आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बने 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड

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इस योजना के तहत 6.2 करोड़ मुफ्त अस्पताल भर्ती से गरीब और
कमजोर तबके के 1.25 लाख करोड़ से अधिक रुपये की बचत हुई

युष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) ने 12 जनवरी, 2024 को 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की बड़ी सफलता हासिल की है। इस प्रमुख योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) कार्यान्वित कर रहा है। इसका लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।

आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत आयुष्मान कार्ड का निर्माण सबसे बुनियादी गतिविधि है और यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार ठोस प्रयास किए जा रहे हैं कि योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड हो। लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप इस योजना के तहत 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की उपलब्धि हासिल हो चुकी है। पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान ही 16.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। आज की तारीख में वर्ष 2023-24 के दौरान 7.5 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि हर मिनट लगभग 181 आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।

अब तक महिलाओं के लिए लगभग 14.6 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। यह योजना महिला लाभार्थियों को जारी किए गए 49 प्रतिशत आयुष्मान कार्डों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में क्षेत्रीय समानता और आय समानता के साथ लैंगिक समानता हासिल करने का प्रयास कर रही है। साथ ही, इस योजना के तहत प्रदान किए गए उपचार का 48 प्रतिशत लाभ महिला द्वारा उठाया गया है। इस प्रकार, लैंगिक समानता इस योजना के मूल डिजाइन का हिस्सा है।

इसके अलावा, आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाईके तहत 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती की सुविधा दी गई। जिस पर 79,157 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया। यदि लाभार्थियों ने एबी पीएम-जेएवाई के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का लाभ उठाया होता, तो उपचार की कुल लागत लगभग 2 गुना अधिक हो जाती। इस प्रकार, गरीबों और वंचित परिवारों के जेब खर्च से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई।