21वीं शताब्दी महिलाओं की शताब्दी : जगत प्रकाश नड्डा

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महिला आरक्षण विधेयक पारित

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 21 सितंबर को राज्यसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पर बहस में भाग लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को स्थान देने में हमेशा अग्रसर रही है। भाजपा पहली और अकेली पार्टी हैं, जो संवैधानिक तौर पर महिलाओं को हर समिति में 33 प्रतिशत आरक्षण देती है।

                               यहां हम अपने सुधी पाठकों के लिए बहस का सारांश प्रकाशित कर रहे हैं:

म सब जानते हैं कि इस नये संसद भवन की शुरुआत गणेश उत्सव के दिन से प्रारम्भ हुई और कल लोक सभा में यह ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ निर्विघ्न पास हुआ। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आज यहां राज्य सभा में भी यह विधेयक किसी भी विघ्न के बगैर सर्वसम्मति से पारित होगा।

 मैं अपने प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इस विधेयक को लाकर लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण के विषय को एक निर्णायक मोड़ पर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने भारत की नारी की दशा को सुधारने और उसकी स्थिति एवं दिशा समाज में मजबूती से आगे बढ़े, इसके लिए बहुत ही कारगर कदम उठाए हैं।
 विधेयक के नाम के बारे मे कई लोगों का अपना-अपना मत हो सकता है, लेकिन ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ की शब्दावली ही अपने आप में हमारी सरकार की, हमारे प्रधानमंत्री जी की और समाज में महिलाओं को देखने के हमारे दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है।
 मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत की संस्कृति में महिलाओं का बहुत बड़ा स्थान रहा है। यह हमारा और आपका नहीं है, हमारे पूर्वजों ने हमारी संस्कृति ने महिलाओं को जिस तरीके से समाज में प्रतिस्थापित किया, वह यह बताता है कि हमेशा ही हमारी संस्कृति में महिलाओं का स्थान उज्ज्वल रहा है। इसलिए वे ‘पिछड़ी’ हैं, वे ‘असहाय’ हैं, वे ‘अबला नारी’ हैं यह शब्दावली हमारी नहीं रही है।
 प्रधानमंत्री जी जब कहते हैं ‘महिला सशक्तीकरण’, तो वे हमेशा ‘महिला-नीत विकास’ की बात करते है। भारतीय संस्कृति में नारी का आर्थिक स्वायत्तता मे हमेशा स्थान रहा है। उसके सामाजिक जीवन में आर्थिक स्वायत्तता रही है। अध्यात्म से लेकर अध्यापन तक नारी का विशेष योगदान रहा है।
 जब हम गुलामी के काल से गुजरे, मध्यकाल से गुजरे तो उस समय पर्दा प्रथा से लेकर महिलाओं का कुछ जो उत्थान का स्थान था, उसमे कमी आयी। वैदिक काल में भी हमारे यहां विदुषियों की कोई कमी नहीं थी।
 मैं यह भी बोलना चाहूंगा कि आज के युग में भी अगर हम देखें, तो 21वीं शताब्दी महिलाओं की शताब्दी है। फिर चाहे ज्ञान हो, विज्ञान हो, सैन्य शिक्षा हो, सैन्य सुरक्षा हो या अर्थ जगत हो, हमे खुशी है कि आज हमारे भारत की महिलाएं अपने आपको नेतृत्व की भूमिका में लेकर आई हैं। आज सॉफ्टवेयर की दुनिया में हमारी 21 प्रतिशत महिलाएं ऐसी है, जो नेतृत्व की भूमिका में हैं। इसलिए जब हम ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को लाकर उनका सशक्तीकरण कर रहे हैं, तो यह हम उनके ऊपर एहसान नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह उनका सम्मान है, यह उनका सशक्तीकरण है। यह उनकी सहभागिता को बढ़ाने का कार्य है।
 मै यहां यह भी कहना चाहता हूं कि हम कुछ धारणाएं बदल दें। मैं यह अपने आधार पर नहीं कह रहा हूं, बल्कि शोध के आधार पर कह रहा हूं। शोध ने यह बताया है कि महिलाओं की संवेदनशीलता ज्यादा है और संवेदनशीलता वाले विषयों पर निर्णय लेने की उनकी क्षमता ज्यादा तेज है। शोध यह भी बताती है कि जन प्रतिनिधि के रूप में महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक सुलभ हैं। जहां महिला प्रतिनिधि होती है, वहां भ्रष्टाचार का स्तर कम होता है।
 कुछ सदस्यगण ने सुझाव दिया कि इस विधेयक को अभी से लागू कर दिया जाए। मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि कुछ संवैधानिक व्यवस्थाएं होती हैं और कुछ संवैधानिक तरीके से कार्य करना का तरीका होता है। महिलाओं के लिए कौन-सी सीटें आरक्षित करनी हैं इसका फैसला सरकार नहीं बल्कि एक अर्ध-न्यायिक निकाय करता है। उसको नामित करना पड़ता है। भारतीय जनता पार्टी का इस विधेयक से कोई राजनीतिक लाभ लेने का इरादा नहीं है, बल्कि हमारा उद्देश्य महिलाओं का सही मायने में सशक्तीकरण करने का है।
 भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मैं यहां यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को स्थान देने में हमेशा अग्रसर रही है। हम पहली पार्टी और अकेली पार्टी हैं, जो संवैधानिक तौर पर महिलाओं को हर समिति में 33 प्रतिशत आरक्षण देती है।
 मोदीजी के नेतृत्व में प्रथम महिला विदेश मंत्री मैडम सुषमा स्वराजजी, प्रथम महिला वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमणजी बनीं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हुए प्रधानमंत्रीजी ने कहा था कि हम लड़कों की चिंता तो करते हैं, लेकिन लड़कियों की चिंता नहीं करते हैं। हमे उनके बारे में भी चिंता करनी चाहिए। इस पर भी बहुत कटाक्ष हुए थे, लेकिन आज मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम जन्म के समय लिंग अनुपात लेवल में 19 प्वाइंट्स आगे बढ़कर आ गए हैं। महिलाओं का लिंग अनुपात बढ़ गया है।
 आज 12 करोड़ बहनों को इज्जत घर दिए गए हैं। उन्हें इज्जत देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। आपको जानकर खुशी होगी कि ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ में 69 प्रतिशत स्वामित्व, संयुक्त रूप या व्यक्तिगत रूप से महिलाओं के पास है। महोदय, ऐसी 9.58 करोड़ बहने हैं, जिन्हें एलपीजी गैस का कनेक्शन दिया गया है। आज ‘जल जीवन मिशन’ के माध्यम से दस करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन की कवरेज दी जा रही है।
 ये तुष्टीकरण की राजनीति करते थे, ये वोट बैंक की राजनीति करते थे। यह प्रधानमंत्री मोदी जी की इच्छाशक्ति थी, आज ट्रिपल तलाक खत्म हो गया और मुस्लिम महिलाओं को इज्जत से जीने का अधिकार अगर किसी ने दिया, तो प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिया।
 इन सारे महिला सशक्तीकरण के कार्यक्रमों के माध्यम से देश को आगे बढ़ाने का काम किया गया है। इसी में आज एक नई कड़ी जुड़ रही है और वह ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को पास करना है। मैं यह कहना चाहता हूं कि सब लोगों को साथ मिलकर इस विधेयक का समर्थन करना चाहिए और इसे पारित करना चाहिए। इन्हीं शब्दों के साथ मैं इसका समर्थन करता हूं और सबसे समर्थन मांगता हूं।