विकास ही देश का मंत्र है, विकास की ही जीत होगी : नरेन्द्र मोदी

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गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकास ही देश का मंत्र है और विकास की ही जीत होगी। लोगों में विकास की भूख जगी है, सरकारों की प्राथमिकता बनी है, इस विकास को पटरी से उतारने की हरकतें कृपा करके मत कीजिए।
प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में लगातार चुनाव आते रहते हैं, हर चुनाव को एक नए रंग रूप से रंगा जाता है। सच्चाई ये है कि 2014 मई में लोकसभा चुनाव के बाद इस देश में विकास का एक माहौल बना है। विकास की भूख जगी है। सरकारों की प्राथमिकता बनी है। ऐसे में भाजपा आपको पसंद हो या न हो, लेकिन देश को विकास के रास्ते से पटरी से उतारने (डिरेल) की हरकतें कृपा करके मत कीजिए।

उन्होंने कहा कि जिस दिन भाजपा हार जाए, महीने भर जश्न मनाइए, देश का नुकसान नहीं होगा। पर देश जब विकास के मंत्र को लेकर साथ आगे बढ़ रहा है, तो कहूंगा कि अवसर आया है कि एक ऐसी सरकार है जिसमें फैसले लेने की ताकत है। ऐसी सरकार है जिसकी नीयत साफ है, एक ऐसी सरकार है जो सामूहिक नेतृत्व और सहकारी संघवाद की भावना के साथ चलती है। एक ऐसी सरकार है जो सबका साथ, सबका विकास के भाव के साथ काम करती है।
श्री मोदी ने कहा कि मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन सत्ता के भूख के कारण इस चुनाव में कुछ लोगों ने न जाने कैसे कैसे प्रयास किये। 30 साल पहले जातिवाद का जहर इतना जेहन में डाल दिया गया था, उसको निकालते-निकालते मेरे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के 30 साल खप गए, तब जाकर वो जातिवाद निकला।

उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और विकास की दिशा में चलें, जहां हैं वहां से आगे चलें, कुछ बाकी है तो उसे पूरा करें, इसी भाव से चलें। लेकिन सत्ता भूख के कारण इस चुनाव में कुछ लोगों ने, मैं किसी की आलोचना करने नहीं आया हूं, पर गुजरात को कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ महीने में फिर से जातिवाद के बीज बोने के प्रयास हुए हैं, जिसे गुजरात की जनता ने नकार दिया है, पर गुजरात की जनता को पहले से ज्यादा जागरुक होना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गुजरात के लोगों से इस विजय के बाद भी कहने का साहस कर रहा हूं कि मेरे प्यारे गुजरात के लोग, साढ़े 6 करोड़ गुजराती एक हैं, नेक हैं। आगे बढ़ने का विश्वास लेकर चलने वाले हैं, जो हुआ, उसे छोड़ दो, किसने किया उसे भूल जाओ, फिर से एकता के बंधन में बंध जाएं।
उन्होंने कहा कि एक भी भाई हमसे अलग नहीं हो सकता है। एक भी गुजराती हमसे अलग नहीं हो सकता है। कुछ लोगों ने खेल खेले। वे अपनी हरकतें छोड़ेगे नहीं, इसलिए एकता का मंत्र लेकर सभी समाज से मिलकर चलें। गुजरात अकेला नहीं है। उसके विकास से देश को लाभ मिलता है। देश के लिए राज्यों का विकास आवश्यक है और गुजरात जैसे राज्यों की जिम्मेदारी ज्यादा है।