‘बाबा साहब के कर्तृत्व को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है भाजपा सरकार’

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 4 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज ग्राउंड, बीकानेर में संभाग स्तरीय अनुसूचित जाति सम्मेलन को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, पिछड़ों, आदिवासी एवं किसानों के कल्याण के लिए किये गए कार्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कांग्रेस पर इन वर्गों की अनदेखी का आरोप लगते हुए करारा प्रहार किया।

श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद से ही बाबा साहब को उनके विराट व्यक्तित्व के अनुरूप कभी स्थान नहीं दिया गया, बल्कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उन्हें कमतर आंकने के निरंतर षड्यंत्र होते रहे। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के रूप में देश को एक ऐसा सच्चा सेवक मिला है, जिसके नेतृत्व में बाबा साहब के सपनें ईमानदारी से धरातल पर साकार होते दिख रहे हैं। अब दलित समाज सक्षम, शिक्षित और प्रगतिशील दिशा में सशक्त रूप में आगे बढ़ रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बड़ी हैरत की बात है कि कांग्रेस पार्टी जिन बाबा साहब और दलितों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश करती रही, उसने धरातल पर न तो बाबा साहब को सम्मान दिया और न ही दलित समाज को। उन्होंने कहा कि 70 साल बाद कांग्रेस को अंबेडकर याद आ रहे हैं, लेकिन ऐसे अनेक बड़े सवाल हैं जो कांग्रेस की बाबा साहब की अनदेखी को इंगित करते हैं। उन्होंने प्रश्न पूछते हुए कहा कि राहुल गांधी बताइये कि आजादी के तुरंत बाद बाबा साहब को संसद में आने से किसने रोका, बाबा साहब को उप-चुनाव लड़ने से किसने रोका, जब तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही, बाबा साहब को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, बाबा साहब का तैल चित्र संसद में क्यों नहीं लगने दिया और बाबा साहब से जुड़े पंचतीर्थों का पुनरुद्धार कांग्रेस ने क्यों नहीं किया ?

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार बाबा साहब के संघर्षों, त्याग और बलिदान की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब की स्मृति में पंचतीर्थ का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से पहला तीर्थ उनकी जन्मभूमि मऊ (मध्य प्रदेश) में बनाया जा रहा है। दूसरा लंदन में बनाया जा रहा है, जहां बाबा साहब ने वकालत की पढ़ाई की। तीसरा तीर्थ दीक्षाभूमि के नाम से नागपुर में बनाया गया है। चौथा तीर्थ बाबा साहब की महापरिनिर्वाण स्थल के रूप में दिल्ली में उनको समर्पित है, बाबा साहब की स्मृति में पांचवा तीर्थ मुंबई में चैतन्य भूमि के नाम से बनाया जा रहा है, जबकि इन पुण्य स्मृतियों पर बहुत पहले ही कार्य हो जाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के जनपथ में हमने बाबा साहब को समर्पित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण किया, जहां हमने हाल ही में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक करके बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब को भारत रत्न सम्मान तब दिया गया जब केंद्र से कांग्रेस सरकार की विदाई हुई। जब केंद्र में श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व में भाजपा-नीत एनडीए की सरकार आई, तब जाकर संसद में बाबा साहब का तैल चित्र लग पाया। उन्होंने कहा कि जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब बड़ौदा में बाबा साहब के स्मारक का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाकर बाबा साहब की जयंती मनाई और उन्हें समग्र राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। यह श्री मोदी हैं जिन्होंने रिजर्व बैंक से बाबा साहब की याद में सिक्के की शुरुआत की।

कांग्रेस अध्यक्ष पर करारा प्रहार करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद आपको दलित हित की याद आई है, जब आप सत्ता में थे तब आपने क्या किया ?

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से हर बैंक से दलितों एवं आदिवासियों को स्वरोजगार के लिए मुद्रा बैंक योजना के तहत लोन देने का आग्रह किया जिसका परिणाम यह रहा कि मुद्रा बैंक योजना में 30% से अधिक लाभार्थी दलित और आदिवासी युवा हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का सबसे अधिक लाभ देश के अनुसूचित समाज को ही मिला है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में 10 सालों तक सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस सरकार चली, लेकिन दलित समाज के विकास के लिए बजट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई। मोदी सरकार ने आते ही एक ही साल में इसमें लगभग 12% और पांच सालों में लगभग 37% की बढ़ोत्तरी की। इतना ही नहीं, दलित छात्रों के प्री मैट्रिक आर्थिक मदद में भी वृद्धि करते हुए रकम की अदायगी की गई है।

श्री शाह ने कहा कि वसुंधरा सरकार के दौरान राजस्थान में दलितों के ऊपर होने वाले अत्याचार के आंकड़े में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार की तुलना में भाजपा की वसुंधरा सरकार में इसमें लगभग 11% की कमी दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, वसुंधरा सरकार ने दलित भाइयों के लिए अनुसूचित जाति विकास सहकारी निगम के दो लाख रुपये तक के लोन माफ़ कर दिए हैं। साथ ही, राज्य की सभी नगरपालिकाओं में एक-एक अंबेडकर भवन के लिए 80 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है।