हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच महापौर पदों पर जीत दर्ज की है। भाजपा के महापौर पद के उम्मीदवार हिसार, रोहतक, यमुनानगर, पानीपत और करनाल नगर निगम सीटों पर भारी अंतर से जीतकर आए हैं, जिसके लिए 16 दिसंबर को चुनाव हुए थे। चुनावों का नतीजा 19 दिसंबर, 2018 को घोषित किया गया।
इन पांच नगर निगमों के महापौरों को राज्य में पहली बार मतदाताओं द्वारा सीधे चुना गया है। भाजपा को इन पांच नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 107 वार्डों में से 62 वार्डों पर जीत हासिल हुई। वहीं इस बार स्वतंत्र उम्मीदवार ने भी 48 सीटों पर कामयाबी दर्ज की है, यह नतीजे सभी के लिए आश्चर्य चकित करने वाले रहे। इसके अतिरिक्त जाखल मंडी (फतेहाबाद) और पुंडरी (कैथल) नगरपालिका समितियों के 13 वार्डों पर भी चुनाव संपन्न हुए।
इन चुनावों को हरियाणा में चार साल से अधिक समय से सत्ता में आसीन भाजपा सरकार की लोकप्रियता की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था।
इस दौरान भाजपा ने महापौर की सभी सीटों और नगर निगमों के 107 वार्डों पर चुनाव लड़ा, जबकि बसपा और माकपा ने एक-एक सीट पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल ने हिसार, पानीपत और रोहतक की तीन सीटों पर चुनाव लड़ा और वोटों की संख्या के मामले में पार्टी दूसरा स्थान भी सुरक्षित नहीं कर पायी, जबकि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उताकर, केवल अन्य उम्मीदवारों के समर्थन का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में, भाजपा की महापौर उम्मीदवार रेणु बाला ने स्वतंत्र आशा वाधवा को 9348 वोटों के अंतर से हराया, जिन्हें कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय लोकदल दोनों का समर्थन प्राप्त था। रेणु बाला को 69960 वोट मिले।
पानीपत में, भाजपा के उम्मीदवार अवनीत ने स्वतंत्र अंशु पाहवा को 74940 के भारी अंतर से शिकस्त दी। अवनीत को 126321 वोट मिले।
जाट बाहुल्य रोहतक में भाजपा उम्मीदवार मनमोहन गोयल ने 14776 मतों के अंतर से निर्दलीय उम्मीदवार सीताराम सचदेव को हराकर जीत दर्ज की। मनमोहन को 65822 वोट मिले।
दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माने जाने वाले रोहतक में जीत ने भाजपा को एक नयी ताकत दी है, जबकि यह चुनावी परिणाम कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन गए है। श्री भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे श्री दीपेंद्र हुड्डा, जो रोहतक से भी सांसद हैं, ने चुनाव के दौरान स्वतंत्र सीताराम सचदेवा को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी।
हिसार में भाजपा के गौतम सरदाना ने भी स्वतंत्र उम्मीदवार रेखा एरेन के खिलाफ आसान जीत हासिल की, स्वतंत्र उम्मीदवार रेखा एरेन को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। गौतम ने 68196 वोट हासिल किए और 28091 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
यमुनानगर में भाजपा के उम्मीदवार मदन सिंह ने स्वतंत्र उम्मीदवार राकेश कुमार के खिलाफ 40678 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। जहां मदन सिंह को 91642 वोट मिले, वहीं राकेश कुमार को 50964 वोट मिले। जहां तक पांच नगर निगमों में पार्षदों / वार्ड सदस्यों के चुनाव का सवाल है, भाजपा ने हिसार में 20 वार्डों में से सात वार्डों पर, करनाल में 20 वार्डों में से 12 वार्डों पर, पानीपत में 26 वार्डों में से 22 वार्डों पर, रोहतक में कुल 22 में से आठ वार्डों पर और यमुनानगर में 22 वार्डों में से 13 वार्डों पर जीत दर्ज की।
यह चुनाव इस लिहाज से भी भाजपा के लिए खास हो जाते हैं, क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी इनेलो इन चुनावों में दूसरा स्थान भी हासिल नहीं कर सकी।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इन चुनावों में भाजपा की जीत को नागरिकों द्वारा अपनी सरकार के बेहतरीन प्रदर्शन को स्वीकृति बताते हुए कहा कि पांच महापौर पदों पर भाजपा की जीत बताती है कि नागरिकों ने हरियाणा में सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त हमारी सरकार को आशीर्वाद दिया है और हम निरंतर जनता के लिए काम करते रहेंगे।