भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी नहीं रहे
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री सुशील कुमार मोदी का 13 मई, 2024 को नई दिल्ली के एम्स में 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा “पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी’ और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दु:ख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे। राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी। उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।”
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ के माध्यम से कहा, “भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। विद्यार्थी परिषद् से लेकर अभी तक हमने साथ में संगठन के लिए लंबे समय तक काम किया। सुशील मोदी जी का पूरा जीवन बिहार के लिये समर्पित रहा। बिहार को जंगलराज से बाहर निकालकर विकास के पथ पर लाने में सुशील मोदी जी का प्रयास बहुत मददगार रहा है। उनका न होना असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। प्रभु दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को सम्बल प्रदान करें।”
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने ‘एक्स’ के माध्यम से शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी जी के निधन की सूचना से आहत हूं। आज बिहार ने राजनीति के एक महान पुरोधा को हमेशा के लिए खो दिया। अभाविप से भाजपा तक सुशील जी ने संगठन व सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया। उनकी राजनीति गरीबों व पिछड़ों के हितों के लिए समर्पित रही। उनके निधन से बिहार की राजनीति में जो शून्यता उभरी है, उसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता। दुःख की इस घड़ी में पूरी भाजपा उनके शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।”
श्री सुशील मोदी के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता, श्री सुशील कुमार मोदी के निधन से मुझे गहरा दु:ख हुआ है। उनका लम्बा सार्वजनिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित था। उन्होंने बिहार में पार्टी को मज़बूत और लोकप्रिय बनाने के लिए काफ़ी परिश्रम किया। बिहार के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे।”
श्री सुशील मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता के रूप में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे। उन्होंने इंदिरा गांधी के आपातकाल के आदेश के खिलाफ 1974 में बिहार में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आपातकाल के दौरान उन्हें कठोर मीसा (MISA) कानून के तहत जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल के बाद श्री मोदी ने अभाविप में विभिन्न संगठनात्मक दायित्वों को निभाया। इस दौरान वह राष्ट्रीय महामंत्री पद पर भी रहे।
अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान वह लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद् के लिए चुने गए। बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में श्री मोदी ने राज्य की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा जीएसटी के कार्यान्वयन के लिए राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के रूप में श्री मोदी की नियुक्ति जटिल मुद्दों को समझने और उनसे निपटने की उनकी क्षमता के कारण संभव हुई; इससे उनकी राजनीतिक समझ और बौद्धिक प्रखरता परिलक्षित होती है।