असम ए-वन राज्य बनता जा रहा है : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री का असम दौरा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल को असम में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया। वे एक विशाल बिहू नृत्य कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने एम्स, गुवाहाटी और तीन अन्य मेडिकल कॉलेजों को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने गुवाहाटी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह कार्यक्रम को संबोधित भी किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल को असम के गुवाहाटी के सरुसजई स्टेडियम में 10,900 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। परियोजनाओं में ब्रह्मपुत्र नदी पर पलाशबाड़ी और सुआलकुची को जोड़ने वाले पुल का शिलान्यास करना, शिवसागर में रंग घर के सौंदर्यीकरण के लिए एक परियोजना, नामरूप में 500 टीपीडी मेन्थॉल संयंत्र का उद्घाटन और पांच रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने दस हजार से अधिक बिहू कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग बिहू कार्यक्रम भी देखा।

सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज के शानदार नजारे को देखने वाला कोई भी व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में इसे कभी नहीं भूलेगा। ये अकल्पनीय है, ये अभूतपूर्व है। ये असम है। उन्होंने कहा कि ढोल, पेपा और गोगोन की आवाज आज पूरे भारत में सुनी जा सकती है। असम के हजारों कलाकारों के प्रयास और तालमेल को देश के साथ-साथ दुनिया भी बड़े गर्व के साथ देख रही है। इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कलाकारों के जोश और उत्साह की सराहना की। प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की अपनी यात्रा को याद किया जब उन्होंने उस दिन के बारे में कहा था कि जब लोग ‘ए फॉर असम’ की आवाज उठाएंगे और कहा कि राज्य आखिरकार ए-वन राज्य बन रहा है। श्री मोदी ने बिहू के अवसर पर असम और देश के लोगों को बधाई दी।

भारत की विशेषता इसकी परम्पराएं हैं

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि भारत की विशेषता इसकी परम्पराएं हैं जो हजारों वर्षों से प्रत्येक भारतीय को एक साथ जोड़ती रही हैं। उनका मानना था कि राष्ट्र गुलामी के बुरे और भयावह समय में एक साथ खड़ा रहा और भारत की संस्कृति और विरासत ने अनेक हमले झेले। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अमर रहा, भले ही इसने शक्तियों और शासकों में कई बदलाव देखे जो आए और चले गए। श्री मोदी ने टिप्पणी की कि प्रत्येक भारतीय की चेतना देश की मिट्टी और परंपराओं से बनी है और यह विकसित भारत की नींव भी है।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि कनेक्टिविटी को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने को काफी लंबे समय तक बहुत ही संकीर्ण सोच के साथ देखा जाता था। श्री मोदी ने कहा कि आज कनेक्टिविटी के प्रति संपूर्ण दृष्टिकोण बदल गया है। उन्होंने कहा कि आज, कनेक्टिविटी एक चार-आयामी उद्यम (महायज्ञ) है। उन्होंने कहा कि ये चार आयाम भौतिक संपर्क, डिजिटल संपर्क, सामाजिक संपर्क और सांस्कृतिक संपर्क हैं।

श्री मोदी ने कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हालांकि कनेक्टिविटी का अभाव हमेशा एक समस्या रही, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा इस इलाके में सड़क, रेल और हवाई संपर्क पर जोर देकर दूर किया जा रहा है। पिछले 9 वर्षों के दौरान कनेक्टिविटी के विस्तार से जुड़ी उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अधिकांश गांवों के लिए समग्र सड़क कनेक्टिविटी, नए हवाई अड्डों पर पहली बार कामकाज शुरू होने और वाणिज्यिक उड़ानें संचालित किए जाने, मणिपुर और त्रिपुरा में ब्रॉड गेज ट्रेनों के पहुंचने, पूर्वोत्तर में पहले की तुलना में तीन गुना तेजी से नई रेल लाइनें बिछाए जाने और रेल लाइनों का दोहरीकरण पहले की तुलना में लगभग 10 गुना तेजी से होने का उल्लेख किया।

रेल पहली बार असम के एक बड़े हिस्से में पहुंची है

श्री मोदी ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि आज 6,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की पांच रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, जो असम सहित उत्तर पूर्वी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से के विकास को गति प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल पहली बार असम के एक बड़े हिस्से में पहुंची है और रेल लाइनों के दोहरीकरण से असम के साथ-साथ मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड को आसानी से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आस्था और पर्यटन स्थलों की यात्रा अब आसान हो जाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि विकास के लिए विश्वास का धागा समान रूप से ही सशक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप आज पूर्वोत्तर में हर जगह स्थायी शांति है। कई युवा हिंसा का मार्ग त्याग कर विकास के पथ पर चलने लगे हैं। श्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में अविश्वास का भाव दूर हो रहा है और दिलों के बीच की दूरियां भी मिट रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी के अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण के लिए हमें इस माहौल को और आगे ले जाना होगा। श्री मोदी ने कहा कि हमें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना से आगे बढ़ना है।

इस अवसर पर असम के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री श्री हेमंता बिस्वा सरमा, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली तथा असम सरकार के मंत्री भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।