10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को मिल रहा ‘नल से जल’

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‘जल जीवन मिशन’ के शुभारंभ के समय देश के 117 आकांक्षी जिलों में केवल 24.32 लाख (7.57%) घरों में नल का पानी था, जो अब बढ़कर 1.54 करोड़ (48.0%) हो गया है

त 19 अगस्त, 2022 को जल जीवन मिशन ने 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराकर एक नई मिसाल कायम की। गौरतलब है कि 15 अगस्त, 2019 को जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन की शुरुआत की, गांवों में केवल 3.23 करोड़ (16.90%) घरों में पाइप से पानी का कनेक्शन था।

अभी तक 3 राज्यों (गोवा, तेलंगाना और हरियाणा) और 3 केंद्रशासित प्रदेशों (पुडुचेरी, दादरा व नगर हवेली एवं दमन दीव तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) ने 100% कवरेज की सूचना दी है। पंजाब में 99.93%, गुजरात में 97.03%, बिहार में 95.51% और हिमाचल प्रदेश में 94.88% भी जल्द ही लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयार हैं। 7 अगस्त, 2022 को गोवा तथा दादरा व नगर हवेली एवं दमन दीव देश में क्रमशः पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बन गए, जहां सभी गांवों के लोगों ने पर्याप्त, सुरक्षित और नियमित उपलब्धता की पुष्टि की। ग्राम सभा के माध्यम से गांवों के सभी घरों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

मिशन का मकसद हरेक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता की पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराना है। कोविड-19 महामारी जैसी विभिन्न बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश हर ग्रामीण घर में नल का पानी सुनिश्चित करने के लिए मौसम की खराब स्थिति, दूर-दराज के दुर्गम इलाकों, पहाड़ियों, जंगल आदि जैसी चुनौतियों पर काबू पाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। कई बार पाइप और अन्य उपकरण हेलीकॉप्टरों, नावों, ऊंटों, हाथियों और घोड़ों पर ले जाया जाता है।

केंद्र और राज्य सरकारों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप देश में 8.67 लाख (84.35%) स्कूलों और 8.96 लाख (80.34%) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। हमारे देश के 117 आकांक्षी जिलों में, मिशन के शुभारंभ के समय, केवल 24.32 लाख (7.57%) घरों में नल का पानी था जो अब बढ़कर 1.54 करोड़ (48.0%) हो गया है।

देश में कुल 5.08 लाख ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों, पानी समितियों का गठन किया गया है। साथ ही, 4.78 लाख ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति तैयार की गई हैं। मिशन अवधि के दौरान देश में कुल 2,070 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को विकसित, सुदृढ़ और सूचीबद्ध किया गया है। जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से अब तक 4.51 लाख गांवों में 64 लाख से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण किए जा चुके हैं। अब तक 10.8 लाख ग्रामीण महिलाओं को फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। एफटीके का उपयोग करते हुए 1.7 लाख गांवों में प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा 58 लाख से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण किए गए हैं।