पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस नहीं रहे

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                                                                        (3 जून 1930 -29 जनवरी 2019)

 

प्रख्यात समाजवादी एवं पूर्व रक्षा मंत्री श्री जॉर्ज फर्नांडिस का 29 जनवरी 2019 को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में 88 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

श्री जॉर्ज फर्नांडिस का जन्म मैंगलोर (कर्नाटक) में हुआ था। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी। 1967 के संसदीय चुनाव में बॉम्बे साउथ सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री एसके पाटिल को हराकर वे देशभर में मशहूर हुए। आपातकाल के विरोध में संघर्ष किया। बाद में बिहार के मुजफ्फरपुर से 1977 में वह सांसद बने और उन्हें उद्योग मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। जनता पार्टी सरकार में उन्होंने स्वदेशी के मुद्दों को आगे बढ़ाया। इसके बाद वे जनता दल के साथ हो गए। वह वीपी सिंह सरकार के कार्यकाल में रेल मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने 1989 और 90 में कोंकण रेलवे का विस्तार कराया और मेंगलुरु को मुंबई से जोड़ा। 1994 में उन्होंने अपनी नई पार्टी समता पार्टी बनाई। बाद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक का भी दायित्व संभाला। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह दो बार रक्षा मंत्री रहे। यह दौर इसलिए महत्वपूर्ण था कि उस दौरान पोकरण में भारत में परमाणु बम का परीक्षण किया और 1999 में करगिल का युद्ध लड़ा।

शोक संदेश

जॉर्ज साहब ने भारत की बेहतरीन लीडरशिप का प्रतिनिधित्व किया। वह बेबाक और निर्भीक थे। उन्होंने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया। वह गरीबों की सबसे मजबूत आवाज थे। उनके निधन से दु:खी हूं।’
— नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह की ओर से जारी शोक-संदेश

देश के पूर्व रक्षा मंत्री एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के वरिष्ठ नेता श्री जॉर्ज फर्नांडीज के निधन के समाचार से अत्यंत दुखी हूं। उनके राजनीतिक व्यक्तित्व और नेतृत्व ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं पर दशकों तक अमिट छाप छोड़ी है। वे एक उत्कृष्ट राजनेता और समर्पित समाजसेवी थे।

बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री जॉर्ज फर्नांडीज का भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक योगदान रहा है। वे समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता थे। वे ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन के भी प्रमुख रहे। वे 1967 में पहली बार लोक सभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। वे नौ बार लोकसभा के सांसद रहे। अपने संसदीय जीवन में वे संसद की कई कमिटियों का हिस्सा रहे और उन्होंने रक्षा एवं रेलवे सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला। लोकतंत्र के सजग प्रहरी श्री फर्नांडीज आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जनता की प्रखर आवाज बनकर उभरे, जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। 1977 में उन्होंने जेल से ही चुनाव लड़ा और बिहार के मुजफ्फरपुर से भारी बहुमत से जीत हासिल की। आपातकाल के दौरान उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने NDA के संयोजक के रूप में भी अहम भूमिका निभाई।

कई भाषाओं के जानकार श्री फर्नांडीज का पूरा जीवन समाज की उन्नति और राष्ट्र के विकास के प्रति समर्पित रहा। सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य रहा है। अपने सौम्य व्यक्तित्व और जनता से जुड़ी समस्याओं को उठाने वाले एक उत्कृष्ट समाजसेवी, सांसद एवं जुझारू जन-नेता के रूप में वे सदैव याद किये जायेंगे। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई संभव नहीं है।

दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।