भाजपा नेता गिरीश बापट नहीं रहे

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भाजपा नेता एवं सांसद श्री गिरीश बापट का लंबी बीमारी के बाद 30 मार्च को पुणे में निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। श्री बापट ने पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका सांस संबंधी समस्याओं के लिए इलाज चल रहा था।

वह पुणे शहर से लोकसभा सदस्य थे, उन्हें जिले में पार्टी के आधार को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है। श्री बापट 2019 के आम चुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए। इससे पहले, वह कस्बा पेठ सीट से 1995 से 2014 तक लगातार पांच बार राज्य विधान सभा के लिए चुने गए थे। वह 2009 से 2014 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में राज्य मंत्री रहे। आपातकाल के दौरान श्री बापट 19 महीने जेल में रहे। उन्होंने टेल्को कंपनी में एक मजदूर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की, जहां वे एक सक्रिय यूनियन सदस्य थे।

श्री बापट ने 1980 के दशक में राजनीति में प्रवेश किया और 1983 में पुणे नगर निगम (पीएमसी) में नगरसेवक के रूप में चुने गए। कस्बा विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुने जाने से पहले वे लगातार तीन बार नगरसेवक चुने गए। उसके बाद उन्होंने 2019 में पुणे शहर से लोकसभा चुनाव जीता। उनके निधन पर सभी राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ श्री बापट का अंतिम संस्कार किया। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने श्री बापट के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “भाजपा के वरिष्ठ नेता व पुणे से सांसद गिरीश बापट जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। आपका संपूर्ण जीवन जनसेवा व संगठन के लिए समर्पित रहा। दुःख की इस घड़ी में भाजपा परिवार शोकाकुल परिजनों के साथ है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।”

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि श्री बापट एक ऐसे नेता थे जो जमीन से उठकर आये, लेकिन सदैव जमीन से जुड़े रहे। उन्होंने कहा, ‘राजनीति और लोगों की जरूरतों के बारे में उनकी समझ एक ऐसा विषय थी, जिसका हमेशा दूसरों द्वारा अनुकरण किया गया।’ उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि श्री बापट ऐसे नेता थे जिनका कोई शत्रु नहीं था।