दौरान कहा कि हम एक सशक्त और प्रगतिशील रक्षा साझेदारी को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि रूस के युद्ध के प्रभावों का प्रबंधन कैसे किया जाए और इसमें किस प्रकार स्थिरता लाई जाए इस पर भारत और अमेरिका करीब से सहयोग जारी रखेंगे।
साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि मैं भीषण हमले का शिकार हो रहे यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत करता हूं।