प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 में 6,23,10,598 ऋण किए गए स्वीकृत

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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 में 6,23,10,598 ऋण स्वीकृत किये गए। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने 31 जुलाई को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का उद्देश्य नवीन अथवा मौजूदा सूक्ष्म इकाइयों/उद्यमों को 10 लाख रुपये तक संस्थागत वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करना है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने पिछले दो वर्षों के दौरान इस योजना के तहत ऋण लेने वाले लोगों को स्वीकृत किये गए ऋणों की संख्या के बारे में भी बताया, जो वित्त वर्ष के आधार पर इस प्रकार है:

वित्तीय वर्ष 2021-22 — 5,37,95,526
वित्तीय वर्ष 2022-23 — 6,23,10,598

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण देने वाले सदस्य संस्थानों (एमएलआई) अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों (एमएफआई) द्वारा 10 लाख रुपये तक का समानान्तर-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान किया जाता है।

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, जो इस योजना के तहत ऋण लेने हेतु पात्रता रखता है और उसके पास लघु व्यवसाय या उद्यम करने के उद्देश्य से व्यावसायिक योजना है, तो वह विनिर्माण, व्यापार व सेवा जैसे क्षेत्रों में आय सृजन की गतिविधियों तथा कृषि से संबद्ध कार्यों के लिए योजना के अनुसार ऋण प्राप्त कर सकता है। इन ऋणों को तीन श्रेणियों में प्राप्त किया जा सकता है अर्थात् शिशु (50,000/- रुपये तक का ऋण), किशोर (50,000/- रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक का ऋण) तथा तरुण (5 लाख रुपये से अधिक व 10 लाख रुपये तक का ऋण)।