कोयले के उत्पादन में 28 अक्टूबर, 2023 तक 12.81 प्रतिशत की हुई वृद्धि

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42.32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए कोयले का कुल स्टॉक 53.23 मिलियन टन तक पहुंच गया

केंद्रीय कोयला मंत्रालय के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 28 अक्टूबर 2023 तक देश में कोयले के उत्पादन में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12.81 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

सीआईएल की वृद्धि दर की प्रतिशतता 11.90 प्रतिशत, एससीसीएल की 7.82 प्रतिशत और कैप्टिव एवं वाणिज्यिक खदानों की वृद्धि दर 20.94 प्रतिशत है। कोयले की कुल आपूर्ति में 11.70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और विद्युत क्षेत्र को की गई आपूर्ति में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 7.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

कोयला मंत्रालय ने ईसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल और डब्ल्यूसीएल जैसी उन कोयला कंपनियों में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, जहां रेलवे (कमीशन किए गए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर सहित) के अपेक्षाकृत बेहतर निकासी संबंधी लॉजिस्टिक्स उपलब्ध हैं। ईसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल और डब्ल्यूसीएल के कोयले के उत्पादन में क्रमशः 18.70 प्रतिशत, 17.60 प्रतिशत, 13.90 प्रतिशत और 18.00 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

कोयला उत्पादक राज्यों में अक्टूबर की शुरुआत में हुई अभूतपूर्व वर्षा के बाद पिछले 15 दिनों के दौरान कोयले के उत्पादन में तेजी आई है। मात्र पिछले 15 दिनों के दौरान ही सभी स्रोतों से होने वाला कुल उत्पादन 26.40 लाख टन प्रतिदिन से अधिक है।

इसके अलावा 28 अक्टूबर, 2023 तक सीआईएल, एससीसीएल, कैप्टिव खदानों के निकासी स्थल पर कुल कोयला स्टॉक और पारगमन में कोयले की आपूर्ति पिछले वर्ष की इसी अवधि के 37.40 एमटी की तुलना में 53.23 एमटी है, जोकि 42.32 प्रतिशत अधिक है।

आम तौर पर पहली छमाही में कोयले का उत्पादन और परिवहन कम होता है, क्योंकि वर्ष की पहली छमाही में मुख्य रूप से गर्मी होती है और उसके बाद मानसून आता है। मानसून के बाद उत्पादन और परिवहन की स्थिति अनुकूल होती है और दूसरी छमाही में कोयले की आपूर्ति खपत से अधिक होती है। इसलिए, वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान विद्युत संयंत्रों और खदानों में कोयले का भंडार बढ़ गया है।