भाजपा ने आंध्र प्रदेश में ‘प्रजा पोरु यात्रा’ का आयोजन किया

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सुनील देवधर

       आंध्र प्रदेश भ्रष्ट वाईएसआरसीपी सरकार से पीड़ित है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी सभी मोर्चों पर विफल हो रहे हैं। अन्य राज्यों की तुलना में भाजपा एक संगठन के तौर पर आंध्र प्रदेश में जमीनी स्तर पर उतनी मजबूत नहीं है। ऐसी स्थिति में संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच संगठन के आधार को बढ़ाने के लिए हाल ही में भाजपा आंध्र प्रदेश प्रदेश इकाई द्वारा आरंभ एक पहल काफी हद तक सफल रही है। इस लेख के माध्यम से मैं उक्त पहल के बारे में जानकारी साझा करना चाहता हूं। जब भाजपा के राष्ट्रीय सह- महामंत्री (संगठन) श्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी श्री वी. मुरलीधरन, प्रदेश अध्यक्ष श्री सोमू वीरराजू, प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री मधुकर और अन्य प्रमुख नेताओं ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के भ्रष्टाचार के खिलाफ किए जाने वाले आंदोलन के बारे में चर्चा की, तो एक अनूठी पहल सामने आई और इसे ‘प्रजा पोरु स्ट्रीट कॉर्नर मीटिंग्स’ की उपाधि दी गई। इस तेलुगु शब्द ‘प्रजा पोरु’ का अर्थ ‘जनता की लड़ाई’ है।

आंध्र प्रदेश राज्य में लगभग 45,000 मतदान केंद्र हैं और प्रत्येक शक्ति केंद्र के दायरे में 4 या 5 मतदान केंद्र लाकर पूरे राज्य में कुल 10,000 शक्ति केंद्र बनाए गए हैं। इन 10,000 शक्ति केंद्रों में से लगभग 8,000 शक्ति केंद्रों में कम से कम एक कार्यकर्ता मौजूद है और उसे शक्ति केंद्र प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।

प्रदेश की एक विपक्षी पार्टी होने के नाते जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए हमने शक्ति केंद्र पर नुक्कड़ सभाएं आयोजित करने की योजना बनाईं और एक लक्ष्य निर्धारित किया कि एक महीने की अवधि में 5,000 नुक्कड़ सभाएं की जाएं।

इन सभी नुक्कड़ सभाओं में हमने देश की अखंडता को मजबूत करने के साथ-साथ भारत की सुरक्षा, सर्वांगीण विकास, गरीब और वंचित लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए जा रहे पथ प्रदर्शक कार्यों के बारे में जानकारी फैलाने का निर्णय लिया।

इसके अलावा, हमने आंध्र प्रदेश के लोगों को जगन मोहन रेड्डी के विफल शासन से अवगत कराने का भी फैसला किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए चार अलग-अलग कमेटियों का गठन किया गया। इन नुक्कड़ सभाओं के जमीनी क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया गया। एक समिति जिसे मसौदा समिति कहा जाता है, गठित की गई। उक्त समिति का काम प्रधानमंत्री मोदी जी की जन-समर्थक योजनाओं को सूचीबद्ध करने वाले एक दस्तावेज का मसौदा तैयार करना और मुख्यमंत्री जगन की विफलताओं को सूचीबद्ध करने वाला एक अन्य दस्तावेज तैयार करना था। कुछ जगहों पर विधानसभा क्षेत्र स्तर पर स्थानीय मुद्दों को सूचीबद्ध करने वाले दस्तावेज भी तैयार किए गए।

प्रचार-प्रसार और अन्य सामग्री की देखभाल के लिए एक अन्य समिति का गठन किया गया, जिसके माध्यम से पर्याप्त मात्रा में साहित्य, पार्टी के झंडे, टोपियां, पोस्टर, बैनर, स्टिकर आदि की आपूर्ति का पर्याप्त ध्यान रखा गया। ‘प्रजा पोरु यात्रा’ के आयोजन में सबसे बड़ा मुद्दा वक्ताओं का था। जैसाकि एक महीने के अंतराल में 5,000 बैठकें करने की योजना थी, तो कम से कम 166 बैठकें प्रतिदिन करना आवश्यक था। ऐसे में सभाओं को संबोधित करने के लिए कई वक्ताओं की आवश्यकता हुई।

इसको देखते हुए प्रदेश इकाई ने एक वक्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया और उसी में विषय प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान की गई। जैसे-जैसे कार्यक्रम आरंभी हुआ, वैसे-वैसे लोगों की दिलचस्पी दिन-ब-दिन बढ़ती गई और प्रजा पोरु सभाएं सफल होती गईं और पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ता गया। जबकि हमने 5,000 बैठकों की कल्पना की है, यह आंकड़ा वास्तव में उक्त एक महीने के अंत में 6,700 से अधिक बैठकों तक पहुंच गया है। कुल मिलाकर यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा।

प्रजा पोरु बैठकों के कुछ लाभ

1. भाजपा एक संगठन के रूप में प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक सक्रिय हुआ और आंध्र प्रदेश के लोगों में उत्साह का माहौल बना।
2. इस पहल के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर बूथ कमेटियां बनाई गईं, जहां पहले पार्टी का अस्तित्व ही नहीं था।
3. बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के कार्यकर्ता और सदस्य, जो अपने-अपने दलों से नाराज थे, भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। इसके साथ ही सूक्ष्म स्तर पर ज्वाइनिंग प्रोग्राम पूरे किए गए।
4. आंध्र प्रदेश में मीडिया का एक वर्ग हमारा विरोधी है। लगभग सभी मीडिया हाउस हमारे बारे में झूठ फैलाने का काम करते हैं और सोशल मीडिया पर बहुत कम गतिविधियां होती हैं। लेकिन प्रजा पोरु सभाओं की सफलता के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा के विचार, मोदी सरकार के महान कार्य प्रदेश की जनता तक पहुंचे। यहां तक कि मुख्यधारा के टीवी चैनलों और समाचार पत्रों को भाजपा के इस ‘सफल अभियान’ का संज्ञान लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
5. इस अभियान कारण जमीनी स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के निर्माण सहयोग मिला, समाज के सभी वर्गों के लोग पार्टी कार्यकर्ताओं के तौर पर जुड़े,और हम इस बात को मजबूती के साथ जनता तक ले जाने में सफल रहे कि भाजपा भ्रष्ट जगन मोहन रेड्डी सरकार का एक विकल्प है।
हमारे इस कार्यक्रम से वाईएसआरसीपी के कई विधायक और नेता चिंतित थे और उन्होंने हमारे कार्यक्रम को रोकने को पूरा प्रयास किया।

बहरहाल, मैं उन कार्यकर्ताओं का हृदय से आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने कड़ी मेहनत की; मुद्दों पर अपना समय, ऊर्जा और प्रयास लगाये और हमारे कार्यक्रम को भव्य रूप से सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योगदान दिया।

                                                                               (लेखक भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और
                                                                                 भाजपा, आंध्र प्रदेश के सह-प्रभारी हैं)