प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर को केवड़िया (गुजरात) में एक जलीय हवाई अड्डे और केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तथा साबरमती रिवरफ्रंट को जोड़ने के लिए समुद्री विमान सेवा का उद्घाटन किया। यह सुदूर क्षेत्रों तक जलीय हवाई अड्डे बनाने की शृंखला का हिस्सा है।
ऐसे समुद्री विमान पानी में उतर सकते हैं और वहीं से उड़ान भी भर सकते हैं और उन क्षेत्रों के लिए अधिक उपयोगी हैं, जहां जमीन पर उतरने या रनवे की सुविधा नहीं है और यह उन भौगोलिक क्षेत्रों से संपर्क करने की दिशा में मददगार हो सकते हैं, जहां दुर्गम क्षेत्रों की वजह से अनेक चुनौतियां हैं।
इस सुविधा से देश के दूर-दराज के क्षेत्र विमानन की मुख्यधारा में आ रहे हैं और यहां हवाई अड्डे तथा रनवे बनाने पर कुछ भी लागत नहीं आएगी। ऐसे छोटे पंखों वाले विमान जलीय क्षेत्रों जैसे झीलों, बांधों, अप्रवाही जल, बजरीयुक्त क्षेत्रों और घास भूमि पर भी उतर सकते हैं और अनेक पर्यटक क्षेत्रों में इनसे संपर्क सुविधा आसानी से मिल सकती है।